अफगानिस्तान पर बढ़ती जा रही तालिबान की पकड़: काबुल से महज 50 किमी दूर रह गया तालिबान, 34 में से 19 प्रांतों औ… – Dainik Bhaskar

काबुल11 मिनट पहले

तालिबान तेजी से अफगानिस्तान के प्रमुख शहरों पर कब्जा जमाता जा रहा है। विद्रोही अब राजधानी काबुल से महज 50 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद हैं। इसके साथ ही तालिबान ने 34 में से 19 प्रांतों और उनकी राजधानियों पर कब्जा कर लिया है।

तालिबान सूत्रों ने बताया कि लड़ाके काबुल की सीमा से लगी लोगार की प्रांतीय राजधानी फूल-ए-आलम में घुस गए हैं। यह राजधानी काबुल से सिर्फ 50 किलोमीटर की दूरी पर है। मतलब सिर्फ 2 घंटे में ही काबुल पहुंचा जा सकता है। इससे पहले शुक्रवार को ही तालिबान ने कंधार और लश्कर गाह पर भी अपना कब्जा जमा लिया।

काबुल में अफरातफरी का माहौल, कोई नहीं जानता आगे क्या होगा
काबुल में इस समय अफरातफरी का माहौल है। यहां की एक ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट ने दैनिक भास्कर को बताया कि किसी को नहीं पता कि आगे क्या होगा। कोई कह रहा है कि राष्ट्रपति गनी इस्तीफा दे देंगे। कोई कह रहा है कि तालिबान से मुकाबला किया जाएगा। लोगों की समझ में कुछ नहीं आ रहा है। एक और एक्टिविस्ट ने भास्कर से बात करते हुए कहा कि अभी तो हम काबुल में सुरक्षित हैं, लेकिन नहीं पता कि कब तक सुरक्षित हैं।

दूसरे प्रांतों से पलायन कर भारी संख्या में लोग राजधानी काबुल पहुंच रहे हैं।

तालिबान ने अब तक 19 प्रांतों और उनकी राजधानियों पर कब्जा किया
तालिबान ने शुक्रवार शाम तक अफगानिस्तान के 19 प्रांतों और उनकी राजधानियों पर कब्जा कर लिया है। ये प्रांत हैं- निमरोज, जव्ज्जान, सर्पिल, तखारी, कुंदुज, समनगन, फराह, बगलान, बदख्शन, गजनी, हेरात, बदघिश, कंधार, हेलमंद, घोर, ऊरुजगान, जाबूल, लाेगर और पक्तिया।

कंधार पर कब्जा करने के बाद तालिबान ने वीडियो मैसेज जारी किया।

कंधार पर कब्जा करने के बाद तालिबान ने वीडियो मैसेज जारी किया।

राष्ट्रपति गनी बोले- राष्ट्रपति पद से नहीं हटूंगा
इस बीच राजधानी काबुल में सरकार और सैन्य अधिकारियों की सरगर्मी बढ़ गई है। शुक्रवार को ही राष्ट्रपति अशरफ गनी ने राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर एक हाईलेबल मीटिंग की। इसके बाद उन्होंने इस्तीफा देने की अटकलों पर विराम लगाते हुए कहा कि हम तालिबान से मजबूती के साथ लड़ेंगे।

पाकिस्तान ने भी मांगा गनी से इस्तीफा
बता दें कि तालिबान ने गनी को राष्ट्रपति पद छोड़ने को कहा है। पाकिस्तान भी गनी को लेकर ऐसी ही मांग करता रहा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री अमरान खान तो इतना तक कह चुके हैं कि जब तक अफगानिस्तान के राष्ट्रपति गनी नहीं हटेंगे हम आपसी संबंधों पर कोई बात नहीं करेंगे।

पाकिस्तान ने अफगानिस्तान से लगे चमन बॉर्डर को शुक्रवार को आम लोगों के लिए खोल दिया।

पाकिस्तान ने अफगानिस्तान से लगे चमन बॉर्डर को शुक्रवार को आम लोगों के लिए खोल दिया।

अमेरिका और ब्रिटेन अपने दूतावास से कम करेंगे कर्मचारी
बीबीसी के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि बीते एक महीने में एक हजार से ज्यादा आम लोगों की मौत हुई है। तालिबान ने पिछले कुछ दिनों में सरकारी मीडिया के प्रमुख समेत कई राजनीतिक हत्याओं को भी अंजाम दिया है। अमेरिका और ब्रिटेन ने अफगानिस्तान के अपने दूतावासों में कर्मचारियों की संख्या कम करने की घोषणा की है। रूस के दूत ने कहा है कि मॉस्को अभी ऐसी किसी योजना पर काम नहीं कर रहा है।

नाटो अफगान सरकार और सुरक्षा बलों को समर्थन जारी रखेगा
अफगानिस्तान में तालिबान की बढ़ती पकड़ के बीच नाटो सहयोगियों ने शुक्रवार को उत्तरी अटलांटिक परिषद में मीटिंग की। गठबंधन ने बैठक में तालिबानी हिंसा की आलोचना की है, साथ ही अफगान सरकार को समर्थन जारी रखने का फैसला किया है। नाटो ने कहा कि हम जमीनी स्तर पर घटनाक्रम का आकलन कर रहे हैं। अफगान अधिकारियों और बाकी अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ भी नाटो लगातार संपर्क में हैं।

कंधार में अफगानिस्तानी सेना और तालिबानियों के बीच युद्ध के बाद उठता धुंआ। यहां दोनों तरफ से जमकर गोलाबारी हुई है। कांधार तालिबान का गढ़ रह चुका है और अब यहां उनका कब्जा है।

कंधार में अफगानिस्तानी सेना और तालिबानियों के बीच युद्ध के बाद उठता धुंआ। यहां दोनों तरफ से जमकर गोलाबारी हुई है। कांधार तालिबान का गढ़ रह चुका है और अब यहां उनका कब्जा है।

नाटो प्रमुख जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने कहा, ‘हमारा उद्देश्य अफगान सरकार और सुरक्षा बलों का समर्थन करना है। हम काबुल में अपनी राजनयिक उपस्थिति बनाए रखेंगे। हमारे कर्मचारियों की सुरक्षा सर्वोपरि है।’ बैठक में तालिबानी हिंसा के बारे में चिंता जताई गई। साथ ही नागरिकों पर हमले, हत्याओं और मानवाधिकार हनन की रिपोर्ट पर चर्चा की गई।

नाटो ने कहा कि तालिबान को यह समझने की आवश्यकता है कि यदि वे अफगानिस्तान पर बंदूक के दम पर कब्जा करते हैं तो अंतरराष्ट्रीय समुदाय उन्हें मान्यता नहीं देगा। हम अफगानिस्तान में शांति और राजनीतिक समाधान का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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