सार
किसान नेता दर्शन पाल ने कहा कि एमएसपी और मुद्दों पर पैनल के लिए सरकार ने किसान संघों से पांच नाम मांगे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) चार दिसंबर को होने वाली बैठक में नाम तय करेगा।
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विस्तार
तीन कृषि कानूनों की वापसी के बाद सरकार एमएसपी और अन्य मुद्दों को पर बातचीत के लिए तैयार हो गई है। केंद्र सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा को बातचीत का प्रस्ताव दिया है। साथ ही किसान संगठनों से पांच नेताओं के नाम मांगे हैं, जो बातचीत के दौरान सरकार के साथ बैठक करेंगे।
किसान नेता दर्शन पाल ने कहा कि एमएसपी और मुद्दों पर पैनल के लिए सरकार ने किसान संघों से पांच नाम मांगे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) चार दिसंबर को होने वाली बैठक में नाम तय करेगा।
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि चार तारीख को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक है उससे पहले भारत सरकार हमसे MSP, किसानों पर हुए मुकदमे, किसानों की मौत पर बातचीत करे। हमारा आंदोलन अभी खत्म नहीं हुआ है।
We want the Govt of India to have a meeting with us on guaranteed MSP & the farmers who died, before our (SKM) meeting on Dec 4. Our agitation is not ending. The govt has not accepted our demands yet: BKU Leader Rakesh Tikait pic.twitter.com/wEQTIm8M2P
— ANI (@ANI) November 30, 2021
टीकरी बार्डर पर चल रही जल्द आंदोलन खत्म होने की चर्चाएं
वहीं, आंदोलनकारी किसानों के टीकरी बार्डर पड़ाव में मंगलवार को हर तरफ आंदोलन के खत्म होने को लेकर चर्चाएं चलती रहीं। हर तरफ लोग गुफ्तगू करते नजर आए कि आंदोलन जल्द खत्म हो सकता है। लेकिन बार्डर पर हुई सभा में संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के मंच से हर किसान नेता ने कहा कि संगठन का शीर्ष नेतृत्व जो फैसला करेगा, उसका पालन किया जाएगा। वहीं, दिल्ली पुलिस ने बार्डर पर सुरक्षा के इंतजाम बढ़ा दिए हैं।
इस दौरान मंगलवार को पंजाब किसान यूनियन की प्रधान जसबीर कौर नट ने कहा कि किसानों ने सरकार पर दबाव बनाया है, जिस कारण प्रधानमंत्री को कानून वापस लेने पड़े। हम सभी मांगें मनवाकर यहां से लौटेंगे। बीकेयू पंजाब के लखविंद्र सिंह पीर मोहम्मद ने कहा कि अभी तक हमारा कोई भी फैसला यहां रहने का या जाने का नहीं हुआ है। संयुक्त किसान मोर्चा जो भी फैसला लेगा।
हम वहीं बात मानेंगे। उन्होंने कहा कि इस आंदोलन ने पूरे विश्व का भाईचारा बनाया है। किसी को कोई झगड़ा नहीं करना, बल्कि शांति बनाए रखनी है। खुशी मनाओ लेकिन अपने दायरे में रहकर। एडवोकेट मंजीत सिंह भुल्लर ने हमारा किसान भाई तो वापस जाने के लिए तैयार है, लेकिन सरकार के मन में खोट है। हमें एमएसपी और किसानों को मुआवजा दिया जाए। साथ में जिन किसानों पर मुकदमे दर्ज है उन्हें वापस लिया जाए।