Navjot Singh Sidhu: 62 विधायकों के साथ सिद्धू की ब्रेकफास्ट पॉलिटिक्स, पंजाब कांग्रेस के नए ‘कैप्टन’ का शक्ति प्रदर्शन – Navbharat Times

हाइलाइट्स

  • पंजाब कांग्रेस के करीब 62 विधायक सिद्धू के आवास पर जुटे, ब्रेकफास्ट के लिए बुलाया गया
  • सिद्धू के घर पर इकट्ठा हुए विधायक और मंत्रियों की तस्वीर भी सोशल मीडिया पर सामने आई
  • पिछले दो दिन से नवजोत सिद्धू अधिकतर कांग्रेस विधायकों और मंत्रियों से मुलाकात कर रहे हैं

अमृतसर
पंजाब प्रदेश अध्यक्ष पद पर ताजपोशी के बाद नवजोत सिंह सिद्धू लगातार कांग्रेस विधायकों और नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। पिछले दो दिन में वह अधिकतर पार्टी विधायकों और मंत्रियों से मिले। इसी के साथ अमृतसर जाने के रास्ते जिस तरह से पार्टी कार्यकर्ता और स्थानीय नेताओं ने उनपर प्यार लुटाया, उससे जाहिर है कि नवनियुक्त पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष ने कैडर के बीच अपनी स्थिति मजबूत कर ली है।

इसी सिलसिले में बुधवार को पंजाब कांग्रेस के करीब 62 विधायक सिद्धू के अमृतसर स्थित आवास पहुंचे। सिद्धू ने विधायकों को अपने आवास पर सुबह के नाश्ते के लिए बुलाया था। सिद्धू के घर पर इकट्ठा हुए विधायक और मंत्रियों की तस्वीर भी सोशल मीडिया पर सामने आई है। एक ओर सीएम अमरिंदर सिंह अभी भी सिद्धू को लेकर अपने रुख पर कायम हैं और उनसे माफी की मांग कर रहे हैं, वहीं सिद्धू इन तस्वीरों के जरिए शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं।



सिद्धू के आवास पर जुटे विधायक

‘सिद्धू नहीं सीएम मांगे जनता से माफी’
सिद्धू के आवास ब्रेकफास्ट के लिए पहुंचे पार्टी विधायक परगट सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘सिद्धू को माफी क्यों मांगनी चाहिए? यह कोई जनता का मुद्दा नहीं है। सीएम ने कई मुद्दे नहीं सुलझाए हैं। उलटा उन्हें जनता से माफी मांगनी चाहिए।’

नई नियुक्ति से पार्टी काडर को मिला जीवन
कुछ पार्टी पदाधिकारियों का दावा है कि पार्टी काडर अब ऊर्जावान महसूस कर रहे हैं क्योंकि जनवरी 2020 में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के पंजाब कांग्रेस प्रदेश कमिटी और जिला कमिटियों को भंग करने के बाद से संगठनात्मक कामकाज ठप था और पीपीसीसी समन्वय समिति की बैठक भी तबसे नहीं हुई थी। खटकड़ कलां में सिद्धू के स्वागत के लिए काफी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता इकट्ठा हुए। ऐसा ही नजारा फगवाड़ा और जालंधर में भी देखने को मिला।

विपक्ष की बढ़ती सक्रियता के कारण कार्यकर्ता हो रहे थे निराश
यह स्पष्ट है कि पंजाब कांग्रेस के कार्यकर्ता काफी समय से हतोत्साहित महसूस कर रहे थे, न सिर्फ संगठन में जड़ता, अंदरूनी कलह और नेतृत्व को लेकर अनिश्चितता के कारण बल्कि इस तथ्य के चलते भी कि अकाली दल के कार्यकर्ता पंजाब में सक्रिय होने लगे थे। दरअसल बीजेपी से तीन कृषि कानूनों पर गठबंधन से अलग होने से पहले ही अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने अपने कार्यकर्ताओं को जमीन पर लगा दिया था। इसके बाद बीएसपी के साथ गठबंधन से भी विपक्षी दल को चुनाव में मदद मिलने की संभावना है।

‘पार्टी वर्कर्स को एकजुट करना बड़ा मुद्दा
कांग्रेस कार्यकर्ताओं को आम आदमी पार्टी के भी प्रदेश में तेजी से उभरने के चलते चिंता सताने लगी थी। कांग्रेस के आरटीआई सेल के वाइस चेयरमैन रह चुके जालंधर से संजय सहगल बताते हैं,’ कार्यकर्ताओं को छिटकने से रोकने के लिए सिद्धू की नियुक्ति हुई। बड़ा मुद्दा पार्टी कार्यकर्ताओं को एकजुट करना था और अब पार्टी काडर में नया जोश दिखाई दे रहा है।’

‘पार्टी की जीत के लिए कार्यकर्ताओं में विश्वास जरूरी’
सिद्धू के अमृतसर दौरे के साथ ही, जहां उन्होंने स्टेट यूनिट के कायाकल्प के लिए लगातार कांग्रेस कार्यकर्ता और पंजाब मॉडल की बात की, अब उनके और सीएम अमरिंदर सिंह के बीच की लड़ाई दो स्तर पर आ गई है- एक विधायक और दूसरा जमीन पर पार्टी काडर के स्तर पर। एक कांग्रेस विधायक ने कहा, ‘पार्टी की जीत के लिए उसके कार्यकर्ताओं में आत्मविश्वास होना चाहिए और उन्हें आक्रामक होना चाहिए। सिद्धू के लोगों की बीच पहले दौरे से इसकी शुरुआत हो रही है।’

टाइम्स ऑफ इंडिया के इनपुट के साथ

Navjot singh Sidhu


अमृतसर में नवजोत सिंह सिद्धू का स्वागत

Related posts