पीएम नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कोरोना संकट से निपटने के लिए कई बड़े ऐलान किए हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा 21 जून से 18 साल से अधिक आयु के सभी लोगों को फ्री टीका लगाया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राज्यों को 25 फीसदी टीकों की जो जिम्मेदारी दी गई थी, उसे भी केंद्र सरकार ही उठाएगी। उन्होंने कहा कि अब देश में 30 अप्रैल तक जो व्यवस्था लागू थी, वही फिर से शुरू होगी। हालांकि निजी अस्पतालों को 25 फीसदी टीकों की सप्लाई पहले की तरह से जारी रहेगी। निजी अस्पतालों को लेकर भी पीएम मोदी ने कहा कि वे कोरोना वैक्सीन की एक डोज की तय कीमत के अलावा 150 रुपये से अधिक सर्विस चार्ज नहीं वसूल सकेंगे।
बच्चों के लिए दो टीकों पर चल रहा है ट्रायल, नेजल वैक्सीन भी आएगी
पीएम नरेंद्र मोदी ने तीसरी लहर में बच्चों के शिकार होने की आशंका को लेकर कहा कि 2 टीकों पर ट्रायल चल रहा है। यही नहीं पीएम मोदी ने कहा कि एक नेजल वैक्सीन पर भी काम चल रहा है, जिसका नाक में छिड़काव किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमने प्राथमिकता के आधार पर हेल्थ वर्कर्स और अधिक आयु के लोगों को टीके लगाए थे। यदि हेल्थ वर्कर्स को दूसरी लहर से पहले वैक्सीन न लगी होती तो क्या होता। ज्यादा से ज्यादा हेल्थ वर्कर्स को टीका लगने के चलते ही वे दूसरों की सेवा में लग पाए और लाखों लोगों का जीवन बचा पाए।
वैक्सीन पॉलिसी पर विपक्षी दलों के रवैये पर पीएम मोदी ने कसा तंज
पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना के लगातार कम होते मामलों के बीच देश के सामने अलग-अलग सुझाव आने लगे। यह भी कहा जाने लगा कि आखिर राज्य सरकारों को टीकों और लॉकडाउन के लिए छूट क्यों नहीं मिल रही है। इसके लिए संविधान का जिक्र करते हुए यह दलील दी गई कि आरोग्य तो राज्य का विषय है। इसके बाद केंद्र सरकार ने गाइडलाइंस तैयार कीं और राज्यों को छूट दी कि वे अपने स्तर पर प्रतिबंध लागू कर सकें। पीएम मोदी ने कहा कि इस साल 16 जनवरी से 30 अप्रैल तक वैक्सीनेशन का कार्यक्रम केंद्र की देखरेख में ही आगे बढ़ा था। इस बीच कई राज्य सरकारों ने कहा कि वैक्सीन का काम डिसेंट्रलाइज किया जाए। कई तरह के स्वर उठे कि वैक्सीनेशन के लिए आयु वर्ग क्यों बनाए गए। कुछ आवाजें तो ऐसी भी उठीं कि बुजुर्गों का वैक्सीनेशन पहले क्यों हो रहा है। काफी चिंतन-मनन के बाद यह फैसला हुआ कि यदि राज्य सरकारें अपनी ओर से प्रयास करना चाहती हैं तो भारत सरकार क्यों ऐतराज करे।
#WATCH | Today, it has been decided that 25% of vaccination work being done by states will now be handled by Central govt. This system will be implemented in the next two weeks: PM Narendra Modi pic.twitter.com/StR2Bjm4X1
— ANI (@ANI) June 7, 2021
राज्यों को पता चला कि आखिर यह अभियान कितना बड़ा है
उन्होंने कहा कि 16 जनवरी से चली आ रही व्यवस्था में अब एक बदलाव किया गया है। 1 मई से 25 फीसदी काम राज्यों को सौंप दिया गया था। उसे पूरा करने के लिए उन्होंने प्रयास भी किए। लेकिन इसी दौरान उन्हें पता भी चला कि इतने बड़े अभियान में क्या समस्याएं आ रही हैं। हमने मई में देखा कि कैसे लगातार बढ़ रहे केस, टीकों के लिए बढ़ते रुझान और दुनिया में टीकों की स्थिति को देखते हुए राज्यों की राय फिर बदलने लगी। कई राज्यों ने कहा कि पहले वाली व्यवस्था ही अच्छी थी। राज्यों की इस मांग पर हमने भी सोचा कि राज्यों को दिक्कत न हो और सुचारू रूप से टीकाकरण हो। इसलिए हमने 1 मई से पहले वाली व्यवस्था को लागू करने का फैसला लिया है। पीएम मोदी ने कहा कि अब केंद्र सरकार ही राज्यों को दी गई वैक्सीनेशन की 25 फीसदी जिम्मेदारी भी उठाएगी। पीएम मोदी ने कहा कि दो सप्ताह तक हम यह तैयारी कर लेंगे।
‘टीके पर भ्रम फैलाने वाले लोगों को यह देश देख रहा है’
वैक्सीन को लेकर भ्रम पैदा करने वालों पर भी पीएम मोदी ने निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने वैक्सीन को लेकर ऐसी बात कही कि लोग भ्रमित हों और इसे तैयार करने वाले लोगों का हौसला टूट जाए। टीके न लगवाने के लिए कई तरह के तर्क दिए गए, इन्हें भी देश देख रहा है। टीकों पर अफवाह फैलाने वाले लोग भोले-भाले भाई-बहनों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। मैं सभी से अनुरोध करता हूं कि आप भी वैक्सीन को लेकर जागरुकता बढ़ाने में सहयोग करें।