उत्तराखंड में ब्राह्मण कार्ड? विधानसभा चुनाव से पहले भंग हुआ तीर्थों का मैनेजमेंट संभालने वाला देवस्थानम बोर्ड – Hindustan हिंदी

उत्तराखंड सरकार ने देवस्थानम बोर्ड पर बड़ा फैसला लिया है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा त्रिवेंद्र सरकार के कार्यकाल में बना देवास्थानम बोर्ड को रद्द कर दिया गया है। चारधाम हकहकूधारी तीर्थ पुरोहित महापंचायत के अध्यक्ष केके कोठियाल ने सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि देवस्थानम बोर्ड को कैंसिल करने के लिए पिछले दो सालों से संघर्ष किया जा रहा था। इससे पहले देवस्थानम बोर्ड पर फैसला लेने के लिए धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में गठित कैबिनेट सब कमेटी ने रिपोर्ट मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंप थी। 

मनोहरकांत ध्यानी कमेटी की रिपोर्ट के अध्ययन के लिए मुख्यमंत्री धामी ने महाराज की अध्यक्षता में सब कमेटी बनाई गई थी। कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल और यतीश्वरानंद को भी कमेटी का सदस्य बनाया गया। सब कमेटी ने कुछ ही घंटों में सिफारिश सीएम को सौंप दी थी । मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि पंडा, पुरोहितों और पुजारियों के हितों का पूरा ख्याल रखा है। उधर, सीएम ने कहा कि एक-दो दिन में इस संदर्भ में निर्णय ले लिया जाएगा। कैबिनेट मंत्री यतीश्वरानंद ने कहा कि सरकार तीर्थ पुरोहितों को निराश नहीं करेगी।  

तीर्थ पुरोहितों की 30 नवंबर थी डेडलाइन: तीर्थ पुरोहितों ने 30 नवम्बर तक फैसला न होने पर मोदी की रैली और शीतकालीन सत्र के विरोध का निर्णय लिया गया है। चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत ने 30 नवंबर के बाद आंदोलन तेज करने का ऐलना किया था। तीन दिसंबर को रुद्रप्रयाग में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। चार दिसंबर को देहरादून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की होने वाली रैली का विरोध किया जाएगा। इसके लिए विरोध रैली निकाली जाएगी। महापंचायत ने देवस्थानम बोर्ड के खिलाफ सरकार की घेरेबंदी तेज कर दी है।

सरकार से 30 नवंबर तक देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की डेडलाइन तय की थी। महापंचायत के प्रवक्ता बृजेश सती ने बताया कि देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर चारों ओर से समर्थन मिल रहा है। सरकार की ओर से ठोस फैसला लेने की बजाय पूरे मामले को समितियों के नाम पर उलझाया जा रहा है। इसे अब और अधिक बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार के खिलाफ आंदोलन जारी रहेगा।

पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का केदारनाथ में हुआ था विरोध: श्री केदारनाथ धाम में दर्शन को पहुंचे पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत का तीर्थ पुरोहितों ने भारी विरोध किया। भारी विरोध के कारण वे दर्शन नहीं कर पाए। त्रिवेंद्र बिना दर्शन के ही वापस लौट गए। जबकि भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक और कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत ने विरोध के बीच दर्शन किए। श्री केदारनाथ धाम में मंगलवार को दर्शन को पहुंचे पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत का तीर्थ पुरोहितों ने करीब दो घंटे विरोध किया। काले झंडे दिखाए गए। जमकर नारेबाजी की गई।

इस दौरान कुछ समय बाद पूर्व सीएम के साथ भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक और कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत का भी विरोध किया गया। भारी विरोध को देखते हुए त्रिवेंद्र रावत बिना दर्शन कर ही लौट गए। दूसरी ओर भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक और कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत ने तीर्थ पुरोहितों को आश्वस्त किया कि सरकार उनके साथ है। उनकी मांगों का निस्तारण किया जा रहा है। सरकार इस दिशा में प्रयासरत है। इसके बाद ही दोनों लोग बाबा केदारनाथ के दर्शन कर पाए।

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