न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: योगेश साहू
Updated Tue, 08 Jun 2021 10:36 PM IST
सार
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से मंगलवार को एक प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया। यहां देश में कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति के बारे में जानकारी दी गई। एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने इस दौरान बच्चों में कोरोना के गंभीर संक्रमण की आशंका को लेकर बात की।
डॉ. रणदीप गुलेरिया
– फोटो : एएनआई
विस्तार
एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने मंगलवार को कोरोना वायरस की तीसरी लहर के दौरान बच्चों के ऊपर बताए रहे अधिक खतरे पर बात की। डॉ. गुलेरिया ने कहा कि भारत का या दुनिया का डाटा देखें तो अब तक ऐसा कोई डाटा सामने नहीं आया जिसमें यह दिखाया गया है कि बच्चे अधिक संक्रमित हो रहे हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रेसवार्ता में मौजूद डॉ, गुलेनिया ने कहा कि यहां तक कि कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के दौरान भी जो बच्चे इस वायरस से संक्रमित हुए वह हल्के बीमार ही पड़े। उन्होंने आगे कहा कि मैं नहीं समझता कि हमें भविष्य में बच्चों पर किसी गंभीर संक्रमण का खतरा देखने को मिलेगा।
नए मामलों में तेजी से आ रही गिरावट: केंद्र
केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि देश में रोजाना कोरोना वायरस के नए मामलों में लगातार और तेजी से गिरावट आ रही है। हालांकि सरकार ने जोर दिया कि कोविड-19 संबंधी उपयुक्त व्यवहार का पालन किया जाना चाहिए ताकि भविष्य में किसी और लहर को आने से रोका जा सके।
प्रेसवार्ता में स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि सात मई को चरम स्तर पर पहुंचने के बाद से दैनिक नए मामलों में करीब 79 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। उन्होंने कोविड की दूसरी लहर पर कहा कि दैनिक नए मामलों में लगातार और तेजी से गिरावट आई है।
उन्होंने कहा कि भारत में प्रति दस लाख आबादी पर कोरोना के 20,822 मामले आए और 252 मौतें हुई हैं जो दुनिया में सबसे कम है। भविष्य में कोरोना की और लहरों को रोकने के लिए सरकार ने पूरी आबादी का टीकाकरण होने तक कोविड संबंधी व्यवहार का पालन करने पर जोर दिया।
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