खाने का तेल हो सकता है सस्ता, सरकार ने दो साल के लिए कस्टम ड्यूटी खत्म की – Aaj Tak

स्टोरी हाइलाइट्स

  • सोयाबीन-सूरजमुखी तेल के आयात पर कस्टम ड्यूटी खत्म
  • केंद्र सरकार ने 2 साल तक के लिए दी राहत

खाने का तेल सस्ता होने की उम्मीद बढ़ गई है. खाने के तेल पर सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. 2 साल के लिए सरकार ने कस्टम ड्यूटी खत्म कर दी है. सोयाबीन और सूरजमुखी तेल के आयात पर कस्टम ड्यूटी खत्म की गई है. कृषि और बुनियादी शुल्क और विकास सेस भी खत्म किया गया है.

सरकार की ओर से बताया गया कि क्रूड सोयाबीन ऑयल और क्रूड सूरजमुखी के ऑयल के दो वित्तीय वर्ष (2022-23, 2023-24) के लिए प्रति साल 20 लाख मीट्रिक टन का आयात ड्यूटी फ्री किया गया है. सरकार ने कहा है कि सीमा शुल्क और कृषि बुनियादी शुल्क और डेवलपमेंट सेस को खत्म किया गया है. यानी इन टैक्सों की अदायगी के बिना खाने के तेल को आयात करने की अनुमति रहेगी. माना जा रहा है कि इससे उपभोक्ताओं को काफी राहत मिलेगी.

हाल ही में फ्यूल और एलपीजी में दी गई राहत

इससे पहले सरकार की तरफ से पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस सिलेंडर में राहत दी गई थी. केंद्र ने पेट्रोल पर 8 रुपये और डीजल पर 6 रुपये एक्साइज ड्यूटी कम की है, जिससे पेट्रोल 9.50 रुपये और डीजल 7 रुपये सस्ता हो गया है. इसके साथ ही सरकार ने एलपीजी सिलेंडर पर भी 200 रुपये प्रति सिलेंडर की सब्सिडी देने की घोषणा की. प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को एक साल में 12 गैस सिलेंडरों पर यह सब्सिडी दी जाएगी.

ये भी पढ़ें- गेहूं के बाद Sugar एक्सपोर्ट पर बैन की तैयारी में भारत, इन खरीदार देशों को लग सकता है झटका! 

रिकॉर्ड उच्च स्तर पर महंगे हैं खाने के तेल

बताते चलें कि कुछ दिनों से रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंचे खाने वाले तेलों के दाम में कमी आने की संभावना जताई जा रही थी. पॉम ऑयल (Palm Oil) के दुनिया के सबसे बड़े उत्पादक इंडोनेशिया (Indonesia) ने निर्यात पर लगी रोक को हटाने का निर्णय लिया है. इसी कारण भारत में खाने वाले तेल के मोर्चे पर लोगों को राहत मिलने की उम्मीद की जा रही थी.

महंगाई पर काबू पाने की कोशिश में सरकार

ऐसे में उम्मीद जताई जा रही थी कि अब सरकार खाने के तेल जैसी जरूरी चीजें और इंडस्ट्रीज के लिए इम्पोर्टेड रॉ मटीरियल्स पर कस्टम ड्यूटी को कम करने पर गंभीरता से विचार करेगी. दरअसल, सरकार महंगाई को काबू में लाने के लिए कई शॉर्ट-टू-मीडियम टर्म उपायों पर गौर कर रही थी. इनमें खाने के तेल जैसी जरूरी चीजों पर कस्टम ड्यूटी कम करना, इम्पोर्टेड रॉ मटीरियल्स पर ड्यूटी में कटौती, कई तरह के आयात पर लगने वाले एग्रीकल्चरल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट सेस (AIDC) में कमी जैसे उपाय शामिल हैं.

वहीं, भारत में चीनी की बढ़ती कीमतों को देखते हुए केंद्र सरकार चीनी के निर्यात पर भी बैन लगाने की योजना बना रही है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में इसका दावा किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक घरेलू कीमतों में उछाल को रोकने के लिए सरकार चीनी निर्यात को प्रतिबंधित कर सकती है.

Related posts