अगर कोरोना हो गया है तो क्‍या वैक्‍सीन की जरूरत नहीं? एक्‍सपर्ट से जानें सारे जवाब – Navbharat Times

हाइलाइट्स:

  • इंडियन पब्लिक हेल्थ असोसिएशन के प्रेसिडेंट ने कहा, सभी को वैक्‍सीन की जरूरत नहीं
  • जिन एरिया में 70 पर्सेंट लोगों को संक्रमण हो गया है, वहां सामान्य जीवन शुरू कर देना चाहिए
  • एम्स में प्रफेसर डॉ. संजय राय ने कहा नेचुरल इम्युनिटी वैक्सीन से ज्यादा असरदार
  • एक बार कोरोना इंफेक्शन होने पर 9 महीने तक रहती है प्रोटेक्शन: एम्‍स प्रफेसर

नई दिल्ली
कोविड वैक्सीन की किल्लत के बीच एक तरफ सरकार का कहना है कि जल्द ही सभी के लिए वैक्सीन उपलब्ध होगी। वहीं कुछ एक्सपर्ट्स के मुताबिक सभी को वैक्सीन की जरूरत नहीं है। इंडियन पब्लिक हेल्थ असोसिएशन के प्रेजिडेंट और एम्स में प्रफेसर डॉ. संजय राय का कहना है कि जिन लोगों को कोराना संक्रमण हो गया है उन्हें वैक्सीन की जरूरत नहीं है। एम्स में कोवैक्सीन ट्रायल के प्रिसिंपल इंवेस्टिगेटर डॉ. राय ने कहा कि नेचुरल इम्युनिटी किसी भी वैक्सीन से ज्यादा असरदार और लंबे वक्त तक इम्युनिटी देने वाली है।

सीरो सर्विलांस से लगाएं इंफेक्‍शन का पता
यह पूछने पर कि किस स्पीड में वैक्सिनेशन होना चाहिए, डॉ. राय ने कहा कि सभी को वैक्सीन की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार को यह देखना चाहिए कि किस एरिया में कितने लोगों को संक्रमण हो गया है। उन्होंने कहा कि सीरो सर्विलांस के जरिए इसका पता चलता है। इसमें सीरम का टेस्ट होता है। उन्होंने कहा कि सीरो सर्विलांस से इंफेक्शन का पता लगाकर उन इलाकों को पूरी तरह खोल देना चाहिए जहां 70 पर्सेंट या इससे ज्यादा लोगों को संक्रमण हो चुका है।

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नेचुरल इम्‍युनिटी है ज्‍यादा बेहतर
जिन इलाकों में 10-15 पर्सेंट लोगों को ही संक्रमण हुआ है उन्हें प्रोटेक्ट करने के लिए जल्द से जल्द वैक्सीन लगानी चाहिए। इस तरह वैक्सीन की कमी भी खत्म हो जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी लोगों को वैक्सीन लगाने का औचित्य मुझे समझ नहीं आता। डॉ. राय ने कहा कि अभी तक जो एविडेंस सामने आए हैं उनसे साफ है कि एक बार कोरोना इंफेक्शन होने पर 9 महीने तक उससे प्रोटेक्शन रहता है। उन्होंने कहा कि अभी इस बीमारी को एक साल ही हुआ है आगे और चीजें समझ आएंगी। डॉ. राय के मुताबिक, नेचुरल इम्युनिटी (संक्रमण होने के बाद मिली इम्युनिटी) किसी भी वैक्सीन की तुलना में ज्यादा वक्त तक और ज्यादा बेहतर प्रोटेक्शन दे रही है।

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दोबारा संक्रमण वाले मामलों का क्‍या?
लेकिन ऐसे मामले भी आए हैं जिन्हें पिछले साल भी कोरोना संक्रमण हुआ था और इस बार भी संक्रमण हुआ है? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि ऐसे केस ज्यादातर माइल्ड हैं। उन्होंने बताया कि मैंने दोनों ग्रुप की तुलना की है। एक ग्रुप वह है जिसे संक्रमण होने के बाद फिर से संक्रमण हुआ और दूसरा ग्रुप वह जिसे वैक्सीन लगी है। दोनों को देखें तो वैक्सीन वाले ग्रुप में ज्यादा मामले संक्रमण और मौत के आ रहे हैं। उन्होंने कहा के नेचुरल इम्युनिटी वाले मामले में डेथ बहुत कम हो रही है।

उन्होंने अपनी बात के पक्ष में कहा कि पिछली बार मुंबई में धारावी सहित दिल्ली में भी जो कोरोना के हॉटस्पॉट थे इस बार वहां ज्यादा संक्रमण नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि जिन इलाकों में 70 पर्सेंट तक संक्रमण हो गया है वहां सामान्य जीवन शुरू कर देना चाहिए। साथ ही कहा कि अमेरिका ने तो करीब 55-60 पर्सेंट वैक्सिनेशन पर मास्क हटा देने को कहा है मैं 70 पर्सेंट नेचुरल इम्युनिटी की बात कर रहा हूं।



सांकेतिक तस्‍वीर

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