dossier against ailing bureaucrats: pm modi angry on officers : know how pm modi is cracking down on bad the w – Navbharat Times

नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सक्रिय शासन एवं समयबद्ध कार्यान्वयन (Proactive Governance And Timely Implementation यानी PRAGATI) की मीटिंग में काफी गुस्से में दिखे। सूत्र बताते हैं कि 8 परियोजनाओं की समीक्षा के दौरान लेट-लतीफी की जानकारी मिलते ही पीएम का चेहरा तमतमा गया और उन्होंने मंत्रिमंडल सचिव राजीव गाबा (Cabinet Secretary Rajiv Gauba) को उन अधिकारियों और एजेंसियों की लिस्ट तैयार करने को कहा जिनकी वजह से प्रॉजेक्ट का काम अपेक्षित तेजी से नहीं बढ़ रहा है।

एक सप्ताह के अंदर डोजियर तैयार करने का आदेश

मोदी ने गाबा से कहा कि वो एक सप्ताह के अंदर अलग-अलग ‘डोजियर’ तैयार करें और प्रत्येक प्रॉजेक्ट की ताजा स्थिति से वाकिफ कराएं। सूत्रों के मुताबिक, पीएम मोदी ने 37वीं प्रगति मीटिंग में राज्यों के मुख्य सचिवों को निर्देश दिया कि वो अस्पतालों में ऑक्सिजन प्लांट लगाने के काम में तेजी लाएं ताकि प्रत्येक बेड पर ऑक्सिजन की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित हो।

इसलिए तमतमा गए पीएम मोदी

दरअसल, प्रधानमंत्री को यह सुनकर गुस्सा आ गया कि लेट-लतीफी के कारण रेलवे की एक परियोजना की लागत तिगुनी हो गई है। इसी तरह, वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (WDFC) का फ्लैगशिप प्रॉजेक्ट भी लटक गया। पीएम मोदी परियोजनाओं में लेट-लतीफी के लिए जिम्मेदारी तय करने का निर्देश पहले भी सरकारी विभागों को दे चुके हैं। वो इस बात से नाराज रहते हैं कि प्रॉजेक्ट अटकने से न केवल सुविधा मिलने में देरी होती है बल्कि खर्च भी कई गुना बढ़ जाता है। यही वजह है कि प्रधानमंत्री ने बुधवार को हुई प्रगति की मीटिंग में डोजियर तैयार करने की बात दो-दो बार कही। एक सूत्र ने बताया, ‘संदेश साफ है कि केंद्रीय और राज्य सरकार के विभाग परियोजनाओं में देरी के लिए जिम्मेदार ठहराए जाएंगे।’

चिंताजनक है यह ताजा रिपोर्ट

इसी हफ्ते आई एक रिपोर्ट में बताया गया है कि बुनियादी ढांचा क्षेत्र की 150 करोड़ रुपये या इससे अधिक के खर्च वाली 483 परियोजनाओं की लागत में तय अनुमान से 4.43 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की वृद्धि हुई है। परियोजनाओं को पूरा करने में देरी और अन्य कारणों की वजह से इनकी लागत बढ़ी है। भारत सरकार का सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय 150 करोड़ रुपये या इससे अधिक लागत वाली बुनियादी ढांचा क्षेत्र की परियोजनाओं की निगरानी करता है। मंत्रालय की जुलाई, 2021 की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस तरह की 1,781 परियोजनाओं में से 483 की लागत बढ़ी है, जबकि 504 परियोजनाएं देरी से चल रही हैं।

शुरू से ही चेतावनी दे रहे हैं प्रधानमंत्री

दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी ने अपने कार्यकाल के पहले दिन से ही सरकारी अधिकारियों को जवाबदेह बनाने पर जोर देना शुरू कर दिया था। वो दफ्तर आने में देरी से लेकर कामकाज निपटाने में लापरवाही भरे रवैये को लेकर नौकरशाहों को सख्त चेतावनी देते रहते हैं। जो अधिकारी चेतावनी के बावजूद अपने वर्किंग स्टाइल में सुधार नहीं ला पा रहे हैं, उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति (Mandatory Retirement) भी दी जा रही है।

जबरन छुट्टी पर भेजे जा रहे हैं अधिकारी

पिछले साल नवंबर महीने में भी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के 21 अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी थी। देश के अलग-अलग हिस्सों में तैनात इन आयकर अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप थे। ऐसा नहीं है कि भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ मोदी सरकार की यह कोई पहली कार्रवाई थी। पिछले साल की ही बात करें तो जून महीने से वो पांचवीं कार्रवाई थी। सरकार तब तक टैक्स डिपार्टमेंट के 64 अधिकारियों सहित 85 अफसरों को जबरन सेवा से हटा चुकी थी। इनमें से 12 अधिकारी केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) से थे।

हर महीने होती है प्रगति की मीटिंग

ध्यान रहे कि प्रधानमंत्री ने अधिकारियों की जवाबदेही और भ्रष्टाचार पर लगाम लागने के लिए ही मार्च 2015 में प्रगति पोर्टल (PRAGATI Portal) लॉन्च किया था। यह प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO), केंद्र सरकार के सचिवों और राज्य सरकार के मुख्य सचिवों के बीच समन्वय स्थापित करने के काम आता है। प्रधानमंत्री हर महीने के चौथे बुधवार को इसकी मीटिंग लेते हैं और चयनित परियोजनाओं की समीक्षा करते हैं।

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क्या है प्रगति?

