ज्ञानवापी मस्जिदः ‘शिवलिंग’ मिलने के दावे के बाद कोर्ट ने जगह करवाई सील, मुस्लिम पक्ष ने उठाया सवाल – BBC हिंदी

  • अनंत झणाणें
  • बीबीसी संवाददाता, वाराणसी

इमेज स्रोत, ANI

वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद का निरीक्षण पूरा होने के बाद ये दावा किया जा रहा है कि परिसर में शिवलिंग मिला है. इसके बाद स्थानीय अदालत ने उस स्थान को तत्काल सील करने का आदेश दिया है.

वकील हरिशंकर जैन के वकील विष्णु जैन, इस मामले में सरकारी वकील और बनारस के डीजीसी सिविल महेंद्र पांडेय और अंजुमन इंतेज़ामिया के वकील रईस अंसारी ने इस ऑर्डर की पुष्टि बीबीसी से की है.

कोर्ट ने सर्वे ख़त्म होने के तुरंत बाद जो आदेश जारी किया उसमें लिखा है, ”एक मामले में पक्षकार के वकील हरिशंकर जैन से सर्वे में शिवलिंग मिलने की जानकारी मिली है और उस स्थान को तत्काल सील कर दिया जाए.”

जज रवि कुमार दिवाकर ने अपने आदेश में लिखा है, “डीएम को आदेश दिया जाता है कि जिस स्थान पर शिवलिंग प्राप्त हुआ हुआ है, उस स्थान को तत्काल प्रभाव से सील कर दें और सील किये गए स्थान पर किसी भी व्यक्ति का प्रवेश वर्जित किया जाता है.”

जज ने यह भी आदेश दिया है कि, “बनारस के डीएम, पुलिस कमिश्नर, सीआरपीएफ़ कमांडेंट की सील किए गए स्थान को संरक्षित और सुरक्षित रखने की व्यक्तिगत ज़िम्मेदारी होगी.”

ज्ञानवापी मस्जिद के पास सुरक्षा

वज़ू का इलाक़ा होगा सील

बनारस के ज़िलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने अदालत के आदेश की पुष्टि करते हुए बीबीसी को बताया कि उनकी टीम वहाँ पहुँच रही है और वज़ू के तालाब वाले इलाक़े को सील कर दिया जाएगा.

उन्होंने बताया,”ये इलाका 30 फ़ुट X 30 फ़ुट है और इसे पहले से ही कवर किया गया है. इसमें तीन दरवाज़े लगे हैं. प्रशासन इन तीनों दरवाज़ों को बंद कर सील कर देगा.”

जब उनसे पूछा गया कि मस्जिद की एंट्री को बंद किया जा रहा है तो उन्होंने जवाब दिया, ”नहीं, ऐसा बिल्कुल नहीं है. ये मस्जिद के भीतर खुले इलाके में बना हुआ कृत्रिम तालाब है. इसमें तीन दरवाज़े हैं और इन्हें बंद किया जाएगा. ये पूरे परिसर का 10 फ़ीसदी हिस्सा होगा. बाक़ी परिसर मुसलमान समुदाय इस्तेमाल कर सकता है.”

ये पूछने पर कि वज़ू वाला हिस्सा बंद हो जाएगा, डीएम शर्मा ने कहा, ”जी हां, वज़ू की वैकल्पिक व्यवस्था करने के लिए प्रशासन अपनी ओर से मदद देगा. प्लम्बिंग, पाइप, नल वगैरह चीज़ों की ज़रूरत होगी और इस काम को मंगलवार को पूरा कर लिया जाएगा.”

ये भी पढ़ेंः-

शिवलिंग मिलने का दावा करने वाली अर्ज़ी

अदालत ने यह आदेश वकील हरिशंकर जैन की अर्ज़ी पर दिया, जिसमें उन्होंने दावा किया कि कमीशन की करवाई के दौरान शिवलिंग मस्जिद कॉम्प्लेक्स के अंदर पाया गया है. अदालत को बताया गया कि यह बहुत महत्वपूर्ण साक्ष्य है, इसलिए सीआरपीएफ़ कमांडेंट को आदेश दिया जाए कि वो इसे सील कर दें.

अर्ज़ी में यह भी मांग की गई है कि डीएम को ये आदेश दिया जाए कि वहाँ मुसलमानों का प्रवेश वर्जित कर दें. मात्र 10 मुसलामानों को नमाज़ अदा करने की इजाज़त दी जाए और उन्हें वज़ू करने से भी तत्काल रोक दिया जाए. वादियों द्वारा यह भी कहा गया है कि प्राप्त किए गए शिवलिंग को संरक्षित किया जाना अति आवश्यक है.

