मोदी-शाह-संघ की मीटिंग की INSIDE STORY: UP चुनाव से पहले मोदी-योगी की छवि सुधारने के लिए चलेगा अभियान, संघ … – Dainik Bhaskar

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नई दिल्ली2 घंटे पहले

दिल्ली में बीते रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह के साथ संघ के सरकार्यवाहक दत्तात्रेय होसबोले की मीटिंग हुई। इस मीटिंग में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ उत्तर प्रदेश भाजपा प्रदेश संगठन के महामंत्री सुनील बंसल भी शामिल हुए।

कोरोना की दूसरी लहर में जिस तरह से यूपी में अव्यवस्था सामने आई है, उससे यूपी सरकार के साथ-साथ मोदी की छवि भी खराब हुई है। ऐसे में मीटिंग में तय किया गया है कि एक अभियान चलाकर मोदी और योगी की छवि को सुधारा जाएगा। इस काम में पार्टी के साथ-साथ संघ भी सहयोग करेगा।

7 साल में पहली बार मोदी पर भी उठे सवाल, इसीलिए संघ-भाजपा की चिंता बढ़ी
बीते 7 सालों में ऐसा पहली बार है कि जब जनता ने मोदी पर कोरोना काल में मैनेजमेंट को लेकर सवाल खड़े किए हैं। इस बात को संघ भी जानता है। रविवार की बैठक में इस मुद्दे पर खास चर्चा हुई। बैठक में दत्तात्रेय होसबोले ने जमीनी हकीकत से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को रू-ब-रू भी कराया। सूत्रों ने बताया है कि बैठक में चर्चा हुई है कि जनता के बीच भाजपा सरकार को लेकर नकारात्मकता फैली है। ऐसे में उसे रोकना जरूरी है। इसके लिए मोदी और योगी की छवि सुधारने को एक अभियान चलाया जाए।

UP में अगले साल चुनाव इसलिए वहीं से शुरू होगा अभियान
यूपी में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन कोरोना के कारण बदले हालात में पार्टी अगर सीधे चुनाव में उतरती है तो उसे नुकसान की संभावना भी है। दरअसल, बीते डेढ़ महीने में कोरोना मैनेजमेंट के नाम पर सरकार की गलितयों के चलते सैकड़ों लोगों को जान गंवानी पड़ी। इनमें सरकार के मंत्री के साथ साथ कई माननीय भी शामिल रहे।

जो जनता मोदी और योगी पर आंख बंद कर भरोसा कर रही थी। वह अब उनसे सवाल कर रही है। कई विधायकों और मंत्रियों ने अव्यवस्था को लेकर पत्र भी लिखा। चूंकि अब उन्हें भी क्षेत्र में जाना है तो स्वाभाविक है कि उन्हें चिंता होगी। संघ यह बेहतर तरीके से जानता है कि बदले हालात में मोदी और योगी की हिंदुत्व की छवि भी सत्ता में वापसी का बड़ा कारण नहीं बन पाएगी। यही वजह है कि बैठक में तय किया गया है कि मोदी और योगी की छवि को सुधारने के लिए यूपी से ही अभियान चलाया जाए।

इन 3 पॉइंट्स पर चलाया जाएगा अभियान

1. मोदी और योगी की छवि को पुख्ता किया जाएगा

इस अभियान को बड़े स्तर पर शुरू किया जाएगा। इसका उद्देश्य यही होगा कि जनता को समझाया जाए कि मोदी और योगी की वजह से ही आप सेफ हैं। जनता के बीच संघ के लोग, पदाधिकारी, विधायक और सांसद जाएंगे और जनता को समझाएंगे कि यदि देश में मोदी और यूपी में योगी न होते तो हालात और बुरे होते।

2. राष्ट्रवाद की भावना को उभारा जाएगा

भाजपा कार्यकर्ता जनता को मोदी के नेतृत्व में कोरोनाकाल में मिली सफलता के बारे में बताएंगे। आत्मनिर्भर भारत नीति के तहत देश में कैसे कम समय मे कोरोना की दो वैक्सीन बनाई गई, डीआरडीओ ने कोरोना की दवा खोज ली, भारत ने अपने दम पर कोरोना टेस्टिंग किट बना ली, पूर्ण लॉकडाउन न करके कैसे गरीबों का ध्यान रखा गया और साथ ही अर्थव्यवस्था को कैसे बचाया गया… जनता को ये संदेश दिए जाएंगे। इसके अलावा केस बढ़ने पर सरकार ने ऑक्सीजन सप्लाई बढ़ाई, कम समय में हॉस्पिटल खोले गए।

3. विपक्ष के उकसावे में न आएं, बयानबाजी से दूर रहें भाजपा नेता

बैठक में शामिल नेता जानते हैं कि कोरोनाकाल मे अपनों को खो चुके लोग काफी गुस्से में हैं। ऐसे में जो भी नेता जनता के बीच जाएगा, वह सिर्फ उनसे संवेदना जताएगा, सरकार की बातों को उनके सामने रखेगा, यदि जनता कोई आरोप या कुछ उल्टा सीधा बोले तो उस पर पलटवार न करें। इसके साथ ही नेता बयानबाजी से दूर रहें। ऐसा कोई बयान न दें, जिससे सरकार की छवि खराब हो। साथ ही विपक्ष के उकसावे में न आएं।

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