Cyclone Yaas Live Updates: दिखने लगे चक्रवाती तूफान यास के तेवर, तेज हवाओं के साथ समुद्र में उठी ऊंची लहरें; राहत शिविरों में पहुंचे लोग – दैनिक जागरण (Dainik Jagran)

नई दिल्ली, एएनआइ। ओडिशा के बालासोर के करीब पारादीप और सागर आइलैंड के बीच उत्तरी ओडिशा-पश्चिम बंगाल तट के करीब से  चक्रवाती तूफान यास के गुजरने की संभावना है।  ओडिशा के धमरा पोर्ट के करीब बुधवार सुबह लैंडफॉल की संभावना है।भारतीय मौसम विभाग (India Meteorological Department, IMD) की ओर से  मंगलवार को यह जानकारी दी गई है। ओडिशा व पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों से लोगों को निकालकर सुरक्षित जगहों में बने राहत शिविरों में पहुंचा दिया गया है। पारादीप में तेज हवाओं के साथ समुद्र में ऊंची लहरें उठने लगी। यहां से बुधवार को चक्रवात यास के गुजरने का अनुमान है। ओडिशा के कई इलाकों में बारिश की जोखिम को देखते हुए रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया गया है।   

IMD भुवनेश्वर के अनुसार, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, भद्रक और बालासोर में हवा की स्पीड 150-160 किमी प्रति घंटे होगी। धमरा और पारादीप में खतरे को देखते हुए चेतावनी दे दी गई है। आज और कल के लिए ओडिशा के केंद्रपाड़ा, भद्रक, जगतसिंहपुर, बालासोर में भारी बारिश के कारण रेड अलर्ट जारी किया गया है। वहीं मयूरभंज, जाजपुर, कटक, खोरदा और पुरी में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने राज्य के गृह मंत्री को आज बालासोर पहुंचने और वहीं रहकर स्थिति की निगरानी के लिए निर्देश दिया है।

पश्चिम बंगाल के दीघा में आज सुबह से बारिश शुरू हो गई। पूर्वी मिदनापुर ज़िले के दीघा में लोगों को उनके मवेशियों के साथ तटीय इलाकों से सुरक्षित निकाल कर राहत शिविर में पहुंचा दिया गया है।

पारादीप पोर्ट पर NDRF तैनात, बने 5 राहत शिविर

चक्रवात यास के मद्देनजर पारादीप में NDRF की टीम तैनात की गई है। पारादीप पोर्ट ट्रस्ट के चेयरमैन ने बताया कि चक्रवात के मद्देनज़र पारादीप पोर्ट पर तैयारियां की जा चुकी हैं। जितने भी जहाज पोर्ट पर थे उसे पहले से ही सुरक्षित जगह पर भेज दिया है। चक्रवात से प्रभावित लोगों के लिए पोर्ट पर 5 शेल्टर बनाए जा रहे हैं जिसमें सभी प्रकार की सुविधा होगी। IMD भुवनेश्वर के वरिष्ठ वैज्ञानिक उमाशंकर दास ने बताया, ‘तीव्र चक्रवाती तूफान यास की वर्तमान स्थिति पूर्व मध्य और पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी में है। पिछले 6 घंटो के दौरान यह उत्तर पश्चिम दिशा की तरफ 10 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है। यह पाराद्वीप के दक्षिण और दक्षिण पू्र्वी दिशा में 320 किलोमीटर और बालासोर के दक्षिण, दक्षिण पूर्व में 430 किलोमीटर है। कल दोपहर इसके पाराद्वीप और सागर द्वीप और चांदबाली और धामरा के बीच लैंडफॉल होने की संभावना है।

12 घंटों में होगा भयंकर

IMD ने मंगलवार को पूर्वानुमान में बताया कि अगले 12 घंटों में यह तूफान भीषण रूप ले सकता है। IMD की ओर से आज जारी किए गए बुलेटिन में बताया गया, ‘पूर्व-उत्तर बंगाल की खाड़ी से भीषण चक्रवात यास उत्तर पश्चिम की ओर 9 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रहा है। अगले 12 घंटों में  यह और भयंकर हो सकता है। बुधवार, 26 मई की सुबह यह पश्चिम बंगाल व ओडिशा के तट के करीब पहुंचेगा।’ 

राहत शिविरों में पहुंचे बालासोर निवासी

ओडिशा के चांदीपुर में भी भारी बारिश हो रही है। मौसम विभाग के अनुसार 26 मई को चक्रवात बालासोर तट से टकराएगा और यहां लैंडफॉल हो सकता है। चक्रवात की आशंका को देखते हुए बालासोर जिले  से लोगों को निकाल कर चांदीपुर में बनाए गए राहत शिविरों में पहुंचाने का काम जारी है। बालासोर की BDO नरेंद्र खामरी ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आज दोपहर तक यह काम पूरा हो जाएगा। BDO ने आगे बताया, ‘हम सभी लोगों को दोपहर तक स्कूल और कॉलेज में बनाए गए अस्थायी आश्रय केंद्रों में शिफ्ट कर देंगे। वहां सभी के लिए खाने- पीने का इंतजाम किया गया है। वहां कोविड गाइडलाइन के हिसाब से व्यवस्था की गई है। लोगों से अपील है कि नजदीक के सुरक्षित घरों में पहुंच जाएं।’

ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक (Naveen Patnaik) ने सोमवार को  बताया, ‘कोरोना संकट  के साथ चक्रवात तूफान यास की इस  चुनौती में लोगों की जिंदगियों को बचाना प्राथमिकता है। तूफान प्रभावित इलाकों के सभी लोगों से मैं आग्रह करता हूं कि वे प्रशासन का सहयोग करें और राहत शिविरों में चले जाएं।’   

उल्लेखनीय है कि बुधवार यानि 26 मई की सुबह तक यास अपने चक्रवाती तेवर में बंगाल और उत्तरी ओडिशा के तटवर्ती इलाकों में पहुंच जाएगा, दोपहर को ओडिशा के पारादीप और बंगाल के सागर द्वीप के बीच से बालासोर के पास से गुजरेगा। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) समेत नौसेना, वायुसेना व केंद्रीय एजेंसियों तथा बंगाल व ओडिशा की सरकारों ने इस चक्रवात से निपटने के लिए युद्धस्तर पर तैयारियां शुरू कर दी हैं। नौसेना ने राहत कार्यो के लिए चार युद्धपोत और कुछ विमान तैयार कर लिए हैं जबकि वायुसेना भी 11 परिवहन विमानों और 25 हेलीकॉप्टर के साथ मुस्तैद रहेगी। 

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