‘सात पड़ोसी सूबों ने हड़पी असम की जमीन’, बोले बदरुद्दीन- शाह से मिल रहा, PM को भी लिखूंगा खत – Jansatta

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने AIUDF प्रमुख मौलाना बदरुद्दीन अजमल आज दिल्ली पहुंचे। इस दौरान वो असम के साथ कई राज्यों की सीमा विवाद पर बात करेंगे।

असम-मिजोरम सीमा विवाद (फोटो- PTI)

असम-मिजोरम विवाद पर जारी तनाव अब कम होता दिखाई दे रहा है। केंद्र के सीधे दखल के बाद दोनों राज्यों ने तनाव को खत्म करने पर काम करना शुरू कर दिया है। असम के साथ सीमा विवाद सिर्फ मिजोरम के साथ ही नहीं, बल्कि कई पड़ोसी राज्यों से भी है।

आज असम सीमा विवाद के मामले पर असम यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) प्रमुख मौलाना बदरुद्दीन अजमल, गृहमंत्री अमित शाह से मिलने पहुंचे। इसकी जानकारी देते हुए उन्होंने कहा- “मैं आज इस विषय पर अमित शाह जी से मिल रहा हूं। सिर्फ मिज़ोरम ही नहीं है बल्कि 7 पड़ोसी राज्यों ने असम की जमीन का कुछ ना कुछ हिस्सा हड़पा है। मेरी मांग होगी कि जल्द से जल्द इसे खत्म करें। मैं प्रधानमंत्री को भी पत्र लिखूंगा।

मौलाना बदरुद्दीन अजमल की पार्टी असम यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) असम में कांग्रेस की सहयोगी है और अभी के समय में विपक्ष में है। अभी तक बीजेपी के खिलाफ काफी मुखर रहे बदरुद्दीन अजमल का गृह मंत्री अमित शाह से मिलने जाना राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मचा रहा है।

बता दें कि असम-मिजोरम विवाद उस समय ज्यादा बढ़ गया, जब 26 जुलाई को अवैध कब्जे से लोगों को हटाने गई असम पुलिस के जवानों पर फायरिंग हो गई। जिसमें 6 की मौत और दर्जनों घायल हो गए। जिसके बाद दोनों राज्य की सरकारें एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने लगे। हाल ये हुए कि मिजोरम में असम के सीएम के खिलाफ मामले तक दर्ज करने के आदेश दे दिए गए तो वहीं असम ने अपने नागरिकों को मिजोरम ना जाने की सलाह दे दी। इतना ही नहीं, दोनों के बीच सड़क संपर्क भी बंद हो गया। जिससे रोजमर्रा की वस्तुओं की किल्लत होने लगी।

इसके बाद केंद्र की सीधी दखल के बाद दोनों राज्यों ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा कि शांति के लिए तैनात केंद्रीय फोर्स का वो स्वागत करते हैं। दोनों राज्यों की पुलिस उन क्षेत्रों में नहीं जाएगी जो विवादित है। शांति और सौहर्य बनाए रखने के लिए दोनों पक्ष हरसंभव कोशिश करेंगे। इसके बाद असम ने यात्रा संबंधित गाइडलाइन को वापस ले लिया, वहीं मिजोरम ने भी दर्ज मामले को वापस लेने का आदेश दिया है।

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