पेगासस मामला: सुप्रीम कोर्ट में कपिल सिब्‍बल की दलील- सरकार जानती है तो ऐक्‍शन क्‍यों नहीं ले रही – Navbharat Times

हाइलाइट्स

  • पेगासस जासूसी मामले पर सुप्रीम कोर्ट में शुरू हुई सुनवाई
  • याचिकाकर्ता की तरफ से कपिल सिब्‍बल ने रखी दलीलें
  • सिब्‍बल बोले- सरकार जानती है तो ऐक्‍शन क्‍यों नहीं लिया?
  • CJI ने कहा- फोन इंटरसेप्‍शन की शिकायत टेलिग्राफ ऐक्‍ट में करें

नई दिल्‍ली
सुप्रीम कोर्ट में पेगासस स्‍पाईवेयर के जरिए कथित जासूसी के मामले पर सुनवाई हुई। पीटीआई के मुताबिक, अदालत ने कहा कि अगर खबरें सही हैं तो आरोप बेहद गंभीर हैं। याचिकाकर्ता की तरफ से कपिल सिब्‍बल ने कहा कि सरकार ने ‘संसद में कहा कि इस बात में विवाद नहीं है कि 121 लोगों को निशाना बनाया गया। मेरा सीधा सवाल है कि अगर सरकार जानती है तो वह क्यों नहीं एक्शन ले रही है।’ प्रधान न्‍यायाधीश (CJI) एनवी रमना ने कहा क‍ि कुछ लोगों ने दावा किया है कि फोन इंटरसेप्ट किया गया है। ऐसी शिकायतों के लिए टेलीग्राफ अधिनियम है। सुप्रीम कोर्ट ने सभी याचिकाकर्ताओं को याचिका की कॉपी भारत सरकार को सर्व करने के लिए कहा। अगली सुनवाई मंगलवार को होगी।

अदालत ने कहा कि सरकार को याचिका की कॉपी सर्व किया जाए। सरकार की ओर से कोई होना चाहिए जो नोटिस ले। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जिस याचिका में प्रतिवादी व्यक्तिगत तौर पर किसी को बनाया गया है उसे नोटिस जारी नहीं होगा। वकील एमएल शर्मा ने पीएम नरेंद्र मोदी को प्रतिवादी बनाया था।

‘ये निजता के अधिकार का मामला’
याची की ओर से अरविंद दत्तार ने कहा कि 300 लोगों के नाम सर्विलांस में आए हैं, भगवान जाने कितने होंगे। उन्‍होंने कहा कि ये मामला सिर्फ क्रिमिनल केस का नहीं है बल्कि संवैधानिक मसला है। अमेरिका में बैठकर कई आपके फोन को ओपन कर सकता है और दस्तावेज क्रिएट कर सकता है। याची की तरफ से कहा गया कि ‘ये मामला निजता के अधिकार की बात है। निजता का अधिकार सिर्फ शारीरिक नहीं बल्कि मानसिक होता है।’

कपिल सिब्‍बल ने सरकार पर उठाए सवाल
याचिकाकर्ता की तरफ से पेश हुए कपिल सिब्बल ने दलील में कहा कि ‘सिर्फ सरकार ही पेगासस स्पाइवेयर खरीद सकती है, ऐसे में मामले में सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा जाए। पत्रकार, शिक्षाविद से लेकर राजनीतिक हस्तियों को निशाना बनाया गया है, ऐसे में सरकार जवाब दे।’ उन्‍होंने कहा, “मेरा सीधा सवाल है कि अगर सरकार जानती है तो वह क्यों नहीं ऐक्‍शन ले रही है। सरकरा द्वारा एफआईआर क्यों नहीं कराया गया। सिर्फ सरकार ही इसे (पेगासस) खरीद सकती है। हमें बताया गया है कि एक फोन की जासूसी के लिए 55 हजार डॉलर का खर्च है, ये पैसे किसने दिए?”

Explained: पेगासस फोन हैकिंग मामला क्‍या है?

5 पत्रकारों ने लगाई है याचिका
पेगासस मामले में पांच पत्रकारों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। उनका कहना है कि सरकारी एजेंसियों की तरफ से अनधिकृत उपयोग ने उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन किया है। याचिकाकर्ताओं के अनुसार, वे पेगासस स्पाइवेयर के उपयोग से सीधे तौर पर प्रभावित हुए हैं। याचिकाकर्ताओं में परंजॉय गुहा ठाकुरता, एसएनएम आब्दी, प्रेम शंकर झा, रूपेश कुमार सिंह और ईप्सा शताक्षी शामिल हैं।



SC में पेगासस मामले पर सुनवाई।

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