Lashkar Gah Kandahar Know How Taliban Beat America In Afghanistan Like Vietnam War: कंधार, लश्‍कर गाह…तालिबा – नवभारत टाइम्स

काबुल
वियतनाम युद्ध में शर्मनाक हार का सामना करने वाले सुपरपावर अमेरिका को अब अफगानिस्‍तान में तालिबान आतंकियों के हाथों करारी शिकस्‍त का सामना करना पड़ रहा है। पिछले करीब 20 वर्षों में अरबों डॉलर खर्च करके अफगान सेना को ‘ताकतवर’ बनाने का दावा करने वाले अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन का बयान झूठा निकला और तालिबान आतंकियों ने इस्‍माइल खान के गढ़ लश्‍कर गाह पर भी कब्‍जा कर लिया है। अब वे राजधानी काबुल से मात्र 90 किमी दूर रह गए हैं। आखिर ऐसा क्‍या हुआ जो तालिबान आतंकी अफगान सेना को बेदम करते जा रहे हैं। आइए समझते हैं पूरा मामला….

अफगान धरती को बमों का ढेर बनाने वाला अमेरिका अब लगभग अफगानिस्‍तान से जा चुका है। तालिबान पर हमले के समय अमेरिका के तत्‍कालीन राष्‍ट्रपति जॉर्ज बुश ने कहा था कि यह सतत चलने वाला युद्ध है। हालांकि अब उनका यह सतत चलने वाला युद्ध करीब 20 साल बाद जो बाइडन शासन में बंद हो गया है। हालत यहां तक हो गई है कि अमेरिका अपने दूतावास को बचाने के लिए तालिबान से गिड़गिड़ा रहा है। उधर, तालिबान आतंकी खून की होली खेलते हुए काबुल की ओर बढ़ रहे हैं। इस कार्रवाई के दौरान तालिबान के हाथ 2000 हंवी, टैंक और घातक तोपें आ गई हैं।

वर्ष 1968 के बाद अमेरिका की सबसे बड़ी खुफिया नाकामी
अमेरिकी रक्षा विशेषज्ञ और लॉन्‍ग वॉर जनरल के संपादक बिल रोग्गियो कहते हैं कि अफगानिस्‍तान में हार के लिए अमेरिकी सेना के कमांडर और खुफिया अधिकारी जिम्‍मेदार हैं। उन्‍होंने कहा कि यह वर्ष 1968 के बाद अमेरिका की सबसे बड़ा खुफिया नाकामी है। बिल ने सवाल किया, ‘यह कैसे हुआ कि तालिबान ने योजना बनाई, खुद को एकजुट किया, तैयार किया और देशभर में इतने बड़े आक्रामक अभियान को क्र‍ियान्वित किया वह भी सीआईए, डीआईए, एनडीएस और अफगान सेना की नाक के नीचे?’

बिल ने ट्वीट किया, ‘अमेरिकी सेना और खुफिया अधिकारियों ने खुद को यह सहमत कर लिया कि तालिबान बातचीत करेगा और तालिबानी आतंकियों की यह सैन्‍य रणनीति थी ताकि वार्ता की मेज पर इसका फायदा उठाया जा सके। अमेरिकी तालिबान की इस साजिश को पकड़ नहीं पाए कि तालिबान सैन्‍य ताकत के बल पर देश पर कब्‍जा कर सकता है।’ उन्‍होंने कहा कि अमेरिका ने अफगान सेना की ताकत के बारे में गलत अनुमान लगाया कि वह एक साल तक तालिबान को रोक सकते हैं।
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तालिबान ने अफगान सेना को ऐसे किया बेदम

तालिबान आतंकी बहुत तेजी से अफगानिस्‍तान पर कब्‍जा कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि 15 प्रांतीय राजधानियों पर तालिबान का कब्‍जा हो गया है। अफगान पत्रकार बिलाल सरवरी बताते हैं कि तालिबान के कमांडर गुपचुप तरीके से अफगान सेना के कमांडरों और गांवों, जिलों और प्रांतीय स्‍तर पर महत्‍वपूर्ण नेताओं के साथ संपर्क कर रहे हैं। इसके लिए वे उनके कबीले, उनके परिवार और उनके दोस्‍तों की मदद ले रहे हैं ताकि एक गुप्‍त समझौता किया जा सके। इसी वजह से अफगान सेना को हार का मुंह देखना पड़ रहा है।

उन्‍होंने कहा कि अफगान सरकार ने बहुत तेजी से अपनी सेना के कमांडर बदले हैं जिससे युद्धक्षेत्र और काबुल में सैन्‍य नेतृत्‍व के बीच संपर्क कट गया है। अमेरिकी अफगान सेना की बहुत मदद कर रहे हैं लेकिन तालिबान की अफगान सेना के कमांडरों से खुफिया डील से स्थिति बदल रही है। इसे कंधार में देखा गया। तालिबान आतंकी अफगान नेताओं और कमांडरों को यह आश्‍वासन दे रहे हैं कि अगर वे मदद करते हैं तो उन्‍हें माफ कर दिया जाएगा। काबुल की गनी सरकार भ्रष्‍टाचार में लिप्‍त है जिससे सैनिकों में भी असंतोष है।

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