Afghanistan Crisis : सीधे काबुल नहीं, ताजिकिस्तान उतरा था भारत का विमान… अब चार्टर प्लेन के प्लान पर चल रहा काम – Navbharat Times

हाइलाइट्स

  • काबुल से सुरक्षित भारत लाए गए अफगानिस्तान में भारतीय दूतावास के राजदूत और सभी स्टाफ
  • विदेश मंत्रालय के मुताबिक, दो चरणों में पूरा हुआ यह अभियान, भारत अपने सभी नागरिकों को लाने के लिए प्रतिबद्ध
  • एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि भारत ने ताजिकिस्तान के आइनी एयरबेस पर अपने विमान पार्क कर रखे थे
  • काबुल एयरपोर्ट का ऑपरेशन संभाल रहे अमेरिका से हरी झंडी मिलते ही आइनी से वहां पहुंचे भारतीय विमान

नई दिल्ली
पूरे अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद भारत ने एयर फोर्स के विमान लगाकर वहां से अपने राजदूत और दूतावास के बाकी सभी कर्मचारियों को सुरक्षित वापस ला दिया है। यह अभियान 2 चरणों में हुआ और मंगलवार दोपहर तक सभी भारतीय स्टाफ दिल्ली लाए जा चुके थे। दूतावास और उसके स्टाफ को सुरक्षित निकालने का अभियान इतना आसान भी नहीं था। भारत ने अपने विमान सीधे काबुल नहीं भेजे बल्कि उन्हें पहले ताजिकिस्तान में उतारा।

भारत ने ताजिकिस्तान के आइनी एयर बेस पर पार्क कर रखे थे C-17 विमान
न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि भारत ने वायुसेना के C-17 विमान को ताजिकिस्तान के आइनी एयर बेस पर पार्क किया था। इसकी वजह यह थी कि अफगानिस्तान के काबुल एयरपोर्ट पर बहुत ज्यादा रश था। वहां अफरातफरी का माहौल था, अराजकता जैसी स्थिति थी। एयरपोर्ट पर वैसे लोगों की जबरदस्त भीड़ थी जो तालिबान के खौफ से अफगानिस्तान में अपना घर-बार समेत सबकुछ छोड़कर किसी तरह बाहर निकलना चाहते थे। ताजिकिस्तान के आइनी एयर बेस पर इंडियन एयर फोर्स के C-17 ग्लोबमास्टर प्लेन स्टैंड बाइ मोड में थे।

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और भारतीयों को लाने के लिए चार्टर प्लेन की टटोली जा रही संभावना
काबुल एयरपोर्ट का नियंत्रण अमेरिका के हाथ में था। उसकी तरफ से एयरपोर्ट आने की जैसे ही हरी झंडी मिली, एयर फोर्स के विमान आइनी से काबुल के लिए उड़ चले। वहां से भारतीय कर्मचारियों को लेकर ये विमान भारत पहुंचे। भारतीय राजदूत और दूतावास के सभी भारतीय कर्मचारियों को तो वापस लाया जा चुका है लेकिन अभी भी तमाम भारतीय वहां फंसे हुए हैं। उन्हें लाने के लिए भारत चार्टर प्लेन किराए पर लेने की संभावनाएं टटोल रहा है।












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कर्मचारियों को वापस लाने का काम बहुत जटिल और चुनौतीपूर्ण था: विदेश मंत्री
अफगानिस्तान से भारतीय राजदूत और एम्बेसी के स्टाफ को सुरक्षित वापस लाए जाने पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘काबुल से भारतीय राजदूत और दूतावास के कर्मचारियों को भारत लाने की कार्यवाही बहुत ही कठिन और जटिल थी। इसे मुमकिन बनाने में सहयोग करने और सरल बनाने वाले सभी का शुक्रिया।’












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अफगानिस्तान से सभी भारतीयों की सुरक्षित वापसी के लिए भारत प्रतिबद्ध
विदेश मंत्रालय ने भी कहा है कि भारत अपने सभी नागरिकों की सुरक्षित वापसी के लिए प्रतिबद्ध है। मंत्रालय ने कहा, ‘भारत सरकार सभी भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी के लिए प्रतिबद्ध है और जब काबुल एयरपोर्ट वाणिज्यिक उड़ानों के लिए खुल जाएगा, तब फ्लाइट की व्यवस्था करेगी।’

दो चरणों में पूरा हुआ अभियान
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘काबुल की मौजूदा स्थिति को देखते हुए यह फैसला किया गया कि हमारे दूतावास के सभी कर्मचारियों को तत्काल भारत लाया जाएगा। यह अभियान दो चरणों में पूरा हुआ। दोपहर को राजदूत और इंडिया-बेस्ड सभी कर्मचारी नई दिल्ली पहुंच चुके थे।’

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अफगान लोगों के लिए जारी रहेगी ई-वीजा सर्विस
विदेश मंत्रालय ने कहा कि अफगान नागरिकों के लिए ई-इमर्जेंसी वीजा सुविधा जारी रहेगी। उसने कहा, ‘जहां तक अफगान नागरिकों की बात है तो उनके लिए ई-इमर्जेंसी वीजा सुविधा के तौर पर हमारी वीजा सेवाएं जारी रहेंगी। हमें अफगानिस्तान से सिख और हिंदू समुदाय के नेताओं की तरफ से पहले ही आवेदन मिल चुके हैं और हम उनके संपर्क में हैं।’

C-17


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