तालिबानी हुकूमत LIVE: तालिबान की आहट होते ही खुद को बाथरूम में बंद कर लेते हैं काबुल के लोग, बच्चों का मुंह… – Dainik Bhaskar

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नई दिल्लीएक घंटा पहले

फोटो काबुल से एयरलिफ्ट किए गए लोगों की है। इसमें बैठे लोगों की संख्या देखकर आप अंदाज लगा सकते हैं कि तालिबान के खौफ से कितने लोग अफगानिस्तान छोड़ना चाहते हैं।

काबुल में फंसे लोग तालिबान से इस कदर खौफ खाए हुए हैं कि सड़क पर कोई गाड़ी नजर आते ही वे बाथरूम की तरफ दौड़ पड़ते हैं। घरों की लाइट और मोबाइल फोन बंद कर वे खुद को बाथरूम में कैद कर लेते हैं। बच्चों की आवाज न सुनाई दे, इसलिए उनके मुंह पर कपड़ा बांध देते हैं।

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक काबुल में फंसे एक परिवार के रिश्तेदार ने ये हाल बयां किया है। इस परिवार के दो लोगों का तालिबान ने बीते सालों में कत्ल कर दिया था। ऐसे में तालिबान की आहट सुनते ही पूरा परिवार बुरी तरह डर जाता है। काबुल में फंसे ऐसे परिवारों के जो रिश्तेदार दूसरे देशों में हैं, वे अपनी-अपनी सरकारों से मदद की गुहार लगा रहे हैं।

काबुल से 250 भारतीयों के एयरलिफ्ट की तैयारी
अफगानिस्तान में तालिबानी हुकूमत के बीच काबुल एयरपोर्ट पर अफरातफरी मची हुई है। सभी देश अपने-अपने नागरिकों को वहां से निकालने में लगे हैं तो तालिबान के खौफ से अफगानी भी देश छोड़ना चाहते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत ने भी अपने लोगों को निकालने के लिए एयरफोर्स का ग्लोबमास्टर C-17 स्टैंडबाय मोड पर रखा है, इसे कभी भी काबुल भेजा जा सकता है।

इस विमान से 250 लोगों के भारत लौटने की उम्मीद है, लेकिन यह देखना होगा कि कितने लोग काबुल एयरपोर्ट तक पहुंच पाते हैं, क्योंकि एयरपोर्ट जाने वाले रास्तों पर तालिबानियों का पहरा है। हालांकि तालिबान ये दावा भी कर रहा है कि वह दूसरे देशों के लोगों को जाने से नहीं रोक रहा है।

4 दिन पहले 120 भारतीयों की वतन वापसी हुई थी
काबुल से भारतीयों को एयरफोर्स के विमानों में लाया जा रहा है। पिछले मंगलवार को 120 से ज्यादा लोगों की ग्लोबमास्टर C-17 से वतन वापसी हुई थी। इनमें काबुल स्थित भारतीय दूतावास के अधिकारी, ITBP के जवान और अन्य लोग शामिल थे। इससे पहले सोमवार को भी 45 लोगों को एयरलिफ्ट किया गया था।

पंजशीर के लड़ाकों ने तालिबान के खिलाफ फूंका विद्रोह का बिगुल
अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद हालात दिन पर दिन बिगड़ते जा रहे हैं। इस बीच तालिबान का विरोध भी तेज हो गया है। राजधानी काबुल से करीब सवा सौ किलोमीटर दूर पंजशीर घाटी के लड़ाकों ने तालिबान के खिलाफ विद्रोह का बिगुल फूंक दिया है। इस लड़ाई में 15 तालिबान मारे गए हैं, जबकि 10 को पंजशीर के लड़ाकों ने पकड़ लिया है। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हुई है।

अफगानिस्तान के रक्षा मंत्री ने 3 जिलों पर कब्जे का दावा किया
अफगानिस्तान के रक्षा मंत्री जनरल बिस्मिल्ला मोहम्मद ने भी सोशल मीडिया पर कहा है कि पुल-ए-हिसार, बानू और देह-ए-सलाह से तालिबान को खदेड़ दिया गया है। बिस्मिल्लाह मोहम्मद अशरफ गनी की सरकार में रक्षा मंत्री थे।

पंजशीर अकेला ऐसा इलाका है जो तालिबान के नियंत्रण से बाहर
तालिबान ने लगभग पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है, लेकिन पंजशीर अकेला ऐसा इलाका है जो तालिबान के नियंत्रण से बाहर है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तालिबान ने एक प्रतिनिधिमंडल पंजशीर में अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद से वार्ता करने के लिए भेजा है। वहीं एक इंटरव्यू में मसूद ने कहा है कि वो वार्ता और हमले दोनों के लिए तैयार हैं।

तालिबान समर्थकों ने पंजशीर मामला जल्द सुलझाने की वकालत की
वहीं तालिबान समर्थक कह रहे हैं कि यदि पंजशीर के मुद्दे को जल्द नहीं सुलझाया गया तो ये तालिबान के लिए सिरदर्द बन जाएगा। पंजशीर के आसपास के प्रांतों के कुछ अफगान सैन्य बल भी तालिबान के कब्जे के दौरान पंजशीर पहुंच गए थे। अभी कई अन्य जिलों में भीषण लड़ाई की खबर है।

पंजशीर के स्थानीय लड़ाकों ने तालिबान के खिलाफ विद्रोह कर दिया है। यहां अफगानी सेना के जवानों के इनसे मिलने की खबर है।

पंजशीर के स्थानीय लड़ाकों ने तालिबान के खिलाफ विद्रोह कर दिया है। यहां अफगानी सेना के जवानों के इनसे मिलने की खबर है।

सूत्रों का कहना है पंजशीर में तालिबान प्रतिनिधियों से वार्ता के दौरान पंजशीर के बुजुर्गों ने अमरुल्ला सालेह से कहा है कि वो पंजशीर छोड़ दें, क्योंकि स्थानीय लोग अब युद्ध नहीं शांति चाहते हैं। अमरुल्ला सालेह का ठिकाना इन दिनों पंजशीर ही है।

अमेरिका का मोस्ट वांटेड काबुल में खुलेआम घूम रहा, 50 लाख डॉलर का इनाम
आतंकी खलील हक्कानी काबुल की एक मस्जिद में इस्लामी अमीरात की घोषणा करते हुए नजर आया है। खलील हक्कानी पर अमेरिका ने 50 लाख डॉलर का इनाम रखा हुआ है और वह मोस्ट वांटेड है। खलील हक्कानी, जलालउद्दीन हक्कानी का भाई है। हक्कानी नेटवर्क ने अफगानिस्तान में कई बड़े हमले किए थे और भारतीय हितों को भी निशाना बनाया था।

काबुल की एक मस्जिद में खलील हक्कानी इस्लामी अमीरात की घोषणा करता हुआ।

काबुल की एक मस्जिद में खलील हक्कानी इस्लामी अमीरात की घोषणा करता हुआ।

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