हाइलाइट्स
- प्रवेश प्रक्रिया में सावधानी बरत रहे हैं कोलकाता के कॉलेज
- पिछले साल मेरिट लिस्ट में टॉप पर आ गई थीं सनी लियोन
- फर्जीवाड़ा रोकने के लिए कहीं टीम तो कहीं प्रफेशनल कंपनी
कोलकाता
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के कॉलेजों के प्रिंसिपल और वाइस चांसलर इन दिनों कम्प्यूटर स्क्रीन से चिपके हुए हैं। उनकी नजरें बॉलिवुड अभिनेत्री सनी लियोनी को ढूंढती रहती हैं। इससे पहले कि आप कुछ और समझें, यहां स्पष्ट कर दें कि किसी भी तरह से फर्जीवाड़े से बचने के लिए ऐसा किया जा रहा है। पिछले साल सनी लियोनी नाम के फर्जी ऐप्लिकेशन को कॉलेज में ऐडमिशन की टॉप लिस्ट में जगह मिल गई थी। इसी के मद्देनजर सतर्कता बरती जा रही है।
पिछले साल अगस्त 2020 में आशुतोष कॉलेज में इंग्लिश लिटरेचर की प्रवेश परीक्षा के दौरान फर्जीवाड़ा सामने आया था। यहां किसी ने सनी के नाम के फर्जी आदेवन किया था, जिसका नाम मेरिट लिस्ट में टॉप पर था। इसके बाद से सोशल मीडिया पर मीम्स और चुटकुलों का दौर चल पड़ा था। खुद सनी लियोनी ने भी ट्वीट करते हुए कॉलेज में फिर से पढ़ाई को लेकर खुद को एक्साइटेड बताया था।
पिछले साल टॉप कर गई थीं सनी लियोनी
इस साल ऐसा कोई मजाक ना हो, इसके लिए कॉलेज किसी भी तरह की कसर बाकी नहीं रख रहे हैं। पिछले साल कॉलेज और यूनिवर्सिटी ऑनलाइन ऐडमिशन की प्रक्रिया में उलझ गए थे, जिससे सनी लियोनी के नाम का फर्जी ऐप्लिकेशन ने उनकी नजरों से बचकर निकलते हुए मेरिट लिस्ट में जगह बना ली थी। लेकिन इस साल कॉलेज पूरी तरह से अलर्ट मोड में हैं। ऐप्लिकेशन स्टेज और मेरिट लिस्ट के बनने से पहले पूरी सतर्कता बरती जा रही है।
इस बार बरती जा रही है पूरी सतर्कता
आशुतोष कॉलेज के एक अधिकारी ने बताया, स्टूडेंट्स को मार्कशीट की कॉपी, फोटोग्राफ, सिग्नेचर और अन्य दस्तावेजों की कॉपी अपलोड करने को कहा जाएगा। अप्लाई करते वक्त जमा किए गए दस्तावेजों से मिलान किया जाएगा। अगर कोई भी फर्जी डिटेल दे रहा होगा, तो इसी स्टेज में पकड़ा जाएगा। पिछली बार जैसी घटना ना हो, इसके लिए कड़ाई बरती जा रही है।
कहीं बनी टीम, तो कहीं प्रफेशनल कंपनी
प्रेसिडेंसी यूनिवर्सिटी ने भी ऐप्लिकेशन स्टेज पर ही सभी दस्तावेज वगैरह की स्क्रूटनी की तैयारी कर ली है। यहां स्टूडेंट्स को ऑनलाइन रिपोर्ट करने का निर्देश भी जारी किया गया है। ऑनलाइन इंटरैक्शन की ऐसी ही प्रक्रिया रामकृष्ण मिशन विद्या मंदिर और सेंट जेवियर्स कॉलेज की तरफ से भी की जा रही है। कई कॉलेजों ने बाकायदा टीम बनाई है, तो कई जगह पर प्रफेशनल कंपनी यह काम संभाल रही है।