बोले उद्धव ठाकरे- कभी राजनीति में आने का इच्छुक नहीं था, शिवसेना-बीजेपी के रिश्ते में आई दरार पर भी रखी अपनी बात – Hindustan

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शनिवार को अपने राजनीतिक जीवन से जुड़े कई मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी। न्यूज एजेंसी ‘PTI’ के मुताबिक मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मराठी दैनिक लोकसत्ता से बातचीत में कहा कि वो कभी भी राजनीति में आने के इच्छुक नहीं थे। सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि ‘मैं राजनीति में आने के लिए कभी भी इच्छुक नहीं था। मैं अपने पिता की मदद करने के लिए राजनीति में आया था।

इस वक्त महामारी फैली हुई है। मैं कभी भी अपनी जिम्मेदारी से भागता नहीं हूं। मैं अपनी क्षमता के मुताबिक जो सबसे अच्छा कर सकता हूं मैं रहा हूं। जिन लोगों ने मुझे वोट दिया है अगर वो कोविड-19 महामारी में नहीं बच पाए तो फिर इस पावर का क्या इस्तेमाल है।’ अपने पुरानी साथी भारतीय जनता पार्टी पर हमला करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि ‘प्रमोद महाजन और गोपीनाथ मुंडे के निधन के बाद भाजपा और शिवसेना के रिश्तों में जो विश्वास था उसे आघात पहुंचा। 

मेरे नये सहयोगी (एनसीपी और कांग्रेस) मुझे सम्मान देते हैं। महा विकास अघाड़ी एक गठबंधन है जहां विभिन्नताएं हैं, इसलिए हम ज्यादा खुले हुए हैं।’ आपको बता दें कि इससे पहले कुछ रिपोर्ट्स में यह कहा गया था कि राज्य में कोविड-19 को लेकर लगाई गई पाबंदियों के विषय पर महा विकास अघाड़ी सरकार में सहयोगियों के बीच मतभेद है। लेकिन राज्य के उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने शनिवार को साफ किया कि सरकार जरुर अलग-अलग पार्टियों के सहयोग से बनी है लेकिन राज्य में मुख्यमंत्री की बात ही सर्वोपरी है।

अजीत पवार ने पत्रकारों से कहा कि ‘सरकार में किसी तरह का आपसी मतभेद नहीं है। हम अनलॉक को लेकर लगातार चर्चा करते हैं और इसमें कोई कन्फ्यूजन नहीं है। मुख्यमंत्री भी सोशल मीडिया पर लगातार लोगों से बातचीत करते रहते हैं। हम अलग-अलग पार्टी से बनी सरकार हो सकते हैं लेकिन राज्य का मुखिया होने के नाते उद्धव ठाकरे द्वारा कही गई बात ही फाइनल है।’  

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