हाइलाइट्स
- तजाकिस्तान और कतर के रास्ते बचाकर लाए जा रहे हैं भारतीय नागरिक
- वायुसेना के विमान स्टैंड-बाई पर मौजूद, पर्याप्त संख्या होने पर भरते हैं उड़ान
- काबुल से 168 लोगों को लेकर उड़ा C-17 ग्लोबमास्टर, हिंडन एयरबेस उतरेगा
- काबुल से बचाकर दोहा ले जाए गए 135 लोगों ने पकड़ी दिल्ली की फ्लाइट
नई दिल्ली
अफगानिस्तान से भारतीयों को बाहर निकालने में कतर, तजाकिस्तान समेत कई देशों का सहयोग लिया जा रहा है। शुक्रवार और शनिवार के बीच, काबुल एयरपोर्ट से 85 भारतीयों को एयरलिफ्ट कर तजाकिस्तान के दुशांबे ले जाया गया है। इसके अलावा, कतर के दोहा में भी भारतीयों को एयरलिफ्ट किया गया है। दोहा से 135 भारतीयों के पहले जत्थे को रवाना कर दिया गया है। कुल मिलाकर रविवार सुबह अफगानिस्तान से निकाले गए करीब 500 लोग भारत वापस पहुंचेंगे।
शनिवार को काबुल एयरपोर्ट जा रहे 150 से ज्यादा भारतीयों को तालिबान ने कुछ समय के लिए हिरासत में ले लिया। हालांकि बाद में दस्तावेज चेक करने के बाद उन्हें छोड़ दिया गया। एयरपोर्ट के आसपास मौजूद हिंसक भीड़ और अचानक फायरिंग के चलते वहां घुसना मुश्किल हो गया है। अमेरिकी फौजें एयरपोर्ट पर कंट्रोल रखे हुए हैं और बचाव के काम में मदद कर रही हैं।
एक हिंडन पर उतरा, दूसरा C-17 तजाकिस्तान में स्टैंड-बाई पर
107 भारतीयों समेत 168 लोगों को लेकर IAF का एक C-17 ग्लोबमास्टर रविवार सुबह हिंडन एयरबेस पर उतरा। IAF के एक एयरक्राफ्ट ने किसी तरह काबुल एयरपोर्ट पहुंचे 85 भारतीयों को साथ लिया। उन्हें एयरलिफ्ट करके तजाकिस्तान के दुशांबे ले जाया गया। दुशांबे से रविवार तड़के एयर इंडिया की फ्लाइट 1956 से 87 भारतीयों को वापस लाया जा रहा है। इनके साथ दो नेपाली नागरिक भी आ रहे हैं। इसके अलावा, दुशांबे में ही एक C-17 को पार्क करके रखा गया है। काबुल में जैसे ही एयरलिफ्ट करने के लिए पर्याप्त लोग हो जाएंगे, यह उड़ान भरेगा।
दोहा के रास्ते भारत पहुंच रहे लोग
कतर स्थित भारतीय दूतावास ने रविवार को जानकारी दी कि 135 भारतीयों का एक जत्था भेजा जा रहा है। इन लोगों को पिछले कुछ दिनों में काबुल से एयरलिफ्ट कर दोहा लाया गया था। न्यूज एजेंसी ANI ने सरकारी सूत्रों के हवाले से लिखा है कि भारत को काबुल से रोज दो फ्लाइट्स उड़ाने की ही इजाजत मिली है। यह अनुमति उसे अमेरिका और NATO की सेनाओं ने दी हैं। एयरपोर्ट का कंट्रोल इन्हीं फोर्सेज के पास है। एयरपोर्ट से अभी केवल 25 फ्लाइट्स ही चलाई जा रही हैं।
सूत्रों के मुताबिक, अफगान नागरिकों- यहां तक कि हिंदू और सिखों को भी भारत आने वाली फ्लाइट्स बोर्ड करने में परेशानी हो रही है। करीब 200 सिख और हिंदू काबुल के एक गुरुद्वारे में शरण लिए हुए हैं और सुरक्षित बताए जाते हैं।
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कैसे अपने लोगों को रेस्क्यू कर रहा भारत?
भारत सरकार सबसे पहले उन भारतीयों का रजिस्ट्रेशन कर रही है जो अफगानिस्तान में हैं और लौटना चाहते हैं। इसके बाद उन्हें एयरपोर्ट पहुंचने में मदद की जाती है। एयरपोर्ट के बाहर ही असल चुनौती है। भीड़ बढ़ती जा रही है और एयरपोर्ट में घुस पाना मुश्किल… खासतौर से जहां फ्लाइट्स टेकऑफ करती हैं। अमेरिकी सैनिकों ने सख्ती से एयरपोर्ट को संभाला है जिसकी वजह से दुनियाभर के देश अपने लोगों को वहां से निकाल पाने में सक्षम हो पा रहे हैं।
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काबुल में क्यों मौजूद नहीं IAF के विमान?
अफगानिस्तान के साथ 1,400 किलोमीटर सीमा वाले तजाकिस्तान में IAF के दो विमान- C-130J और C-17 ग्लोबमास्टर-III रखे गए हैं। जब भी भारतीय नागरिक एयरपोर्ट में घुस पाएंगे और समय ठीक रहेगा, तो इन्हें ‘लॉन्च’ किया जाएगा। एक सूत्र ने कहा कि ‘काबुल एयरपोर्ट पर IAF एयरक्राफ्ट को पार्क करना संभव नहीं हैं क्योंकि वहां कई सारे प्लेन लैंडिंग और टेकऑफ कर रहे हैं। भारत में अतिरिक्त एयरक्राफ्ट भी स्टैंड-बाई पर रखे गए हैं।’