Who is HK Dwivedi? जिन्हें ममता बनर्जी ने बनाया बंगाल का नया Chief Secretary – Zee News Hindi

नई दिल्ली: बंगाल में पूर्व चीफ सेक्रेटरी अलपन बंदोपाध्याय पर मचे बवाल के बाद अब सूबे को नया मुख्य सचिव मिल गया है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को बताया कि गृह सचिव एचके द्विवेदी नए चीफ सेक्रेटरी होंगे और बीपी गोपालिका को द्विवेदी के स्थान पर नियुक्त किया जाएगा. साथ ही ममता बनर्जी ने अलपन बंदोपाध्याय को तीन साल के लिए मुख्यमंत्री का मुख्य सलाहकार नियुक्त किया है.

कौन हैं एचके द्विवेदी?

इसके बाद एचके द्विवेदी ने बंगाल के नए चीफ सेक्रटरी का चार्ज भी संभाल लिया है. द्विवेदी 1988 बैच के IAS अधिकारी है और पूर्व चीफ सेक्रेटरी अलपन बंदोपाध्याय से एक साल जूनियर हैं. वह अब तक सूबे के होम सेक्रेटरी के तौर पर काम कर रही थे और उनके पास लंबा प्रशासनिक अनुभव है.

एचके द्विवेदी बंगाल की ममता सरकार के साथ लंबे वक्त से काम कर रहे हैं. वह सूबे के संसदीय और सांख्यिकी विभाग को भी देख रहे थे. इसके अलावा वह बंगाल में वित्त मंत्रालय के एडिशनल सेक्रेटरी के तौर पर भी काम कर चुके हैं. इसके अलावा वह बंगाल में वित्त मंत्रालय के एडिशनल सेक्रेटरी के तौर पर भी काम कर चुके हैं. वह साल 2012 के बाद से ही बंगाल विद्युत कॉर्पोरेशन के मेंबर हैं और ऐसे में सूबे की नौकरशाही में काम करने का उनका अनुभव काफी पुराना है. नए चीफ सेक्रेटरी भी अलपन बंदोपाध्याय की तरह बंगाल कैडर से ही आते हैं. 

क्यों बदले चीफ सेक्रेटरी?

दरअसल बंगाल के पूर्व चीफ सेक्रेटरी अलपन बंदोपाध्याय 31 मई को रिटायर होने वाले थे लेकिन केंद्र ने बीती 24 मई को उन्हें बंगाल सरकार की सिफारिश के बाद तीन महीने का एक्टेंशन दे दिया. विवाद तब शुरू हुआ जब 28 मई को केंद्र ने उनका ट्रांसफर दिल्ली कर दिया. सीएम ममता इस फैसले से काफी नाराज हो गईं और उन्हें केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा.

ये भी पढ़ें: अलपन बंदोपाध्याय से पहले भी अफसरों के लिए केंद्र से टकरा चुकी हैं सीएम ममता

ममता बनर्जी ने सोमवार को मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय को रिटायरमेंट की इजाजत देते हुए उन्हें अपने सलाहकार पद पर नियुक्ति दे दी. ममता ने केंद्र सरकार के फैसले को अंवैधानिक बताते हुए कहा कि बंगाल सरकार अलपन को दिल्ली भेजने के लिए तैयार नहीं है. 

फिलहाल अलपन के रिटारमेंट को केंद्र सरकार की ओर से मंजूरी मिलना बाकी है. जानकारी के मुताबिक केंद्र का आदेश न मानने को लेकर उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जा सकती है.

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