प्रगति की वेबसाइट पर इसकी खासियतों को बिंदुवार बताया गया है जो इस प्रकार हैं…

⮞ प्रधानमंत्री मासिक कार्यक्रम में डेटा तथा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भारत सरकार के सचिवों तथा राज्‍यों के मुख्‍य सचिवों के साथ जुड़ते हैं और उनसे परियोजनाओं पर बातचीत करते हैं।
⮞ प्रधानमंत्री के सामने लोक शिकायत, चालू कार्यक्रम तथा लंबित परियोजनाओं से संबंधित मामले उपलब्‍ध डाटाबेस से आते हैं।
⮞ यह प्रणाली शिकायतों, परियोजना निगरानी ग्रुप (पीएमजी) तथा सांख्‍यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्‍वयन मंत्रालय के लिए सीपीजीआरएएमएस डाटाबेस को मजबूती प्रदान करती है।
⮞ प्रगति इन सभी तीन पक्षों को मंच प्रदान करती है।
⮞ उठाए जाने वाले मामले प्रगति दिवस यानी प्रत्‍येक माह के तीसरे बुधवार से सात दिन पहले अपलोड किए जाते हैं।
⮞ ऐप्‍लीकेशन के उपयोग के साथ ही केंद्र सरकार के विभिन्‍न सचिव तथा राज्‍यों के मुख्‍य सचिव मामलों को देख सकते हैं।
⮞ केंद्र सरकार के सचिव तथा राज्‍यों के मुख्‍य सचिव अपने विभाग/राज्‍य से संबंधित विषय को देख सकते हैं।
⮞ केंद्र सरकार के विभिन्‍न सचिवों तथा राज्‍यों के मुख्‍य सचिवों को मामला समक्ष आने के तीन दिन के अंदर यानी अगले सोमवार को मामले पर अपनी राय और ताजा कार्रवाई की जानकारी देनी होती है।
⮞ यह पोर्टल एक दिन यानी मंगलवार को पीएमओ के लिए उपलब्‍ध रहता है ताकि केंद्र सरकार के सचिवों तथा राज्‍य सरकारों के मुख्‍य सचिवों द्वारा भरे गए डेटा की समीक्षा की जा सके।
⮞ इसकी डिजाइनिंग इस तरह की है कि विषय की समीक्षा करते समय प्रधानमंत्री के स्क्रीन पर विषय संबंधी सूचना, ताजा अपडेट और संबंधित विजुअल उपलब्‍ध होते हैं।

मनमनोहन सिंह के जमाने भी थी ऐसी व्यवस्था

ध्यान रहे कि जब मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे, तब ‘पीएमओ सीपीग्राम्स’ के नाम से पोर्टल चलाया जाता था और इसमें भ्रष्टाचार का कॉलम बनाया गया था। नए पोर्टल को अब पहले के मुकाबले और अधिक आसान बना दिया गया है। भ्रष्टाचार की कैटिगरी में अब नौ अन्य प्रकार के भ्रष्टाचारों को शामिल किया गया है। इसकी मदद से संबंधित विभाग में किस तरह का भ्रष्टाचार हो रहा है, उसे लेकर शिकायत दर्ज की जा सकती है। टेलिकॉम, रेलवे, डिपार्टमेंट ऑफ फाइनैंशल सर्विसेज, मिनिस्ट्री ऑफ पावर, पेट्रोलियम, हेवी इंडस्ट्रीज, अर्बन डिवेलपमेंट, रोड ट्रांसपोर्ट, रूरल डिवेलपमेंट और अन्य कई डिपार्टमेंट्स को शामिल किया गया है। इन सभी विभागों को वैसे विभाग के तौर पर देखा गया है जहां सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार की संभावनाएं होती हैं।

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NHAI की बिल्डिंग के उद्घाटन पर गडकरी ने अधिकारियों को जमकर लगाई लताड़, कहा- 9 साल में बिल्डिंग बनी तो अभिनंदन कैसा, ये तो शर्म की बात
नितिन गडकरी की भी काफी सख्त छवि

मोदी मंत्रिमंडल के चमकदार चेहरों में एक नितिन गडकरी भी परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए जाने जाते हैं। यही वजह है कि जब लक्ष्य को हासिल करने में बाधा आने पर वो भी अपना गुस्सा नहीं रोक पाते हैं। पिछले साल अक्टूबर महीने में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के वर्क कल्चर पर गहरी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने दिल्ली के द्वारका में प्राधिकरण की नई बिल्डिंग के निर्माण में हुई देरी पर बाबुओं को खूब खरी-खोटी सुनाई।

वीडियो वायरल हुआ तो लोगों ने खूब की गडकरी की प्रशंसा

गडकरी ने बिल्डिंग के उद्घाटन समारोह में कहा, ‘कोई भी कार्य पूरा होने के बाद उनका अभिनंदन और शुभेच्छाए देने की प्रथा है, लेकिन मुझे संकोच हो रहा है कि मैं आपका अभिनंदन कैसे करूं क्योंकि 2008 में तय हुआ था कि इस प्रकार से बिल्डिंग बनेगी। 2011 में इसको टेंडर अवॉर्ड हुआ और ये दो-ढाई सौ करोड़ का काम 9 साल बाद आज पूरा हुआ। इस काम को पूरा देखने के लिए 2 सरकारें और 8 चेयरमैन लगे और उसके बाद जाकर यह काम पूरा हुआ तो वर्तमान चेयरमैन और मेंबर बेचारे उनका इस काम से कोई संबंध नहीं है।’ अधिकारियों को फटकारते गडकरी का वीडियो खूब वायरल हुआ था, लोगों ने उनकी खूब प्रशंसा की थी।

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