लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप राजद बिहार अध्यक्ष जगदानंद सिंह पर हमलावर हैं, लेकिन क्या वजह है कि लालू के लिए फिर भी ‘जगदा बाबू’ खास ही हैं।
बिहार की राजनीति के एक केंद्र, लालू परिवार में उथल-पुथल मची हुई है। लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप जहां प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह पर लगातार निशाना साध रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ जगदानंद सिंह का अनुशासन का डंडा भी चल रहा है।
आखिर क्या वजह है कि तेजप्रताप के खुलकर जगदानंद सिंह के खिलाफ बोलने पर भी वो राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के खास बने हैं। तेजस्वी यादव भी जगदानंद सिंह के साथ हैं। दरअसल लालू जानते हैं कि तेजप्रताप अभी राजनीति में नए हैं, साथ ही उनका वजूद अभी लालू परिवार है ना कि खुद तेज प्रताप।
कौन हैं लालू के ‘जगदा बाबू’
लालू प्रसाद यादव जगदानंद सिंह को जगदा बाबू ही कहकर बुलाते हैं। लालू जब चारा घोटाले में जेल गए तो पार्टी में सिर्फ दो ही ऐसे नेता थे जो लालू के साथ शुरू से ही हर फैसले पर साथ थे। एक रघुवंश प्रसाद सिंह और दूसरे जगदानंद सिंह। नंवबर 2019 में बिहार राजद की कमान जगदानंद सिंह के पास आई। लालू बहुत सोच समझ कर पार्टी की कमान अपने प्रिय जगदा बाबू के हाथ में दिए थे। तेजस्वी को खुद को राजनीति में अभी स्थापित करना बाकी था और जंगदानंद सिंह के अलावा पार्टी में कोई ऐसा था भी नहीं, जिसकी स्वीकार्यता अंदर और बाहर दोनों हो।
जगदानंद सिंह राजद में अगड़ों के चेहरा माने जाते रहे हैं। यादव-मुस्लिम समीकरण का ठपा लगा चुकी राजद, अगड़ों को लुभाने के लिए लगातार प्रयास कर रही थी, जिसमें भी जगदानंद सिंह पूरी तरह से फिट बैठ रहे थे। दूसरी ओर राजद कार्यकर्ताओं पर लगातार आरोप लगते रहा है कि वो अनुशासित नहीं हैं। राजद की कोई रैली हो, प्रदर्शन हो, तो तोड़-फोड़ होना फिक्स रहता था। जगदानंद सिंह अपने अनुशासन से इस छवि को बदलने का लगातार प्रयास करते दिखे, और उनका प्रयास काफी हद तक रंग भी लाया है। अब की राजद पहले की राजद से थोड़ी-बहुत तो जरूर अलग दिख रही है।
जब बेटे को दिया हरवा
जगदानंद सिंह लालू को ऐसे ही प्रिय नहीं है। लालू जब भी कठिन दौर में रहे जगदा बाबू उनके साथ खड़े रहे। राबड़ी देवी को जब बिहार का मुख्यमंत्री बनाने का फैसला लालू ने लिया, तब भी जगदा बाबू उनके फैसले के साथ रहे। पार्टी के संस्थापकों में से एक जगदा बाबू ने तब लालू का दिल जीत लिया जब उन्होंने विरोध में लड़ रहे अपने ही बेटे को हरवा दिया।
2010 के विधानसभा चुनाव में जब जगदानंद सिंह के बेटे सुधाकर सिंह बीजेपी में चले गए और चुनाव लड़ने का फैसला किया तो जगदा बाबू बेटे के विरोध में उतर गए। विरोध का आलम ये था कि बेटे को जगदा बाबू ने हराकर ही दम लिया। परिवार विरोध करते रहा, लेकिन वो टस से मस नहीं हुए।
कई विभागों के रहे मंत्री
जगदानंद सिंह बिहार से 6 बार विधायक, एक बार सांसद और कई विभागों में मंत्री रह चुके हैं। जगदानंद सिंह जब से राजद प्रदेश अध्यक्ष बने हैं, उनके और लालू के बड़े बेटे तेजप्रताप के साथ अनबन बनी रही। तेजप्रताप कई बार सार्वजनिक मंच से जगदानंद सिंह के विरोध में बोल चुके हैं। हालांकि अभी तक लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी का भरोसा उनपर बना हुआ है। जगदा बाबू जब भी नाराज होते हैं लालू और तेजस्वी उन्हें मना ही लेते हैं।
इस बार की तनातनी कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है। तेजप्रताप के आरोपों पर इस बार जगदा बाबू ने खुलकर जवाब दिया है। उन्होंने तेजप्रताप पर पलटवार करते हुए कहा है कि कौन है तेजप्रताप, मैं लालू प्रसाद के प्रति उत्तरदायी हूं, मुझे नहीं पता तेजप्रताप मुझसे क्यों नाराज हैं।
जगदानंद सिंह और तेजप्रताप के प्रकरण के बाद विरोधी दलों के नेताओं को भी बोलने का मौका मिल गया। राजद के पूर्व नेता और अब बीजेपी सांसद रामकृपाल यादव ने कहा कि राजद में सीनियर नेताओं का सम्मान नहीं होता है। मेरे साथ भी यही हुआ था।
उधर बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी ने इस प्रकरण पर चुटकी ली है और ट्वीट कर कहा- “राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद पर पार्टी के बड़े राजकुमार के तीखे हमले दल के भीतर जारी सत्ता संघर्ष का परिणाम है। बड़ा भाई संगठन में अपने छोटे भाई को ज्यादा महत्व और पावर मिलने से उपजी हताशा में तीर जगदानंद पर चला रहा है, लेकिन असली निशाने पर कोई और है।”
राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद पर पार्टी के बड़े राजकुमार के तीखे हमले दल के भीतर जारी सत्ता संघर्ष का परिणाम है।
बड़ा भाई संगठन में अपने छोटे भाई को ज्यादा महत्व और पावर मिलने से उपजी हताशा में तीर जगदानंद पर चला रहा है, लेकिन असली निशाने पर कोई और है।— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) August 20, 2021
एक अन्य ट्वीट में सुशील मोदी ने कहा- “राजद की आंतरिक लड़ाई में कौन औरंगजेब बन कर संगठन पर राज करेगा और कौन दारा शिकोह बनाया जाएगा, यह समय बताएगा। पार्टी की सेहत ठीक नहीं है, इसलिए वह जनहित के मुद्दों पर ध्यान नहीं दे पा रही है।”
बिहार के मंत्री नीतीन नवीन ने लालू प्रसाद यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि लालू यादव ने अति महत्वकांक्षी होने का जो बीज बोया था वही आज काट रहे हैं। लड़ाई दो भाईयों के बीच के वर्चस्व की है, जिसमें सीनियर नेताओं को अपमानित किया जा रहा है।
फिलहाल तेजप्रताप जगदानंद सिंह पर कितने भी हमले करते रहे, लेकिन सच ये है कि लालू और तेजस्वी का समर्थन उनको मिला हुआ है और अपने अनुसान से लालू के ‘जगदा बाबू’ राजद को संभाले हुए हैं।