राजधानी दिल्ली स्थित जंतर-मंतर के पास रविवार को एक आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान भड़काऊ नारेबाजी के मामले में दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट के वकील और दिल्ली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय समेत छह लोगों को मंगलवार सुबह पूछताछ के बाद हिरासत में ले लिया है।
दिल्ली पुलिस की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, सभी छह लोगों अश्विनी उपाध्याय, विनोद शर्मा, दीपक सिंह, विनीत क्रांति, प्रीत सिंह, दीपक को हिरासत में लिया गया है। दिल्ली पुलिस ने सोमवार को इस संबंध में एफआईआर दर्ज की थी।
जानकारी के अनुसार, भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ पर रविवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर आयोजित किए गए ‘भारत जोड़ो आंदोलन’ कार्यक्रम के दौरान केंद्र सरकार से आजादी की 75वीं वर्षगांठ से पहले सभी अंग्रेजी कानूनों खत्म कर नए कानून बनाए जाने की मांग की गई। इस दौरान सैकड़ों की तादाद में उमड़ी भीड़ में शामिल कुछ लोगों द्वारा कथित तौर पर आपत्तिजनक मुस्लिम विरोधी नारे भी लगाए गए। प्रदर्शनकारियों ने ‘हिन्दुस्तान में रहना होगा, जय श्रीराम कहना होगा’ और ‘जब मुल्ले काटे जाएंगे, राम-राम चिलाएंगे’ जैसे नारे लगाए। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने अब इस संबंध में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
Five people including Ashwani Upadhyay to be examined in connection with inflammatory sloganeering near Jantar Mantar on Sunday: Delhi Police
— ANI (@ANI) August 10, 2021
भारत जोड़ो आंदोलन की मीडिया प्रभारी शिप्रा श्रीवास्तव ने कहा कि वकील और पूर्व भाजपा प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय के नेतृत्व में प्रदर्शन हुआ था। हालांकि मुसलमान विरोधी नारेबाजी करने वालों से उन्होंने किसी तरह के संबंध से इनकार किया है। शिप्रा श्रीवास्तव ने कहा कि यह प्रदर्शन अंग्रेजी कानूनों के खिलाफ किया गया था और इस दौरान 222 ब्रिटिश कानूनों को खत्म करने की मांग की गई। हमने वीडियो देखा है, लेकिन कोई जानकारी नहीं है कि वे कौन थे। पुलिस को नारा लगाने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
वहीं, अश्विनी उपाध्याय ने भी मुस्लिम विरोधी नारेबाजी की घटना में किसी तरह की संलिप्तता से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि मैंने वायरल हो रहे वीडियो की जांच के लिए दिल्ली पुलिस को एक शिकायत दी है। अगर वीडियो प्रमाणिक है तो इसमें शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। उपाध्याय ने कहा कि मुझे कोई जानकारी नहीं है कि वे कौन हैं। मैंने उन्हें पहले कभी नहीं देखा, कभी उनसे मिला नहीं हूं और न ही उन्हें वहां बुलाया था। जब तक मैं वहां था, वे वहां नहीं दिखे। अगर वीडियो फर्जी है, तो भारत जोड़ो आंदोलन को बदनाम करने के लिए झूठा प्रचार किया जा रहा है।
वीडियो में एक समूह जंतर मंतर पर प्रदर्शन के दौरान भड़काऊ नारेबाजी और मुस्लिमों को धमकी देते हुए नजर आ रहा है।
डीसीपी (नई दिल्ली) दीपक यादव ने सोमवार को कहा था कि हमें एक वीडियो प्राप्त हुआ है और हम इसकी जांच कर रहे हैं। कानून की प्रासंगिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है और जांच जारी है। वहां जमा हुए लोगों के पास इसकी अनुमति नहीं थी। हमारे संज्ञान में आया है कि कुछ लोगों ने भड़काऊ और आपत्तिजनक नारे लगाए थे।