मोदी-योगी का मंथनः 45 मिनट से चल रही बात, नड्डा से भी यूपी CM करेंगे मुलाकात; जितिन पा सकते हैं ‘प्रसाद’ – Jansatta

योगी दो दिन के दिल्ली दौरे पर हैं, जहां पीएम से मिलने के बाद वह दोपहर को BJP चीफ जे पी नड्डा से भी मुलाकात कर सकते हैं। इससे पहले, गुरुवार (10 जून, 2021) को वह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिले थे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा से मिल सकते हैं। (एक्सप्रेस आर्काइव फोटो)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच बड़ी बैठक चल रही है। यह सुबह लगभग 10 बजकर 45 मिनट पर शुरू हुई थी। पीएम और सीएम की इस भेंट पर यूपी विस चुनाव और कैबिनेट फेरबदल पर चर्चा को कयास लगाए जा रहे हैं।

दरअसल, योगी दो दिन के दिल्ली दौरे पर हैं, जहां पीएम से मिलने के बाद वह दोपहर को BJP चीफ जे पी नड्डा से भी मुलाकात कर सकते हैं। राजनीतिक जानकार, चुनावी एक्सपर्ट और पत्रकार इस बैठक को बेहद अहम मान रहे हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि यूपी में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। इसी बीच, NCP के नवाब मलिक ने कहा है कि मोदी और योगी के बीच मनमुटाव है।

वहीं, बीजेपी की पूर्व सहयोगी रही सुहेलदेव पार्टी के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर बोले हैं कि बीजेपी डूबती नैया है, जिस पर वह सवारी नहीं करेंगे।राजभर ने ABP न्यूज से कहा, भाजपा ने धोखा दिया। पिछड़ों से किया वादा पूरा न किया। नौकरी देने का, सुशासन लाने आदि का। ये लोग झूठ बोलने में माहिर लोग हैं। साथ लेकर सरकार बना लेते हैं। उन पर यकीन नहीं है, इसलिए हम दोबारा भाजपा के साथ नहीं जाएंगे।

उधर, चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर और NCP अध्यक्ष शरद पवार की मुलाकात भी होनी है। सूत्रों के मुताबिक, दोनों दोपहर का खाना भी साथ खाएंगे। बताया जा रहा है कि दोनों के बीच इस दौरान मोदी विरोधी नेताओं को एक मंच पर लाने के प्लान पर बात हो सकती है। यह भी खबर है कि योगी कैबिनेट में जितिन प्रसाद शामिल हो सकते हैं। उन्हें एमएलसी बनाया जा सकता है। वह दो दिन पहले ही कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए हैं। वह यूपी में बड़ा ब्राह्मण चेहरा माने जाते हैं। इससे पहले, गुरुवार (10 जून, 2021) को सीएम योगी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिले थे।

सूत्रों के मुताबिक तकरीबन डेढ़ तक तक चली शाह से मुलाकात के दौरान आदित्यनाथ ने राज्य में कोविड-19 की दूसरी लहर सहित अन्य राजनीतिक मुद्दों पर भी चर्चा की। जब शाह और आदित्यनाथ की मुलाकात चल रही थी उसी समय अपना दल की अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल भी शाह के आवास पर पहुंचीं। उत्तर प्रदेश के ही निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय कुमार निषाद और संत कबीरनगर से सांसद प्रवीण निषाद ने भी शाह से मुलाकात की।

शाह की पटेल और निषाद पार्टी के नेताओं से मुलाकात को आगामी विधानसभा चुनाव से पहले सहयोगी दलों को साधने के भाजपा के प्रयास के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। पटेल प्रधानमंत्री मोदी के पहले कार्यकाल में केंद्र सरकार में मंत्री थी लेकिन दूसरी बार जब वह प्रधानमंत्री बनें तो उन्होंने अपना दल की नेता को अपने मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी। इन मुलाकातों के बीच पूर्व आईएएस अधिकारी शर्मा ने भी निषाद पार्टी के प्रमुख नेताओं से मुलाकात की।

अभी कुछ दिन पहले ही भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) बी एल संतोष और पार्टी के प्रदेश प्रभारी राधामोहन सिंह ने लखनऊ का दौरा किया था और अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी की तैयारियों की समीक्षा की थी। दोनों नेताओं ने इस दौरान राज्य सरकार के मंत्रियों और संगठन के प्रमुख पदाधिकारियों से मुलाकात की थी। इसके बाद आदित्यनाथ के अचानक दिल्ली पहुंचने और केंद्रीय नेताओं से मुलाकात करने के बाद एक बार फिर राज्य में मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें तेज हो गई है।

नड्डा और प्रधानमंत्री के बीच मुलाकात की कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई लेकिन प्रसाद ने मुख्यमंत्री से हुई अपनी मुलाकात को शिष्टाचार भेंट करार दिया। हाल ही में भाजपा में शामिल हुए पूर्व प्रशासनिक अधिकारी और विधान परिषद के सदस्य ए के शर्मा भी दिल्ली में हैं। सूत्रों का कहना है कि उन्होंने पार्टी के कुछ केंद्रीय नेताओं से मुलाकात की। शर्मा को प्रधानमंत्री मोदी का करीबी समझा जाता है। प्रसाद राज्य के जानेमाने ब्राह्मण परिवार से हैं तो शर्मा भूमिहार बिरादरी से संबंध रखते हैं।

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