चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के 100 साल पूरे होने के जश्न में शामिल हुए लेफ्ट फ्रंट और डीएमके के नेता – Hindustan

चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के 100 साल पूरे होने के मौके पर लेफ्ट और डीएमके के कुछ सांसदों ने दिल्ली में एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया। ये लोग दिल्ली में स्थित चीनी दूतावास में पहुंचे थे, जहां चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के 100 साल पूरे होने के मौके पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक ये लोग मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे थे। इस कार्यक्रम में जो लोग पहुंचे थे, उनमें सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी, सीपीआई के जनरल सेक्रेटरी डी राजा, लोकसभा सांसद डॉ. एस. सेंथिलकुमार भी शामिल थे। इसके अलावा ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक के जी. देवराजन पहुंचे थे।

भारत-चीन रिश्तों पर भी रखी बात 
इस कार्यक्रम के दौरान चीनी राजदूत ने भारत-चीन रिश्तों पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने गलवान घाटी मामले का जिक्र करते हुए कहा कि चीन ने तमाम मौकों पर अपनी स्थिति स्पष्ट की है। उन्होंने कहाकि क्षेत्र के साथ-साथ दुनिया में शांति और समृद्धि के लिए भारत और चीन के संबंध बहुत मायने रखते हैं। हमें अपने द्विपक्षीय रिश्तों को अधिक तर्कपूर्ण और लंबे समय के हिसाब से लेकर चलना होगा। सुन वीडांग ने कहाकि भारत और चीन दुश्मन या प्रतिद्वंदी नहीं हैं, बल्कि हम पार्टनर हैं। उन्होंने कहाकि दोनों देशों को एक-दूसरे की सफलता का पर्याय बनना चाहिए, न कि रास्ते की बाधा। हमें एक -दूसरे की रणनीति को सही नजरिए से देखने की जरूरत है। इसी तरह से क्षेत्रीय संप्रभुता और आंतरिक मामलों में भी आपसी समझदारी दिखाने की जरूरत है। 

अमेरिका को लेकर कही यह बात 
चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी के 100वें साल को लेकर आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान राजदूत सुन वीडांग ने अमेरिका पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि चीन को समझने के लिए आपको उसे तार्किक और वास्तविक रूप से देखना होगा। उन्होंने कहाकि अमेरिका जैसे कुछ देश हमारे ऊपर आक्षेप लगाते हैं। अमेरिका हमें आक्रामक, मानवाधिकारों का हनन करने वाला कहता है, लेकिन हम उनके एक भी आरोप का स्वीकार नहीं करते। अमेरिका खुद चीन के आंतरिक मामलों में दखल देता रहता है। वह चीन के अधिकारियों और कंपनियों पर तमाम तरह के ठप्पे लगाते रहता है। हम पुरजोर ढंग से इसका विरोध करते हैं और इसके खिलाफ लड़ते ही रहे हैं। उन्होंने कहाकि अमेरिका खुद मानवाधिकारों को लेकर सजग नहीं है। ऐसे में वह भला कैसे मानावधिकार के ऊपर लेक्चर दे सकता है। 

चीनी राजदूत ने कहा, ढेरों बधाई संदेश मिले
यह कार्यक्रम वर्चुअली आयोजित हुआ था। इस दौरान भारत में चीन के राजदूत सुन वीडांग ने कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि 1 जुलाई को सीपीसी के 100 साल पूरे होने पर चीन में जश्न मनाया गया। उन्होंने बताया कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इस अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित किया था। उन्होंने बताया कि चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी सफलतापूर्वक चीन को गरीबी से समृद्धि की तरफ लेकर गई है। सुन ने आगे कहा, “170 देशों के 600 राजनीतिक दलों ने चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी के 100 साल पूरे होने पर 1500 से अधिक बधाई संदेश भेजे हैं। इन राजनीतिक दलों में भारत की कम्यूनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी, भारत की कम्यूनिस्ट पार्टी और सभी भारतीय फॉरवर्ड ब्लॉक शामिल हैं। ”

सीपीसी की सफलता के पीछे कई राज
इस दौरान सुन ने बताया कि सीपीसी की सफलता के पीछे कई राज हैं। सबसे पहली बात, सीपीसी हमेशा लोगों को आगे रखती है। सुन ने बताया कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने यह बात सामने रखी कि हम वक्त के एक इम्तिहान में बैठे हैं। यह लोग हैं, जो परिणाम तय करेंगे कि हमने क्या और कैसा किया। उन्होंने कहाकि सीपीसी आम जनता की पार्टी है। यह आम जनता के बीच से निकली है और आम जनता के लिए ही काम करती है। सीपीसी को अपार जनसमर्थन हासिल है। अगर कोई भी चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी को तोड़ने की कोशिश करेगा तो वह असफल ही रहेगा। 

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