अमेरिकी विदेश मंत्री से मिल रहे डोभाल, चीन-तालिबान की खोजी जाएगी काट! – Navbharat Times

नई दिल्ली
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की भारत यात्रा कई मायनों में खास है। एंटनी ऐसे वक्त में भारत दौरे पर आए हैं जब अफगानिस्तान से अमेरिका की वापसी के बाद वहां के हालात बिगड़ते जा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर चीन है जो इस वक्त अमेरिका और भारत दोनों के लिए ही चुनौती है। अफगानिस्तान भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण है और जो हालात वहां पैदा हुए हैं उसका फायदा चीन और पाकिस्तान दोनों ही पूरी तरह उठाने को तैयार हैं। कई मुद्दों पर चर्चा होनी है ब्लिंकन और एनएसए अजीत डोभाल के बीच बातचीत शुरू हो गई है।

भारत और अमेरिका दोनों के लिए चीन की चुनौती
चीन के रिश्ते इस वक्त न तो भारत के साथ और न ही अमेरिका के साथ ठीक हैं और दोनों देशों के लिए चीन चुनौती भी है। आज होने वाली बातचीत में भारत और अमेरिका के बीच चीन की बढ़ती आक्रामक नीति को लेकर भी चर्चा होने की पूरी संभावना है। चीन को सबसे अधिक खतरा साउथ चाइना सी में ताइवान अमेरिका और जापान की उपस्थिति से है। यही कारण है कि चीनी सेना इस इलाके में तेजी से अपनी सामरिक ताकत को बढ़ा रही है। वहीं अमेरिका की ओर से चीन को लेकर पिछले कुछ समय में काफी आक्रामक बयान आए हैं।

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वहीं दूसरी ओर चीन भारत के बीच गलवान के बाद तनातनी अब तक जारी है। चीन LAC के पास अपनी सैन्य ताकत बढ़ा रहा है। हाल ही में चीनी राष्ट्रपति ने तिब्बत का दौरा किया जो वाकई भारत के लिए चिंता का विषय है। राष्ट्रपति बनने के बाद शी जिनपिंग की यह पहली तिब्बत यात्रा थी। चीन लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक मिलिट्री बेस और एयरबेस को तेजी से अपग्रेड कर रहा है। हाल के दिनों में कई ऐसी रिपोर्ट्स आई हैं जिनसे पता चला है कि चीन ने भारत की सीमा के नजदीक कई नए मिलिट्री ठिकानों को बनाया है, जो युद्ध के समय उसके काम आ सकती है।

अफगानिस्तान का कैसे निकलेगा हल, क्वाड पर भी चर्चा

अफगानिस्तान का मुद्दा इस वक्त भारत के लिए बेहद अहम है। अमेरिका की वापसी का असर अफगानिस्तान के आसपास के सभी देशों पर पड़ रहा है। भारत और अफगानिस्तान को निशाना बनाने वाले आतंकी समूहों को पाकिस्तान का समर्थन मिल रहा है जो भारत के लिए ठीक नहीं है। आज की बातचीत में टेरर फंडिग और आतंकियों को पनाह देने वाले पाकिस्तान पर दबाव बनाने की भी बात हो सकती है। अफगानिस्तान के मामले में चीन और पाकिस्तान की जोड़ी भारत के लिए अफगानिस्तान में अलग ही चुनौती पेश कर रही है।

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चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग यूं ही नहीं गए तिब्बत, इसमें भारत के लिए छिपा है इशारा!
भारत और अमेरिका के नेताओं के बीच क्वाड के मसौदे के तहत सहयोग को मजबूत करने पर चर्चा होगी। चार देशों के समूह क्वाड के विदेश मंत्री स्तर की बैठक इस वर्ष के अंत में होने की संभावना है। इसके अलावा कोरोना और टीकाकरण को लेकर भी चर्चा होगी।

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