तल्खी: हिदायत के बाद भी सिद्धू तेवर में दिखे, कैप्टन आज कमेटी से मिलेंगे – अमर उजाला – Amar Ujala

अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली।
Published by: Jeet Kumar
Updated Wed, 02 Jun 2021 03:18 AM IST

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कांग्रेस नेतृत्व की ओर से पंजाब के घमासान के लिए गठित कमेटी ने दूसरे दिन भी दो दर्जन से अधिक विधायकों के अलावा सांसदों और नेताओं से मुलाकात कर उनकी शिकायत दर्ज की।

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हालांकि पहले दिन उच्च स्तरीय कमेटी की नेताओं को बयानबाजी से परहेज की हिदायत का नवजोत सिंह सिद्धू पर कोई फर्क नहीं पड़ा। बुधवार को मुख्यमंत्री कमेटी के सदस्यों से मिलकर अपनी बात रखेंगे। उसके बाद कमेटी कांग्रेस अध्यक्ष को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।

कमेटी के सामने अपनी बात रखने के बाद बाहर आए सिद्धू के वही तेवर दिखे जो लंबे समय से मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ रहे हैं। दूसरे दिन 25 से अधिक नेता जिसमें अधिकतर विधायक थे अपनी शिकायत दर्ज कराने पहुंचे। मंगलवार को नवजोत सिंह सिद्धू भी कमेटी के सदस्यों से रूबरू हुए। मुलाकात के बाद बाहर मीडिया में सिद्धू के तेवर वैसे ही थे जैसे पंजाब में।

साफ है कि सिद्धू जो करीब दो साल से मुख्यमंत्री के खिलाफ बगावत पर उतारू हैं इस बार आरपार की लड़ाई और नेतृत्व की ओर से अंतिम फैसला चाहते हैं। तभी उन्होंने कहा,  हाईकमान के बुलावे पर मैं पंजाब की आवाज पहुंचाने आया हूं। मेरा जो स्टैंड था वही रहेगा।

उनका कहना है कि योद्धा वही है जो रण के अंदर जूझे। सत्य प्रताड़ित हो सकता है लेकिन पराजित नहीं। सिद्धू ने इशारों में कैप्टन सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, पंजाब की जीत होगी। पंजाब के लोगों ने लोकतांत्रिक ताकत सरकार को दी है। टैक्स जो सरकार को जाता है वो लौटकर लोगों तक पहुंचे। पंजाब के सच और हक की आवाज हमने बुलंदी से बताई है पंजाब ही जीतेगा।

कैप्टन के समर्थक विधायक भी पहुंचे

दूसरी ओर कैप्टन के समर्थन में भी विधायकों का गुट सक्रिय है जिसने सिद्धू के बड़बोलेपन, अनुशासनहीनता और वरिष्ठ नेताओं की उपेक्षा की शिकायत की है। बेअंत सिंह के परिवार से विधायक गुरकीरत सिंह कोटली ने कहा, सिद्धू को इतनी जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। पार्टी में नेताओं के बीच कोई टेंशन नहीं है। सबके अलग विचार हो सकते हैं अपनी बात कहने का लोकतांत्रिक अधिकार है। मीडिया में अलग अलग बातें पार्टी को कमजोर करती हैं।

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