तालिबान को लेकर एक्शन में केंद्र सरकार, सर्वदलीय बैठक शुरू; तय होगी आगे की रणनीति – Zee News Hindi

नई दिल्ली: अफगानिस्तान पर तालिबान (Taliban) के कब्जे के बाद लगातार हालात बदल रहे हैं और इसी घटनाक्रम पर चर्चा के लिए केंद्र सरकार ने आज (26 अगस्त) को सर्वदलीय बैठक (All Party Meet on Afghanistan Situation) बुलाई है, जो दिल्ली में चल रही है. अफगानिस्तान में तालिबान के शासन पर भारत सरकार को ये तय करना है कि उसकी रणनीति क्या होगी और यही रणनीति सर्वदलीय बैठक का मुख्य एजेंडा है. विदेश मंत्री एस जयशंकर  (S. Jaishankar) अफगानिस्तान को लेकर राजनीतिक दलों के नेताओं को जानकारी दे रहे हैं. 

सरकार की तरफ से बैठक में पहुंचे 6 मंत्री

अफगानिस्तान को लेकर चल रही सर्वदलीय बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर, विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी, संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी, कॉमर्स मिनिस्टर पीयूष गोयल, विदेश राज्य मंत्री मुरलीधरण और केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल शामिल है.

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प्रमुख विपक्षी दलों के ये नेता शामिल

कांग्रेस: मलिकार्जुन खड़गे, अधीर रंजन चौधरी और आनंद शर्मा
एनसीपी: शरद पवार
तृणमूल कांग्रेस: शुवेंदु शेखर रॉय और सौगत राय
डीएमके: तिरुचि शिवा
आरजेडी: प्रेमचंद गुप्ता
एआईएमआईएम: असदुद्दीन ओवैसी
आम आदमी पार्टी: एनडी गुप्ता
टीडीपी: जयदेव गल्ला
JD(S): एचडी देवेगौड़ा
जेडीयू: ललन सिंह
बीजेडी: प्रसन्ना आचार्य
सीपीआई: विनय विश्वम
शिवसेना: गजानन कीर्ति
सपा: विशम्भर प्रसाद निषाद

अब तक 800 से ज्यादा लोगों को लाया जा चुका है भारत

अफगानिस्तान से लोगों को निकालने के अभियान जारी है और भारत अब तक सिख और हिंदू समुदाय के अफगान समेत करीब 800 से ज्यादा लोगों को वापस ला चुका है. मंगलवार को तजाक‍िस्‍तान की राजधानी दुशांबे के रास्ते अफगान‍िस्‍तान से 78 भार‍तीय और अफगानी नागर‍िकों दिल्ली लाया गया था. अफगानिस्तान से निकालकर लाए गए 146 भारतीय नागरिक कतर की राजधानी से चार अलग-अलग विमानों के जरिए सोमवार को भारत पहुंचे. इन नागरिकों को अमेरिका और नाटो के विमान के जरिए पिछले कुछ दिन में काबुल से दोहा ले जाया गया था.

भारत तीन उड़ानों के जरिए दो अफगान सांसदों समेत 392 लोगों को रविवार को देश वापस लाया था. इससे पहले, 16 अगस्त को 40 से अधिक लोगों को स्वदेश लाया गया था, जिनमें से ज्यादातर भारतीय दूतावास के कर्मी थे. काबुल से दूसरे विमान से 150 लोगों को लाया गया, जिनमें भारतीय राजनयिक, अधिकारी, सुरक्षा अधिकारी और कुछ अन्य भारतीय थे, जिन्हें 17 अगस्त को लाया गया था.

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