पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष पद से नवजोत सिंह सिद्धू का इस्तीफा सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। लेकिन प्रदेश के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी ही नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं इस बारे में कोई भी बात नवजोत सिंह सिद्धू से बातचीत के बाद ही करूंगा। मीडिया से बात करते हुए चन्नी ने कहा, ‘हम बैठकर नवजोत सिंह सिद्धू जी से बात करेंगे। वह पार्टी के अध्यक्ष हैं। यदि वे नाराज हैं तो हम उन्हें राजी कर लेंगे।’ चन्नी की प्रेस कॉन्फ्रेंस से ठीक पहले ही नवजोत सिंह सिद्धू ने पद से इस्तीफे का ऐलान किया था और ट्विटर पर भी इस बात की जानकारी दी थी।
पंजाब में चुनाव से कुछ महीने पहले ही सीएम बदले जाने और अब प्रदेश अध्यक्ष के पद से 5 सप्ताह में ही नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे ने कांग्रेस पार्टी के आगे बड़ा संकट खड़ा कर दिया है। यही नहीं सिद्धू के इस्तीफे के बाद अब चन्नी सरकार भी बनते ही हिलने लगी है। सिद्धू के समर्थन में पंजाब सरकार का हिस्सा इकलौती मुस्लिम मंत्री रजिया सुल्ताना ने भी पद छोड़ दिया है। ऐसे में इस बात को लेकर सवाल उठने लगे हैं कि आखिर कांग्रेस कैसे पंजाब के चुनावी समर में उतरेगी। एक तरफ आंतरिक कलह से कांग्रेस पस्त है तो वहीं विपक्ष के मुकाबले उसकी लड़ाई भी इसके चलते कमजोर पड़ती दिख रही है।
अब दो नहीं तीन गुटों में बंटती दिख रही है पंजाब कांग्रेस
सिद्धू के इस्तीफे के बाद कांग्रेस अब पंजाब में तीन गुटों में बंटती दिख रही है। एक तरफ कैप्टन अमरिंदर सिंह का गुट है तो वहीं नए सीएम बने चन्नी के भी अपने समर्थक हैं। इसके अलावा टीम सिद्धू भी पार्टी के लिए एक चुनौती बन गया है। नवजोत सिंह सिद्धू की बढ़ती महत्वाकांक्षा से निपटना कांग्रेस हाईकमान के लिए अब मुश्किल दिख रहा है। यही नहीं चन्नी को सीएम बनाकर पहली बार दलित नेता के हाथों में कमान देने की बात कहते हुए कांग्रेस ने मेकओवर की कोशिश की थी, लेकिन अब इस घटनाक्रम ने उसकी पूरी प्लानिंग को ही चौपट करने का काम किया है।