अशोक गहलोत की जगह लेंगे सचिन पायलट? पंजाब के बाद कांग्रेस ने राजस्थान का भी ब्लू प्रिंट किया तैयार – Hindustan

पंजाब के बाद राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी बदलाव लगभग तय है। पांच राज्यों से विधानसभा चुनाव के बाद इन राज्यों की कमान नए मुख्यमंत्रियों को मिल सकती है। इसके लिए कांग्रेस पूरा खाका तैयार कर चुकी है। पार्टी नेतृत्व प्रदेश कांग्रेस नेताओं के सपंर्क में है। पार्टी को सिर्फ उपयुक्त समय का इंतजार है।

पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह की जगह चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाकर कांग्रेस हाईकमान अपना रुतबा साबित करने में सफल रही है। इस बदलाव के जरिए पार्टी नेतृत्व यह संदेश देने में सफल रही है कि विधायक मुख्यमंत्री के बजाए उसके कहने पर अपना नेता तय करेंगे।

पार्टी इस बदलाव को पीढ़ी परिवर्तन के तौर पर देख रही है। कांग्रेस ने करीब 80 साल के कैप्टन को हटाकर उनकी जगह 58 साल के चन्नी को मौका दिया है। राजस्थान में भी पार्टी इसी रणनीति पर काम कर रही है। पार्टी 70 साल के गहलोत की जगह 44 साल के सचिन पायलट पर दांव लगाना चाहती है।

सचिन पायलट दिल्ली तलब
यही वजह है कि शुक्रवार को कैप्टन का इस्तीफा लेने के बाद सचिन पायलट को दिल्ली तबल किया गया। उनकी पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से लंबी बात हुई। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि राजस्थान में बदलाव का ब्लू प्रिंट तैयार कर लिया गया है। जल्द ही इस पर अमल शुरू हो जाएगा। ‘हिंदुस्तान’ ने सचिन पायलट से संपर्क करने की कोशिश की, पर उनसे बात नहीं हो पाई।

पार्टी सूत्रों का कहना है कि राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जल्द अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर पायलट के भरोसेमंद विधायकों को शामिल करेंगे। पर मुख्यमंत्री पद में बदलाव पांच राज्यों के चुनाव के बाद होगा।

2024 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस के लिए जीतना जरूरी
प्रदेश कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि राजस्थान में मुकाबला भाजपा से है। ऐसे में वर्ष 2024 का चुनाव जीतने के लिए विधानसभा जीतना बेहद जरूरी है। क्योंकि, 2018 में सरकार बनाने के बावजूद पार्टी 2019 के लोकसभा में सभी 25 सीट हार गई थी। ऐसे में पार्टी को कम से कम एक-डेढ़ साल पहले राजस्थान में बदलाव करना होगा। पायलट काफी समय से मुख्यमंत्री पद पर अपनी दावेदारी जता रहे हैं। हर बार विधायकों में कम समर्थन के चलते बात टल जाती थी। पर पंजाब में कांग्रेस ने इस फार्मूले को बदल दिया है। ऐसे में राजस्थान में बदलाव लगभग तय है।

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