भारत ने लद्दाख में एक नई ऊंचाई हासिल की है। बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइजेशन (बीआरओ) ने यहां पर दुनिया की सबसे ऊंची सड़क बनाने में कामयाबी हासिल की है। यह सड़क पूर्वी लद्दाख के उमलिंगला पास में स्थित है, जिसकी ऊंचाई समुद्र तल से 19,300 फीट है। इसके साथ ही भारत ने बोलिविया रिकॉर्ड तोड़ दिया है। अभी तक दुनिया की सबसे ऊंची सड़क का रिकॉर्ड बोलिविया के नाम था। यहां उतुरुंसू ज्वालामुखी के पास स्थित सड़क समुद्र तल से 18, 953 फीट की ऊंचाई पर है। रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को इसकी जानकारी दी।
.@BROindia constructs highest motorable road in the world in Eastern Ladakh
Road at Umlingla Pass constructed at an altitude of 19,300 ft
Umlingla Pass now connected with a Black Top Road
To enhance socio-economic condition & promote tourism in Ladakhhttps://t.co/QZsetvB2Cz pic.twitter.com/xzhNaM5GvY
लद्दाख में पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
यह सड़क 52 किलोमीटर लंबी है और उमलिंगला पास के जरिए पूर्वी लद्दाख के चुमार सेक्टर को जोड़ती है। यह सड़क स्थानीय लोगों के लिए काफी लाभदायक होगी। वजह, यह चिसुम्ले और डेमचॉक को लेह से जोड़ने के लिए वैकल्पिक रास्ता देती है। इस सड़क के बनने के बाद लद्दाख की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और यहां पर पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस सड़क को बनाने में बीआरओ को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। इस दौरान खराब मौसम से भी लगातार जूझना पड़ा है। ठंड के मौसम में यहां पर तापमान माइनस 40 डिग्री तक नीचे चला जाता था। साथ ही सामान्य जगहों पर भी ऑक्सीजन लेवल में 50 फीसदी की गिरावट आ जाती थी।
माउंट एवरेस्ट से भी ज्यादा ऊंचाई
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि बीआरओ ने यह उपलब्धि खराब मौसम से जूझते हुए अपनी संकल्पशक्ति के बल पर हासिल किया है। अगर ऊंचाई की बात करें तो यह सड़क नेपाल में माउंट एवरेस्ट के बेस कैंप से भी ज्यादा ऊंचाई पर है। नेपाल में माउंट एवरेस्ट का दक्षिणी बेस कैंप 17,598 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। जबकि तिब्बत में स्थित उत्तरी बेस कैंप 16,900 फीट की ऊंचाई पर है। वहीं सियाचिन ग्लेशियर से भी यह काफी ऊंचा है, जो कि 17,700 फीट की ऊंचाई पर है। इसके अलावा लेह में स्थित खारदुंग ला पास की बात करें तो उसकी भी ऊंचाई केवल 17,582 फीट ही है।
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