हिंदू पक्ष ने दावा किया है कि ज्ञानवापी मस्जिद में एक जगह 12 फ़ीट का शिवलिंग मिला है और इसके अलावा तालाब में कई और अहम साक्ष्य भी मिले हैं.

शिवलिंग मिलने के दावे पर वाराणसी के ज़िलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने कहा, “अंदर क्या दिखा इसकी कोई जानकारी किसी भी पक्ष द्वारा बाहर नहीं दी गई है. तो किसी भी उन्माद के आधार पर नारे लगने का दावा झूठ है.”

उन्होंने कहा, “अंदर मौजूद सभी पक्षों को ये हिदायत दी गई थी कि 17 मई को कोर्ट में रिपोर्ट सौंपी जाएगी और तब तक किसी को कोई जानकारी सार्वजनिक करने की इजाज़त नहीं है. लेकिन किसी ने अपनी निजी इच्छा से कुछ बताने की कोशिश की है तो इसकी प्रामाणिकता कोई साबित नहीं कर सकता.”

एडवोकेट कमिशनर की कार्रवाई शनिवार को सुबह शुरू हुई थी जिसमे ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर जाकर सर्वे किया गया और सभी वादी-प्रतिवादियों की मौजूदगी में वीडियोग्राफ़ी की गई. 12 मई को वाराणसी कोर्ट की एक बेंच ने वहां वीडियोग्राफ़ी जारी कराने का आदेश दिया था.

पाँच महिलाओं ने कोर्ट में याचिका दायर कर ज्ञानवापी मस्जिद के पीछे वाले हिस्से में मां शृंगार गौरी की पूजा और दर्शन करने की मांग की थी. साथ ही उन्होंने प्लॉट नंबर 9130 के निरीक्षण और वीडियोग्राफी की मांग भी की थी जिसे मंज़ूर करते हुए कोर्ट ने निरीक्षण और उसकी वीडियोग्राफ़ी के आदेश दिए थे.

क्या है अंजुमन इंतेज़ामिया मसाजिद की प्रतिक्रिया

इस मामले में अंजुमन इंतेज़ामिया मसाजिद के वकील रईस अहमद का आरोप है कि इस अर्ज़ी पर अंजुमन इंतेज़ामिया मसाजिद को अपना पक्ष रखने का कोई मौका नहीं दिया गया.

उन्होंने बीबीसी को बताया कि उन्होंने खुद कोर्ट में जाकर यह आदेश देखा. सोमवार को सर्वे की कार्रवाई सुबह 10:40 तक चली और वहां से दस्तखत होते हुए 11 बज गए.

अंजुमन इंतेज़ामिया मसाजिद के वकील रईस अहमद

रईस अहमद का कहना है कि, “आज कोर्ट भी नहीं बैठी हुई है, और आज पूरे दिन कोर्ट का बॉयकॉट है, आज कॉन्डोलेन्स भी है, लेकिन इसके बावजूद यह प्रार्थना पत्र दिया गया और ना इस पर हमें कोई सूचना दी गयी, नहीं ही इसकी कॉपी दी गयी, और सुनवाई का समय दो बजे होता है, लेकिन इसे 12 बजे सुन करके आदेश कर दिया गया.”

वादी पक्ष के वकील हरिशंकर जैन द्वारा दी गयी दरख्वास्त पर आरोप लगाते हुए रईस अहमद कहते हैं, “कमीशन के दौरान बताया गया कि यह बीमार हैं, और जिस होटल में रुके हैं वहीं पर हैं. उनके बेटे विष्णु जैन ने संपर्क किया की उन्हें हॉस्पिटल ले जाना है. और इस तरह की कार्यवाही उन्होंने वहां कचहरी में करवाई हैं. जिस वक़्त कमीशन की कार्यवाही हो रही थी उस वक्त कचहरी में किस तरह की कार्यवाही हो रही थी. यह सरासर न्याय का उल्लंघन है.”

वज़ू के तालाब में शिवलिंग के दावे के बारे में रईस अहमद कहते हैं, “जिसे वो शिवलिंग कहते हैं, वो एक वज़ुखाने उसके बीच में लगा एक फव्वारा है. वो नीचे चौड़ा होता है, और ऊपर से संकरा होता है. उसका आकर शिवलिंग के जैसा होता है. उस फव्वारे को यह शिवलिंग कहते हैं. और उसके आधार पर इन्होंने सारा बवाल खड़ा किया है.”

Related posts