School Opening News: ICMR ने दी सलाह, पहले खोले जाएं प्राइमरी स्कूल, फिर सेकंडरी पर विचार – Navbharat Times

हाइलाइट्स

  • देश में जल्द खुल सकते हैं स्कूल
  • आईसीएमआर बोला- प्राइमरी स्कूलों से शुरुआत
  • कोरोना के मामले कम होने पर ICMR ने दी सलाह

नई दिल्ली
देश अब धीरे धीरे स्कूल खुलने की दिशा में बढ़ता लग रहा है। आईसीएमआर ने कहा कि पहले प्राइमरी स्कूल खोले जा सकते हैं और फिर सेकंडरी स्कूल खोले जाने चाहिए। हालांकि यह फैसला जिला और राज्य स्तर पर लिया जाएगा और कई फैक्टर्स पर निर्भर करेगा।

आईसीएमआर के डीजी डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि छोटे बच्चे वायरस को आसानी से हैंडल कर लेते हैं। उनके लंग्स में वह रिसेप्टर कम होते हैं जहां वायरस जाता है। सीरो सर्वे में देखा गया है कि 6 से 9 साल के बच्चों में लगभग उतनी ही एंटीबॉडी दिखी जितनी बड़ों में है। डॉ. भार्गव ने कहा कि यूरोप के कई देशों में प्राइमरी स्कूल बंद ही नहीं किए थे। कोरोना की किसी भी लहर में स्कूल बंद नहीं किए गए थे। इसलिए हमारी राय यह है कि पहले प्राइमरी स्कूल खोले जा सकते हैं।

उन्होंने कहा कि इसके बाद फिर सेकंडरी स्कूल खोले जा सकते हैं। मगर यह देखना जरूरी है कि टीचर से लेकर सभी सपोर्ट स्टाफ पूरी तरह वैक्सिनेटेड हो। हालांकि यह फैसला जिला और राज्य स्तर पर लिया जाएगा। यह कई फैक्टर पर निर्भर होगा। स्कूल से जुड़े सभी लोगों को वैक्सीन लगाना सुनिश्चत करना होगा, वहां टेस्ट पॉजिटिविटी रेट क्या है और पब्किल हेल्थ सिचुएशन क्या है, इसपर भी ध्यान देना होगा।

सोमवार को एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने भी सलाह दी थी कि जिन जिलों में कोरोना का संक्रमण कम हो गया है, वहां पर अलग-अलग चरणों में स्कूल खोले जा सकते हैं। डॉ. गुलेरिया ने कहा था कि 5 पर्सेंट से कम संक्रमण दर वाले जिलों में स्कूलों को खोलने की योजना बनाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि बच्चों को स्कूलों में लाने का विकल्प तलाशना चाहिए। उनका कहना था कि बच्चों ने भी इस वायरस के खिलाफ अच्छी इम्युनिटी हासिल कर ली है।

कम संक्रमण वाले एरिया में खोले जा सकते हैं स्कूल: गुलेरियाउधर स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि 6 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में से करीब एक तिहाई आबादी पर कोरोना संक्रमण का खतरा बना हुआ है। हर तीन में से एक शख्स को यह खतरा है। यानी देश में करीब 40 करोड़ लोगों पर अब भी कोरोना का खतरा है। सीरो सर्वे में सामने आया कि दो तिहाई आबादी में कोरोना के खिलाफ एंटी बॉडी बन गई है। यह या तो संक्रमण की वजह से बनी है या फिर वैक्सीन लगाने के बाद।



सांकेतिक तस्वीर

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