पेगासस जाजूसी कांड से लेकर कृषि कानूनों के खिलाफ राहुल गांधी की अगुवाई में आज विपक्षी दलों के सांसदों ने सड़कों पर प्रदर्शन किया। पेगासस जाजूसी कांड, किसान समेत कई मसलों पर मोदी सरकार को घेरने और दबाव बनाने के लिए राहुल गांधी संग करीब 15 विपक्षी दलों के नेताओं ने संसद भवन से विजय चौक की ओर मार्च किया। इसके तुरंत बाद राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर हमला बोला और आरोप लगाया कि पहली बार राज्यसभा में सांसदों की पिटाई की गई और विपक्षी सांसदों के साथ धक्का-मुक्की की गई। बता दें कि संसद से विजय चौक तक इस मार्च में बैनर और तख्ती लिए राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकाजुर्न खड़गे, राष्ट्रीय जनता दल के मनोज कुमार झा, शिवसेना के संजय राउत और अन्य नेता मार्च में शामिल हुए।
मार्च के बाद राहुल गांधी ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि संसद सत्र के दौरान लोकतंत्र की हत्या की गई। विपक्ष पेगासस जासूसी कांड, किसानों की समस्यायें और कई अन्य मुद्दों पर चर्चा कराना चाहता था मगर सरकार ने उसे नहीं होने दिया। उन्होंने कहा कि संसद का सत्र समाप्त हो गया है। देश की 60 फीसदी आवाज को कुचला गया, अपमानित किया गया, राज्यसभा में सांसदों को पीटा गया। आज हमें आपसे (मीडिया) बात करने के लिए यहां आना पड़ा क्योंकि हमें (विपक्ष) संसद में बोलने की अनुमति नहीं दी गई। यह लोकतंत्र की हत्या है।
मीडिया के सवालों के जवाब में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि पहली बार राज्यसभा में पहली बार सांसदों की पिटाई की गई। उन्होंने कहा कि बाहर से लोगों को बुलाया गया और सांसदों के साथ धक्का-मुक्की और मारपीट की गई। उन्होंने चेयरमैन पर पक्षपात करने का आरोप लगाया और कहा कि चेयरमैन की जिम्मेदारी हाउस को चलाने की है तो फिर चेयरमैने और स्पीकर ने सदन को क्यों नहीं चलाया, विपक्ष की बात सदन में क्यों नहीं रख सकते। मीडिया से बातचीत के दौरान वह मीडियाकर्मी पर भड़के दिखे।
Today, we had to come out here to speak to you (media) as we (Opposition) are not allowed to speak in the Parliament. This is murder of democracy: Congress leader Rahul Gandhi, with Opposition leaders, at Vijay Chowk in Delhi pic.twitter.com/CYg0y4eEbX
— ANI (@ANI) August 12, 2021
वहीं, शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि संसद सत्र के दौरान विपक्षी दल के नेता जनता की हित की बात कहना चाहते थे। यह संसद सत्र नहीं था, बल्कि इस दौरान सरकार ने लोकतंत्र की हत्या की है। उन्होंने कहा कि मार्शल की पोशाक में कल कुछ निजी लोगों ने राज्यसभा में महिला सांसदों पर हमले किये। उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसा लगा जैसे ‘मार्शल कानून’ लगा हो। डीएमके के तिरुचि शिवा ने कहा कि उन्होंने दो दशक के अपने संसदीय जीवन में मानसून सत्र की ऐसी घटनाओं को नहीं देखा था। विपक्ष जनरल बीमा विधेयक पर विस्तार से चर्चा चाहता था और उसे प्रवर समिति में विस्तृत समीक्षा के लिए भेजा जाना चाहिये था, लेकिन इसे अव्यवस्था के बीच ही पारित करा दिया गया।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि यह मानसून सत्र शर्मनाक सत्र था। उनके नेता शरद पवार ने अपने संसदीय जीवन में ऐसी शर्मनाक घटनायें नहीं देखी थी। लोकतंत्र में विपक्ष का बहुत महत्व है लेकिन सदन संचालन में सरकार ने सहयोग नहीं किया। उन्होंने कहा कि कल की घटनाओं से श्री पवार बेहद दुखी हैं। राजद के मनोज कुमार झा ने कहा कि मानसून सत्र के दौरान सरकार ने लोकतंत्र की हत्या की है। समाजवादी पाटीर् के एक सांसद ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने लोकतंत्र की हत्या कर दी है। उनकी पार्टी विपक्ष के साथ है। यह देश 135 करोड़ लोगों का है।
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