धड़ल्ले से लग रही कोवैक्सीन, भारत बायोटेक ने माना, अभी 90 प्रतिशत दस्तावेज़ों को नहीं मिली WHO की मंजूरी – Jansatta

भारत बायोटेक ने बताया कि कोवैक्सीन को पहले ही 11 देशों से नियामकीय मंजूरी मिल चुकी है। ब्राजील और हंगरी में कोवैक्सीन की रेगुलारिटी अप्रूवल के लिए दस्तावेज जमा कराने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।

भारत बायोटैक देश भर में कोवैक्सीन की सप्लाई कर रहा है। (एक्सप्रेस फोटो)।

कोरोना महामारी से बचने के लिए अभी तक वैक्सीन सबसे कारगर उपाय मानी जा रही है। भारत ने अब तक दो वैक्सीन लगायी जा रही है, भारत बायोटेक का कोवैक्सिन और सीरम इंस्टीट्यूट का कोविशील्ड जो एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा बनाया गया है। वही तीसरी वैक्सीन के रूप में रूस की स्पुतनिक वी – को भी आपातकालीन मंजूरी दी गयी है, लेकिन अभी तक इसे शुरू नहीं किया गया है।कोवैक्सीन को लेकर शुरुआत से ही कई प्रकार के सवाल उठाये जा रहे है।

दरअसल इस वैक्सीन को तभी अनुमति दे दी गयी थी जब इसका तीसरे चरण का ट्रायल नहीं पूरा हुआ था। जिसको लेकर ICMR के  निदेशक बलराम भार्गव ने कहा था कि गैर आपातकालीन स्थिति में मंजूरी के लिए सुरक्षा प्रतिरक्षा और प्रभावकारिता रिपोर्ट की आवश्यकता होती है। उन्होंने यह भी बताया था कि आपातकालीन इस्तेमाल मंजूरी के लिए प्रभावकारिता डाटा की आवश्यकता नहीं है होती है ऐसी स्थिति में प्रभावकारी डाटा के लिए इम्यूनिटी डाटा एक सरोगेट के रूप में कार्य करता है।

WHO से मंजूरी प्राप्त करने को लेकर आश्वस्त है भारत बायोटेक: वैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड ने सोमवार को भारत सरकार के अधिकारियों को बताया कि कोवैक्सिन की आपातकालीन उपयोग के लिए आवश्यक नब्बे प्रतिशत दस्तावेज डब्ल्यूएचओ को जमा कर दिए गए हैं। साथ ही यह भी बताया कि बचे हुए दस्तावेज जून में जमा होने की उम्मीद है। कंपनी ने कहा कि वह डब्ल्यूएचओ से मंजूरी प्राप्त करने को लेकर आश्वस्त है। साथ ही बताया कि अभी तक किसी भी देश ने ‘वैक्सीन पासपोर्ट’ लागू नहीं किया है। वर्तमान में दुनिया के अधिकतर देशों में यात्रा के दौरान आरटी-पीसीआर जांच में कोरोना जांच की निगेटिव रिपोर्ट के प्रमाणपत्र की जरूरत होती है।

आपको बता दें डब्ल्यूएचओ के अनुसार आपातकालीन उपयोग प्रक्रिया के तहत प्रीक्वालिफिकेशन या लिस्टिंग के लिए इसे सबके सामने प्रस्तुत करना गोपनीय है। अगर जांच के लिए सबमिट किया गया कोई उत्पाद लिस्टिंग के मानदंडों को पूरा करता पाया जाता है तो WHO उसके परिणाम को व्यपक रूप से प्रकाशित करेगा। आपातकालीन उपयोग के लिए सूचीकरण प्रक्रिया की अवधि वैक्सीन बनाने वाले द्वारा बताये गए डेटा की गुणवत्ता और डब्ल्यूएचओ के मानदंडों को पूरा करने वाले डेटा पर निर्भर करती है।

