नदीम से पूछताछ के बाद कानपुर से एक और संदिग्ध गिरफ्तार, आतंकियों को बनाकर देता था वर्चुअल आईडी – Aaj Tak

यूपी ATS ने सहारनपुर से गिरफ्तार संदिग्ध आतंकी नदीम से पूछताछ के आधार पर कानपुर से हबीबुल उर्फ सैफुल्लाह को गिरफ्तार किया है. एटीएस के मुताबिक, सैफुल्लाह ने स्वीकार किया कि वो भी जैश के साथ सम्पर्क में था. हबीबुल वर्चुअल आईडी बनाने का एक्सपर्ट है और नदीम के साथ मिलकर उसने अबतक करीब 50 वर्चुअल आईडी बनाई हैं. 

एटीएस के मुताबिक, उसने पाकिस्तान और अफगानिस्तान के आतंकियों को वर्चुअल आईडी बनाकर दी हैं. हबीबुल यूपी के फतेहपुर का रहने वाला 19 साल का युवक है. कानपुर से गिरफ्तार सैफुल्लाह ने ही नदीम को चाकू से हमले की ट्रेनिंग दी थी. सैफुल्लाह ने ही वर्चुअल नंबर से fidaye force का pdf format में ट्रेनिंग मॉड्यूल नदीम को भेजा था. हबीबुल इस्लाम उर्फ सैफुल्लाह फतेहपुर में बैठकर भारत से लेकर पाकिस्तान और अफगानिस्तान तक कई युवकों का ब्रेन वॉश कर जिहाद के लिए उकसाता था. 

आतंकियों को देता था वर्चुअल आईडी

हबीबुल ने स्वीकार किया गया है कि वह नदीम को जानता था. दोनों एक ही आतंकी नेटवर्क जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े हुए थे. हबीबुल सोशल मीडिया के माध्यम जिनमें Telegram, WhatsApp और Facebook Messenger आदि के जरिये पाकिस्तान व अफगानिस्तान में बैठे कई हैंडलर्स से जुड़ा है. हबीबुल उर्फ सैफुल्लाह कई ग्रुप्स में Virtual IDs के माध्यम से ही जुड़ा था और अन्य सदस्यों को भी Virtual ID बनाकर देता था इन ग्रुप्स में जिहादी वीडियो भेजे जाते हैं.

सैफुल्लाह को पाकिस्तान बुलाया गया था

जैश-ए-मोहम्मद के पाकिस्तानी हैंडलर ने सैफुल्लाह को पाकिस्तान आकर जिहादी प्रशिक्षण लेने और फिर भारत में जिहाद करने के लिए कहा था. सैफुल्लाह के कब्जे से एक मोबाइल फोन में 1 सिम और एक बटन से खुलने वाला चाकू बरामद हुआ है. यूपी एटीएस विस्तृत पूछताछ के बाद भारतीय और अंतरराष्ट्रीय आतंकी संपर्कों की गहनता से छानबीन कर कार्रवाई करेगी. 

आतंकी हकीमुल्लाह ने कराया था दोनों का संपर्क

यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने बताया कि साल 2018 में नदीम का संपर्क पाकिस्तान स्थित आतंकी हकीमुल्लाह से हुआ था, जोकि जैश-ए-मोहम्मद के सदस्य हैं. बाद में नदीम पाकिस्तान और अफगानिस्तान के कई आतंकियों से भी जुड़ा. हकीमुल्लाह ने नदीम का सैफुल्लाह नामक व्यक्ति से संपर्क कराया था, जिसके बाद से नदीम लगातार सैफुल्लाह के संपर्क में विभिन्न प्लेटफॉर्म के जरिए था. सैफुल्लाह के बहकावे में ही आकर नदीम ने अफगानिस्तान जाकर आतंकी संगठन में शामिल होने की प्लानिंग भी रची. 

सैफुल्लाह ने दी थी नदीम को ट्रेनिंग

सैफुल्लाह ने विभिन्न रेडिकल एलीमेंट्स, जो पाकिस्तान बांग्लादेश, जम्मू-कश्मीर और यूएई में थे, उनसे परिचय कराया. उन सभी से इनक्रिप्टेड चेन के जरिए संपर्क हुआ. सैफुल्लाह द्वारा ही आईडी बनाने के संबंध में एक मैनुअल भेजा गया था, जिससे नदीम आईडी बनाने में एक्सपर्ट हो सके और जरूरत पड़ने पर आईईडी ब्लास्ट कर सकें. सैफुल्लाह ने नदीम को lone wolf attack के लिए चाकू से वार करने की ट्रेनिंग दी. इसके लिए नदीम के द्वारा कुछ टारगेट भी चिन्हित किए गए थे. मोहम्मद नदीम पाकिस्तान, अफगानिस्तान बॉर्डर पर स्थित विभिन्न ग्रुप के संपर्क में था जो उसे लगातार भारत में आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने को कह रहे थे. 
 

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