पीएम मोदी के ट्वीट पर क्यों भड़का पाक? बोला- हिंदुत्व के अनुयायी RSS-BJP सांप्रदायिकता फैला रहे – Navbharat Times

इस्लामाबाद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 14 अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के तौर पर मनाने के ऐलान से पाकिस्तान को मिर्ची लग गई है। पाकिस्तान ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए भारत पर इतिहास को तोड़ने मरोड़ने का आरोप लगाया है। पाकिस्तान ने यहां तक दावा किया है कि आरएसएस-बीजेपी सरकार चुनावी फायदे के लिए सांप्रदायिकता को भड़का रही है।

पाकिस्तानी विदेश कार्यालय ने उगला जहर
पाकिस्तानी विदेश कार्यालय ने ट्वीट कर लिखा कि 1947 की घटनाओं के बारे में भारतीय प्रधानमंत्री के ट्वीट के लिए कोई भी आधुनिक राज्य अपने आप में इतना विरोधाभासी नहीं है जितना कि भारत है। कई सैन्य तानाशाहों को झेल चुके पाकिस्तान ने तो भारत सबसे बड़े लोकतंत्र पर भी टिप्पणी की है। लेकिन, पाकिस्तान ने इमरान खान सरकार और सेना के बीच की सांठगांठ पर चु्प्पी साधे रखी है।

बीजेपी को बताया नफरत और हिंसा के पैरोकार
विदेश कार्यालय ने लिखा कि हिंदुत्व विचारधारा के अनुयायी नफरत और हिंसा के पैरोकार हैं। अपने बयान में यह भी कहा कि 1947 में स्वतंत्रता के बाद हुई दुखद घटनाओं और बड़े पैमाने पर पलायन को उन्होंने एकतरफा करार दिया है। पाकिस्तान ने आरोप लगाया कि इतिहास को तोड़-मरोड़ कर सांप्रदायिकता भड़काना आरएसएस-बीजेपी सरकार की खूबी है।

पाकिस्तान ने चुनावी स्टंट करार दिया
पाकिस्तान ने यह भी कहा कि पुराने घावों को भरने की बात तो दूर, वे चुनावी फायदे के लिए और मतभेद बोने के लिए किसी भी हद तक जा सकते थे। पाकिस्तान ने दावा किया कि हमें यकीन है कि भारत में सद्भावना के लोग इस राजनीतिक स्टंट को पूरी तरह से खारिज कर देंगे।

ट्वीट में क्या कहा था पीएम मोदी ने?
पीएम मोदी ने भारत की 75वीं स्वतंत्रता दिवस के एक दिन पहले ट्वीट में लिखा कि देश के बंटवारे के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता। नफरत और हिंसा की वजह से हमारे लाखों बहनों और भाइयों को विस्थापित होना पड़ा और अपनी जान तक गंवानी पड़ी। उन लोगों के संघर्ष और बलिदान की याद में 14 अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के तौर पर मनाने का निर्णय लिया गया है। #PartitionHorrorsRemembranceDay का यह दिन हमें भेदभाव, वैमनस्य और दुर्भावना के जहर को खत्म करने के लिए न केवल प्रेरित करेगा, बल्कि इससे एकता, सामाजिक सद्भाव और मानवीय संवेदनाएं भी मजबूत होंगी।

आजादी के दौरान लाखों लोग हुए थे विस्थापित
वर्ष 1947 में ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन द्वारा भारत के विभाजन के बाद पाकिस्तान का निर्माण एक मुस्लिम देश के रूप में किया गया था। उस दौरान लाखों लोग विस्थापित हुए थे तथा बड़े पैमाने पर दंगे भड़कने के कारण कई लाख लोगों की जान चली गई थी। भारत रविवार को अपना 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा। पाकिस्तान 14 अगस्त को अपना स्वतंत्रता दिवस मनाता है।

गृह मंत्रालय ने जारी की अधिसूचना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस आशय की घोषणा करने के कुछ घंटे बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 14 अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के तौर पर अधिसूचित किया। सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने कहा कि ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ उन सभी लोगों के लिए एक उचित श्रद्धांजलि होगी, जिन्होंने राष्ट्र के विभाजन के कारण अपनी जान गंवाई और अपनी जड़ों से विस्थापित हो गए। मंत्रालय ने कहा कि इस तरह के दिवस की घोषणा से भारतीयों की वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों को विभाजन के दौरान लोगों द्वारा झेली गई पीड़ा और दर्द की याद आएगी।

स्वतंत्रता की मिठास के साथ विभाजन का आघात

सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस किसी भी राष्ट्र के लिए एक खुशी और गर्व का अवसर होता है, जो हर साल 15 अगस्त को मनाया जाता है। हालांकि, स्वतंत्रता की मिठास के साथ विभाजन का आघात भी आया। नये स्वतंत्र भारतीय राष्ट्र का जन्म विभाजन की हिंसक पीड़ाओं के साथ हुआ था, जिसने लाखों भारतीयों पर जख्म के स्थायी निशान छोड़े। विभाजन का दर्द और हिंसा देश की स्मृति में गहराई से अंकित है। ऐसे में जब देश दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र और तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए आगे बढ़ा है, देश के विभाजन के दर्द को कभी नहीं भुलाया जा सकता है।

शहीदों को किया गया याद
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने बयान में कहा कि हमारी स्वतंत्रता का जश्न मनाते हुए, एक कृतज्ञ राष्ट्र हमारी प्यारी मातृभूमि के उन बेटों और बेटियों को भी सलाम करता है, जिन्हें हिंसा के उन्माद में अपने प्राणों की आहुति देनी पड़ी थी। उसने कहा कि विभाजन मानव इतिहास में सबसे बड़े पलायन में से एक का कारण बना और इसने लगभग दो करोड़ लोगों को प्रभावित किया।

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