अब गरारा कर पता लगा सकेंगे कोरोना है या नहीं, ICMR ने दी टेस्ट के नए तरीके को मंजूरी – Navbharat Times

हाइलाइट्स:

  • आरटी-पीसीआर टेस्ट के नए तरीके से सिर्फ 3 घंटे में मिलेगा रिजल्ट
  • CSIR के अंतर्गत नागपुर की NEERI ने हासिल की खास उपलब्धि
  • इंस्टीट्यूट की टीम देशभर के लैब में देगी लोगों को टेस्ट करने की ट्रेनिंग

मुंबई
कोरोना महामारी के बढ़ते मामले के बीच कोरोना जांच की एक नया ‘सलाइन गार्गल आरटी-पीसीआर ‘ तरीका पेश किया गया है। इससे तीन घंटे में कोरोना संक्रमण की जांच का पता लगाया जा सकेगा। इस मेथड को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) से मंजूरी मिल गई है। वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) के तहत नागपुर स्थित राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान (NEERI) के वैज्ञानिकों ने अपने में एक नया मील का पत्थर हासिल किया है।

अब लोग घर बैठे खुद ही कर सकेंगे कोरोना की जांच, होम टेस्टिंग किट को ICMR की मंजूरी
देशभर के लैब में ट्रेनिंग देगी टीम
आईसीएमआर ने NEERI को अपनी टीमों को देश भर में लैब को नई पद्धति में ट्रेनिंग देने के लिए भेजने के लिए अपनी मंजूरी दे दी है। मेथड के अनुसार, एक रोगी को खारा घोल से गरारे करने के बाद एक सामान्य कलेक्शन ट्यूब में थूकने की आवश्यकता होती है। कलेक्शन ट्यूब में यह सैंपल तब एक लैब में ले जाया जाता है। वहां इसे कमरे के तापमान पर नीरी की तरफ से तैयार एक विशेष बफर सॉल्यूशन में रखा जाता है। जब इस सॉल्यूशन को गर्म किया जाता है तो एक आरएनए टेम्पलेट तैयार होता है। सॉल्यूशन को आगे रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पोलीमरेज़ चेन रिएक्शन (आरटी-पीसीआर) के लिए प्रोसेस्ड किया जाता है।

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सैंपल कलेक्ट करना और प्रोसेस करना आसान
नीरी के पर्यावरण वायरोलॉजी सेल के सीनियर साइंटिस्ट डॉ कृष्णा खैरनार ने कहा कि इस नए तरीके से सैंपल कलेक्ट करने और प्रोसेस्ड करना काफी सस्ता पड़ता है। लोग खुद से भी कोरोना संक्रमण का टेस्ट कर सकते हैं क्योंकि यह विधि सेल्फ सैंपलिंग की अनुमति देती है। इसके लिए कलेक्शन सेंटर पर लाइन में लगने या भीड़ लगाने की जरूरत नहीं होती है। इस प्रकार बहुत समय की बचत होती है। साथ ही इससे संक्रमण का खतरा कम होता है। यहां तक कि इस पद्धति में कचरा भी कम से कम होता है।

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नई विधि आसान और पेशेंट फ्रेंडली
दूसरी तरफ नाक और गले से स्वैब लेने में अधिक समय लगता है। इतना ही नहीं सैंपल लेने के इस तरीके से पेशेंट असहज हो जाता है। कई बार तो सैंपल एक स्थान से दूसरी जगह ले जाने में नष्ट भी हो जाता है। जबकि स्लाइन गार्गल आरटी-पीसीआर तुरंत हो जाता है। यह आसान और पेशेंट फ्रेंडली भी है। चूंकि इसमें कचरा कम निकलता है तो यह पर्यावरण के अनुकूल भी है। साइंटिस्टों का कहना है कि यह तरीका ग्रामीण इलाकों के लिए अधिक फायदेमंद है जहां इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी है।

कोरोना टेस्ट की होम किट हुई थी लॉन्च
पिछले दिनों कोविड-19 टेस्ट की एक होम किट लॉन्च की गई थी जिससे महज 15 मिनट में ही आपको निगेटिव और पॉजिटिव का पता चल जाता है। पुणे में ‘माई लैब’ ने घर पर ही कोरोना टेस्ट करने वाली किट (Coviself) बनाई है। यह रैपिड एंटीजन टेस्ट किट थी। आईसीएमआर ने इस किट को मंजूरी दी थी। ICMR ने कोरोना टेस्ट किट को लेकर नई एडवाइजरी भी दी थी।

gargle


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