Terror funding case : जम्मू-कश्मीर में जमात-ए-इस्लामी के 40 से ज्यादा ठिकानों पर NIA की रेड, आतंक के लिए फंडिंग का है आरोप – Navbharat Times

हाइलाइट्स

  • एनआईए की टीमें जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में कर रही रेड
  • टेरर फंडिंग केस में दिल्ली की एक अदालत ने दिया था आरोप पत्र दायर करने का आदेश
  • शनिवार को ही सरकार ने 11 सरकारी कर्मचारियों को किया था बर्खास्त

श्रीनगर
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने रविवार को जम्मू-कश्मीर के कई अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी की। यह रेड अनंतनाग जिले में आतंकी फंडिंग मामले में की गई। बताया जा रहा है कि जमात-ए-इस्लामी के 40 से ज्यादा ठिकानों पर एनआईए ने एक साथ रेड डाली। इससे पहले 10 जुलाई को एनआईए ने टेरर फंडिंग मामले में जम्मू-कश्मीर से छह लोगों को गिरफ्तार किया था।

एनआईए की टीम डोडा, किश्तवाड़, रामबन, अनंतनाग, बडगाम, राजौरी और शोपियां सहित कई जगहों पर छापा मारा। जमात-ए-इस्लामी (जेईआई) के सदस्य गुल मोहम्मद वार के आवास पर भी छापेमारी की गई।

एक दिन पहले बर्खास्त किए गए 11 सरकारी कर्मचारी
एक दिन पहले ही जम्मू-कश्मीर सरकार के ग्यारह कर्मचारियों को आतंकियों के साथ संबंध रखने के आरोप में बर्खास्त कर दिया गया था। बर्खास्त किए गए लोगों में हिजबुल मुजाहिदीन के संस्थापक सैयद सलाहुद्दीन के दो बेटे भी शामिल हैं।

दिल्ली की अदालत ने दिए थे आदेश
दिल्ली की एक अदालत ने कथित हिज्बुल मुजाहिदीन आतंकवादियों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था। इस आदेश के बाद जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों की साजिश रचने के लिए पाकिस्तान से धन लेने के मामले में और सबूत जुटाए जा रहे हैं।

अदालत ने आपराधिक साजिश, देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने और यूएपीए के प्रावधानों के तहत विभिन्न आरोपों के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था। विशेष न्यायाधीश परवीन सिंह ने अपने आदेश में कहा कि आतंकवादी संगठन ने एक फ्रंटल संगठन जम्मू कश्मीर प्रभावित राहत ट्रस्ट (जेकेएआरटी) का गठन किया था।

ट्रस्ट का यह था उद्देश्य
यह भी बताया गया कि इस ट्रस्ट का उद्देश्य आतंकवादी गतिविधियों को सेल्फ फाइनेंस करना था। यह ट्रस्ट मुख्य रूप से आतंकवादियों और उनके परिवारों के लिए धन उपलब्ध कराने के लिए बनाया गया था।



छापेमारी करती एनआईए

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