CWC Meeting: सोनिया गांधी का फुलटाइम अध्यक्ष वाला बयान क्या उनका राजनीतिक कौशल है, क्या दांव पर है गांधी परिवार का दबदबा? – अमर उजाला – Amar Ujala

प्रतिभा ज्योति, अमर उजाला, नई दिल्ली।
Published by: प्रतिभा ज्योति
Updated Sat, 16 Oct 2021 02:12 PM IST

सार

CWC की बैठक में कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं को सोनिया ने दो टूक कहा है कि मैं पूर्णकालिक अध्यक्ष की तरह काम करती हूं। ऐसा कहकर उन्होंने पंजाब में लिए गए फैसलों पर सवाल उठाने वाले जी-23 (असंतुष्ट) नेताओं को जवाब दे दिया है।

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विस्तार

कांग्रेस नेतृत्व पर लगातार उठ रहे सवालों के बीच कांग्रेस कार्यसमिति की आज हुई बैठक में सोनिया गांधी ने अपने सख्त तेवर दिखाए। उन्होंने खुल कर कहा- मैं हूं पूर्णकालिक अध्यक्ष। बैठक में उन्होंने कहा कि अगर आप सभी मुझे ऐसा कहने की अनुमति देंगे तो मैं खुद को पूर्णकालिक अध्यक्ष के तौर पर रखूंगी। उन्होंने कहा कि हमने कभी भी सार्वजनिक महत्व और चिंता के मुद्दों को बिना सोचे-समझे नहीं जाने दिया, लेकिन मीडिया के माध्यम से मुझसे बात करने की जरुरत नही है। राजनीति के जानकार यह कहते हैं सोनिया गांधी के इस बयान से पार्टी के असंतुष्ट नेताओं के समूह जी-23 को करारा जवाब देने के साथ-साथ उनके राजनीतिक कौशल का भी परिचय मिला है।  

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दरअसल, कुछ ही दिन पहले कपिल सिब्बल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके यह कहा था कि कांग्रेस में कौन फैसले ले रहा है इसका पता नहीं। हालांकि बैठक में जी-23 में शामिल कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल उठाने की बात पर सफाई भी पेश की। उन्होंने कहा कि सोनिया जी के नेतृत्व पर कोई सवाल नहीं उठाया जा रहा है। कांग्रेस के जी-23 समूह ने पिछले साल सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर पार्टी में बड़े बदलावों और प्रभावी नेतृत्व की बात की थी।  इस समूह में  आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल, गुलाम नबी आजाद, मनीष तिवारी, भूपिंदर सिंह हुड्डा समेत 23 नेता शामिल हैं।

बैठक से पहले जी-23 के नेताओं के सुर बदले?

वहीं पार्टी के एक नेता ने बताया कि बैठक से पहले जी-23 के नेताओं के सुर बदले नजर आ रहे थे। बैठक की पूर्व संध्या पर जी- 23 के समूह के सदस्यों सहित कई कांग्रेस नेताओं, जो पार्टी ढांचे में व्यापक बदलाव की मांग कर रहे थे, वे यह तर्क देते फिर रहे थे कि पार्टी को अभी चुनाव नहीं करना चाहिए। जबकि कल तक वे पार्टी के हर फैसले पर सवाल उठा रहे थे, प्रभावी नेतृत्व की बात कर रहे थे। 

 

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