मोदी सरकार के इस कदम पर अमेरिका ने घेरा, चीन ने दिया साथ – Aaj Tak

स्टोरी हाइलाइट्स

  • अमेरिका सहित जी-7 देशों ने भारत की आलोचना की
  • भारत ने 13 मई को गेहूं निर्यात पर पाबंदी लगाई थी

गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के भारत के फैसले की अमेरिका ने आलोचना की है लेकिन चीन उसके बचाव में आगे आया है. 

चीन ने कहा है कि भारत जैसे विकासशील देशों को जिम्मेदार ठहराने से वैश्विक खाद्य संकट का हल नहीं निकलेगा.  

गेहूं निर्यात पर पाबंदी के भारत के फैसले की अमेरिका सहित जी-7 देशों के अन्य नेताओं ने भी आलोचना करते हुए कहा कि यह खाद्य संरक्षणवाद की एक खतरनाक मिसाल पेश करेगा. 

भारत सरकार ने पिछले हफ्ते गेहूं की अपनी निर्यात नीति में संशोधन कर इस पर रोक लगा दी थी.

वाणिज्य मंत्रालय ने आदेश जारी कर कहा था कि सरकार ने तत्काल प्रभाव से गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दी है. 

अमेरिका सहित जी-7 देशों ने भारत सरकार के इस फैसले पर कड़ी आपत्ति जताई लेकिन चौंकाने वाली बात यह रही कि चीन की सरकारी मीडिया ने भारत का बचाव किया है. 

चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने अपने संपादकीय में कहा है, भारत को जिम्मेदार ठहराने से खाद्य समस्या का हल नहीं निकलेगा.

संपादकीय में कहा गया, अब जी-7 देशों के कृषि मंत्री भारत से गेहूं के निर्यात पर पाबंदी नहीं लगाने को कह रहे हैं. जी-7 देश अपने-अपने देशों से निर्यात बढ़ाकर खाद्य बाजार में सप्लाई को स्थिर क्यों नहीं कर देते. 

अखबार ने कहा, भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक देश है लेकिन यह वैश्विक गेहूं निर्यात का एक छोटा ही हिस्सा निर्यात करता है. इसके उलट अमेरिका, कनाडा, यूरोपीय संघ और ऑस्ट्रेलिया सहित कुछ विकसित देश गेहूं के सबसे बड़े निर्यातकों में से एक है.

ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक, अगर कुछ पश्चिमी देशों ने संभावित वैश्विक खाद्यान्न संकट देखते हुए गेहूं निर्यात कम करने का फैसला किया है तो वे भारत की आलोचना करने की स्थिति में नहीं होंगे.भारत पर अपनी ही खाद्यान्न सप्लाई को बनाए रखने का दबाव है.

भारत ने शनिवार को प्रेस बयान जारी कर कहा कि गेहूं निर्यात पर पाबंदी लगाने के फैसले से खाद्यान्न की कीमतें नियंत्रित होंगी. इसके साथ ही भारत एवं अन्य देशों की खाद्य सुरक्षा को भी मजबूत किया जा सकेगा.

खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के विभाग के सचिव सुधांशु पांडे के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कृषि सचिव मनोज आहूजा ने कहा कि गेहूं निर्यात को लेकर जिन्हें लेटर ऑफ क्रेडिट (साख पत्र) जारी किया जा चुका है, उन्हें पूरा किया जाएगा. 

गेहूं की उपलब्धता के बारे में बात करते हुए वाणिज्य सचिव सुब्रमण्यम ने कहा, भारत की खाद्य सुरक्षा के अलावा सरकार पड़ोसियों की खाद्य सुरक्षा की दिशा में भी काम कर रही है.

भारत सरकार ने गेहूं के निर्यात पर लगी पाबंदी में कल कुछ ढील देने का भी ऐलान किया था. सरकार ने कहा था कि गेहूं का जो कंसाइनमेंट 13 मई से पहले कस्टम के पास रजिस्टर होगा, उसे इस पाबंदी से छूट मिलेगी यानी उसका निर्यात किया जा सकेगा.

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