11 देशों से नियामकीय मंजूरी मिल चुकी: भारत बायोटेक ने बताया कि कोवैक्सीन को पहले ही 11 देशों से नियामकीय मंजूरी मिल चुकी है। ब्राजील और हंगरी में कोवैक्सीन की रेगुलारिटी अप्रूवल के लिए दस्तावेज जमा कराने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। जबकि कोवैक्सीन के तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल के लिए अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन से अंतिम दौर की बातचीत भी चल रही है। सूत्रों के अनुसार  सात देशों की 11 कंपनियों ने कोवैक्सीन के उत्पादन के लिए प्रौद्योगिकी हस्तांतरण में रुचि दिखाई है। आपको बता दें कि इस बीच विदेश मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय और बायोटेक विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने भारत के एमडी डॉ वी कृष्ण मोहन और के साथ डब्ल्यूएचओ के कोवैक्सिन की मंजूरी के लिए आवेदन की स्थिति पर बैठक की थी।

जून में बच्चों के टीकाकरण लिए भी शुरू हो सकती है ट्रायल प्रक्रिया: भारत बायोटेक जून से कोरोना वैक्सीन ‘कोवैक्सीन’ का ट्रायल बच्चों पर शुरू कर सकती है। कंपनी को दो से 18 साल के बच्चों पर ट्रायल करने की अनुमति पहले ही मिल चुकी है। भारत बायोटेक के बिजनेस डेवलपमेंट एंड इंटरनेशनल एडवोकेसी के प्रमुख डाॅ. राचेस एला ने उम्मीद जताई है  कि बच्चों के लिए वैक्सीन का लाइसेंस इस साल के तीसरे महीने तक मिल सकती है।आपको बता दें कि  74 वीं विश्व स्वास्थ्य सभा में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि बोर्ड वैश्विक स्वास्थ्य पर महामारी के प्रभाव को लेकर चर्चा कर रहा है। बोर्ड यह भी सुनिश्चित कर रहा है कि जल्द से जल्द कोरोना टीका का वैश्विक स्तर पर विस्तार हो ताकि इस जानलेवा महामारी से बचा जा सके।

मध्य प्रदेश में टीककरण करने गयी टीम पर हमला: मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले के मलिकेड़ी गांव में ग्रामीणों को कोरोना टीका को लेकर प्रेरित करने के लिए एक महिला तहसीलदार के नेतृत्व में गयी टीम टीम पर पारडी समुदाय के ग्रामीणों ने हमला कर दिया। मेडिकल टीम ने पहले भी गांव का दौरा किया था और स्थानीय लोग वैक्सीन शॉट लेने के लिए तैयार नहीं थे। जब टीम सोमवार सुबह फिर गांव पहुंची और स्थानीय लोगों को टीका लगवाने के लिए मनाने की कोशिश की, तो कुछ ग्रामीणों ने मेडिकल टीम के एक सस्दय शकिल मोहम्मद कुरैशी पर हमला कर दिया था।

सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल: सोशल मीडिया पर इस घटना का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इस वायरल वीडियो में  मेडिकल टीम के सदस्यों को उन पर हमले के बाद भागते हुए दिखाया गया है। महिला तहसीलदार, एएनएम, आशा कार्यकर्ता और स्थानीय पटवारी की टीम गांव में टीकाकरण से संबंधित संदेह को दूर करने और टीकाकरण के लिए प्रेरित करने के लिए गांव आई थी। जब तहसीलदार और टीम के अन्य सदस्य ग्रामीणों से बात कर रहे थे। तब लगभग  50 से युवकों की भीड़ लाठी और तलवार से लैस होकर मौके पर आ गई और  टीम के साथ दुर्व्यवहार करने लगे।

गंभीर रूप से घायल शकील मोहम्मद कुरैशी ने बताया कि इससे पहले कि हम कुछ समझ पाते, ग्रामीणों ने हम पर हमला करना शुरू कर दिया। जबकि तहसीलदार और टीम के अन्य सदस्य सुरक्षित बच निकलने में सफल रहे, हमले में मेरे सिर में चोट लगी है।  इस मामले पर एडिशनल एसपी आकाश भूरिया ने कहा कि हमले के लिए चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। उन्हें गिरफ्तार करने के प्रयास जारी हैं।

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