कौन बनेगा कर्नाटक का किंग? इन 2 नामों पर टिकी सबकी निगाहें – Zee News Hindi

बेंगलुरु: कर्नाटक (Karnataka) में नए नए मुख्यमंत्री (CM) के चुनाव के लिए विधायकों की बैठक बेंगलुरू के कैपिटल होटल में शुरू हो चुकी है. इस बैठक में भाग लेने के लिए पार्टी पर्यवेक्षक धर्मेंद्र प्रधान और जी किशन रेड्डी बेंगलुरु पहंच चुके हैं. वहीं कर्नाटक के पार्टी प्रभारी अरुण सिंह दोपहर में ही बेंगलुरु आ चुके हैं. 

सीएम पद के लिए इन दो नामों की चर्चा

सूत्रों के हवाले से ये लगभग तय है कि नया मुख्यमंत्री (CM) लिंगायत वर्ग से ही होगा. जिन दो नामो को ले कर चर्चा है, वे हैं बसवराज बोम्मई और अरविंद बेलाद. 

राज्य के गृह मंत्री 61 वर्षीय बसवराज बोम्मई (Basavaraj Bommai) येदियुरप्पा के करीबी हैं और येदयुरप्पा के दोनो मंत्रिमंडल में मंत्री रहे है. वे पेशे से इंजीनियर रहे हैं. वे वर्ष 2008 में जनता दल सेक्युलर को छोड़ कर बीजेपी में शामिल हुए और तब से पार्टी में बने हुए हैं. वे बीजेपी की नीतियों को बखूबी समझते है और पार्टी नियमों के तहत किसी फैसले का पालन करने में कतराते नहीं हैं. 

मृदुभाषी हैं बसवराज बोम्मई

बसवराज बोम्मई मृदु भाषी हैं. उनकी भाषा पर बढ़िया पकड़ है. वे कन्नड़, हिंदी और अंग्रेजी तीनों भाषाओं में पारंगत हैं. माना जाता है कि अमित शाह से उनके अच्छे संबंध हैं. बोम्मई के खिलाफ सिर्फ एक चीज जाती है कि वो RSS से नहीं हैं.वे बीजेपी में आने से पहले जनता दल सेक्युलर से दो बार विधायक रहे है.

अरविंद बेलाद भी हैं रेस में

सीएम (CM) पद के दूसरे दावेदार 51 वर्षीय अरविंद बेलाद (Arvind Bellad) भी लिंगायत समुदाय से ही हैं. विदेश से पढ़ाई कर लौटे बेलाद एक सफल उद्यमी हैं. वे वर्ष 2013 और 2018 में चुनाव जीते हैं. बीजेपी अगर युवा चेहरे पर दांव लगाती है तो बेलाद के नाम पर विचार हो सकता है. हालांकि लिंगायत समाज के साधु संतों में इनकी पहचान कम है. इसके साथ मीडिया में येदियुरप्पा की आलोचना भी इनके विरुद्ध जा सकती है.

इन नामों के अलावा मुरगेश निरानीं, प्रह्लाद जोशी और बी एल संतोष के नाम की भी चर्चा है. अगर इन दोनों नाम में से किसी एक पर सहमति नहीं बनती है तो अन्य नामों पर भी चर्चा हो सकती है. इसके अलावा सीएम चुनने का अंतिम फैसला केंद्रीय नेतृत्व पर भी छोड़ा जा सकता है.

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येदियुरप्पा दे चुके हैं इस्तीफा

बताते चलें कि येदियुरप्पा ने अपने कार्यकाल के दो वर्ष पूरे होने के दिन सोमवार को सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके साथ ही राज्या में मंत्रिमंडल को भंग कर दिया गया है. नए सीएम के चयन के बाद उनके नेतृत्व में पूरा मंत्रिमंडल दोबारा से पद की शपथ लेगा. 

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