Taliban Latest News: तालिबान: पाकिस्तान को लेकर आपस में भिड़े हक्कानी और याकूब, कंधार से काबुल तक वर्चस्व की जंग – Navbharat Times

हाइलाइट्स

  • तालिबान की अंतरिम सरकार हुई दो फाड़, काबुल और कंधार में वर्चस्व की जंग
  • काबुल में सिराजुद्दीन हक्कानी तो कंधार में मुल्ला याकूब ने संभाली कमान
  • अफगानिस्तान में पाकिस्तान के दखल से नाराज है मुल्ला याकूब

काबुल
अफगानिस्तान में इस्लामिक अमीरात सरकार में पाकिस्तान को लेकर बवाल मचा हुआ है। दो फाड़ हो चुके तालिबान के एक गुट ने काबुल में डेरा जमाया हुआ है, जबकि दूसरे ने कंधार से कमान संभाली है। इसमें कंधारी धड़े का नेतृत्व तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर के बेटे और वर्तमान रक्षामंत्री मुल्ला मोहम्मद याकूब ओमारी कर रहा है। जबकि, काबुल में हक्कानी नेटवर्क का अमीर-उल-मोमीन या सर्वोच्च नेता सिराजुद्दीन हक्कानी गद्दी पर कब्जा कर बैठा हुआ है। तालिबान में मचे बवाल के बीच सर्वोच्च नेता हैबतुल्लाह अखुंजदाजा की गैर मौजूदगी से कई गंभीर सवाल भी उठ रहे हैं।

बरादर का अपहरण हुआ या नाराज हैं?
मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि हक्कानी गुट ने तालिबान सरकार में उप प्रधानमंत्री बने मुल्ला अब्दुल गनी बरादर का अपहरण कर लिया है। वहीं, काबुल पर नजर रखने वाले कई विशेषज्ञ दावा कर रहे हैं कि मुल्ला बरादर जिसने अमेरिका के साथ शांति वार्ता पर बातचीत की थी, वह कंधार में नाराज होकर बैठे हुए हैं। यही कारण है कि तालिबान कैबिनेट का ऐलान होने के इतने दिन बाद भी वह सार्वजनिक रूप से नजर नहीं आए हैं।

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किस बात को लेकर मचा है बवाल?
तालिबान सरकार में रक्षा मंत्री बना मुल्ला याकूब के नेतृत्व वाला कंधारी गुट पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से कोई हस्तक्षेप नहीं चाहता है। आईएसआई अफगानिस्तान को पाकिस्तान के कब्जे वाले क्षेत्र के रूप में बनाए रखना चाहता है। वहीं, मुल्ला बरादर चाहता है कि अमेरिका, कतर, ब्रिटेन और पाकिस्तान के साथ की गई सभी प्रतिबद्धताओं का सम्मान किया जाना चाहिए। इसके अलावा काबुल में अल्पसंख्यकों और महिलाओं के प्रतिनिधित्व के साथ एक समावेशी सरकार बनाई जानी चाहिए।

काबुल में हर तरफ हक्कानी का शासन
हालांकि, अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में परिस्थिति इसके बिलकुल विपरीत है। काबुल में हक्कानी नेटवर्क के आतंकियों के जरिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई अपनी चाल चल रही है। हक्कानी नेटवर्क में जादरान जनजाति प्रभुत्व है और इस जनजाति के लड़ाकों का काबुल-जलालाबाद से लेकर खैबर सीमा तक नियंत्रण है। हक्कानी ब्रदर्स के नेतृत्व में काबुल की सड़कों पर कम से कम 6,000 भारी हथियारों से लैस आतंकी गश्त लगा रहे हैं।

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पाकिस्तान के इशारों पर चल रहा हक्कानी
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का गुलाम हक्कानी नेटवर्क काबुल में किसी भी अन्य समुदायों के साथ सत्ता साझा नहीं करना चाहता। वह अपनी सरकार में महिलाओं की भागीदारी को पहले ही सिरे से खारिज कर चुका है। हक्कानी नेटवर्क इस समय पूरी तरह से आईएसआई के इशारों पर चल रहा है। ऐसे में विरोधी गुट के नेता काबुल छोड़कर तालिबान की जन्मस्थली कंधार में बैठे हुए हैं।

Taliban ISI


सिराजुद्दीन हक्कानी, आईएसआई चीफ फैज हामिद और मुल्ला याकूब

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