सीबीएसई: पीएम मोदी की चिंता के बाद 12वीं की परीक्षाएँ हुईं रद्द, नतीजों पर भी दिया निर्देश – BBC हिंदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीबीएसई की 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएँ रद्द होने की घोषणा के बाद अधिकारियों को परीक्षा परिणाम तैयार करने को लेकर निर्देश दिए हैं.

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने मंगलवार को 12वीं कक्षा की परीक्षाएँ रद्द करने का निर्णय किया था.

बोर्ड ने कहा, “कोरोना के कारण व्याप्त अनिश्चितता को देखते हुए और संबंधित स्टेक होल्डर्स से फ़ीडबैक लेने के बाद यह फ़ैसला किया गया है कि इस साल 12वीं की परीक्षाएँ आयोजित नहीं की जाएँगी.”

इस सिलसिले में प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता की थी.

प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार, इस बैठक में पीएम मोदी ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि परिणाम पूर्णत: स्‍पष्‍ट मानदंडों के अनुसार निष्पक्ष और समयबद्ध तरीक़े से तैयार किए जाएँ.

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मानदंड होंगे तैयार

बताया गया है कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अधिकारियों की एक कमेटी अब इससे संबंधित मानदंड तैयार करेगी. हालाँकि, इसकी घोषणा नहीं हुई है कि सीबीएसई बोर्ड कब तक 12वीं कक्षा के परिणाम जारी कर पाएगा.

12वीं के परीक्षा परिणाम को लेकर कुछ जानकारों की राय है कि सीबीएसई स्कूलों को यह निर्देश दे सकता है कि वो छात्रों के पिछले परफ़ॉर्मेंस के आधार पर उनका परीक्षा परिणाम तैयार करें. जानकारों का मानना है कि परीक्षा परिणाम आने में अगर देरी हुई, तो इसका असर कॉलेज में छात्रों के दाख़िले पर भी पड़ सकता है.

इस बारे में केंद्रीय मंत्री संजय धोत्रे ने ट्वीट किया, “बोर्ड 12वीं कक्षा के छात्रों के परिणामों को एक अच्छी तरह से परिभाषित मानदंड के अनुसार समयबद्ध तरीक़े से संकलित करने के लिए क़दम उठाएगा.”

जिस उच्चस्तरीय बैठक में 12वीं की परिक्षाएं रद्द करने का निर्णय लिया गया, उसकी अध्यक्षता पीएम मोदी ने ही की.

इस दौरान यह भी निर्णय हुआ कि पिछले साल की तरह ही अगर कुछ विद्यार्थी परीक्षा में बैठने की इच्छा रखते हैं, तो स्थिति अनुकूल होने पर सीबीएसई द्वारा उन्हें ऐसा विकल्प प्रदान किया जाएगा.

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पीएम मोदी ने इससे पहले 21 मई को एक उच्चस्तरीय बैठक की थी, जिसमें मंत्रियों और अधिकारियों ने भाग लिया था.

उसके बाद 23 मई को केंद्रीय रक्षा मंत्री की अध्यक्षता में एक बैठक हुई थी, जिसमें राज्यों के शिक्षा मंत्रियों ने भाग लिया था. इस बैठक में सीबीएसई की परीक्षाएँ कराने के बारे में विभिन्न विकल्पों पर चर्चा की गई थी और राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों से राय और सुझाव प्राप्त हुए थे.

अधिकारियों के मुताबिक़, इन दोनों ही बैठकों में सिर्फ़ दो विकल्पों पर विचार-विमर्श हुआ था. एक विकल्प ये था कि बच्चों को उनके स्कूलों में ही परीक्षा देने की अनुमति दे दी जाए.

जबकि दूसरा विकल्प था कि परीक्षा की अवधि घटाकर सिर्फ़ 90 मिनट कर दी जाए. लेकिन मंगलवार को पीएम मोदी की मौजूदगी में तीसरे विकल्प यानी परीक्षाएँ रद्द करने को लेकर भी चर्चा हुई थी.

क्या करेंगी राज्य सरकारें?

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माना जा रहा है कि बीजेपी शासित प्रदेश इस मामले में पीएम मोदी की राय के विपरीत नहीं जाएँगे और इस फ़ैसले का पालन करेंगे.

मंगलवार को हुई बैठक के बाद, हरियाणा के शिक्षा मंत्री ने कहा कि वो बोर्ड के निर्णय का स्वागत करते हैं और वो केंद्र सरकार के आदेश का पालन करेंगे.

वहीं उत्तरखंड के शिक्षा मंत्री ने कहा कि वो इस बारे में जल्द ही एक बैठक करने वाले हैं. हालाँकि, स्थानीय मीडिया की रिपोर्टों के अनुसार उत्तरखंड पीएम मोदी के निर्णय के साथ जाएगा.

राजस्थान और महाराष्ट्र सरकार ने कहा है कि वो अगले दो दिन में इस बारे में घोषणा करेंगे.

जबकि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस फ़ैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इससे बड़ी राहत मिली है. मंगलवार को ही उन्होंने कहा था कि बच्चों को वैक्सीन दिए बिना परीक्षा नहीं ली जानी चाहिए.

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के बाद आईसीएसई बोर्ड ने भी 12वीं की परीक्षा आयोजित नहीं कराने का निर्णय लिया है.

कोरोना के कारण गड़बड़ाया शैक्षणिक सत्र

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काउंसिल फ़ॉर इंडियन स्कूल सर्टिफ़िकेट एग़्जामिनेशंस ने यह निर्णय सीबीएसई की घोषणा के कुछ देर बाद ही लिया.

भारत में कोरोना महामारी की दूसरी लहर की भयावहता को देखते हुए 14 अप्रैल को सीबीएसई की 10वीं की परीक्षाएँ रद्द कर दी गई थीं और 12वीं की परीक्षाएँ स्थगित हो गई थीं. तब कहा गया था कि 12वीं की परीक्षाओं के बारे में 1 जून 2021 को दोबारा से विचार किया जाएगा.

पहले सीबीएसई की 10वीं की परीक्षाएँ 4 मई से 7 जून 2021 के बीच होनी थीं. वहीं 12वीं की परीक्षाएँ 4 मई ले 14 जून 2021 के बीच होने का एलान किया गया था.

सामान्य तौर पर ये परीक्षाएँ मार्च-अप्रैल में होती थीं और जून में नतीजे आ जाया करते थे. लेकिन कोरोना महामारी की वजह से यह दूसरा सत्र है, जो गड़बड़ा गया है.

पिछले साल कोरोना की पहली लहर के दौरान भी 12वीं की परीक्षाएँ अधर में लटक गई थीं. कुछ विषयों की परीक्षाएँ हो चुकी थीं और कुछ बाक़ी थीं. बाद में उन्हें रद्द कर असेसमेंट के आधार पर नंबर दे दिए गए थे.

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