राजीव सिन्हा, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: प्रशांत कुमार
Updated Mon, 24 May 2021 09:48 AM IST
सार
नारदा स्कैम केस में हर रोज नया मोड़ आता जा रहा है। अब सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में कोलकाता हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी है जिसमें हाईकोर्ट ने गिरफ्तार चार टीएमसी नेताओं को घर में नजरबंद रहने का आदेश दिया था।
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विस्तार
आरोपियों को अंतरिम जमानत देने पर जजों में सहमति नहीं
21 मई को हाईकोर्ट की खंडपीठ के जजों में आरोपियों को अंतरिम जमानत देने के मामले में अलग-अलग राय थी। जहां एक जज का कहना था कि आरोपियों को अंतरिम जमानत दी जानी चाहिए, वही दूसरे जज की राय बिल्कुल उलट थी। यही वजह थी कि खंडपीठ ने सभी आरोपियों को हाउस अरेस्ट में भेजने का निर्णय लिया था। साथ ही खंडपीठ ने इस मामले को बड़ी पीठ के पास भेज दिया था।
सीबीआई ने हाईकोर्ट के इस फैसले पर रोक लगाने की मांग की थी और कहा था कि वह इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे लेकिन हाईकोर्ट ने उनकी मांग को ठुकरा दिया था। मालूम हो कि 17 मई को सीबीआई ने टीएमसी नेता फरियाद हाकीम, सुब्रतो मुखर्जी, मदन मित्रा और शोभन चटर्जी को नारदा घोटाला मामले में गिरफ्तार किया था।
CBI moves Supreme Court against the Calcutta High Court order which allowed house arrest of 4 TMC leaders in Narada case, seeks adjournment of hearing today
— ANI (@ANI) May 24, 2021
मंत्रियों की गिरफ्तारी पर दफ्तर के बाहर हंगामा
गौरतलब है कि सीबीआई ने जब टीएमसी नेताओं के खिलाफ दबिश दी और जांच शुरू की थी तो अहम सबूत मिलने का दावा किया। सीबीआई ने टीएमसी नेताओं को गिरफ्तार कर लिया। जिसके बाद सीबीआई दफ्तर के बाहर हंगामा और पथराव किया गया। टीएमसी कार्यकर्ताओं पर पथराव करने का आरोप लगा। गिरफ्तारी के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी सीबीआई को चुनौती दी थी कि हिम्मत हो तो उन्हें गिरफ्तार करके दिखाए।
क्या है नारदा घोटाला?
साल 2016 में बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले नारदा स्टिंग टेप का खुलासा किया गया था। ऐसा दावा किया गया था कि ये टेप साल 2014 में रिकॉर्ड किए गए थे। इसमें टीएमसी के मंत्री, सांसद और विधायक और कोलकाता के मेयर को कथित रूप से एक काल्पनिक कंपनी के प्रतिनिधियों से रकम लेते दिखाया गया था। यह स्टिंग ऑपरेशन नारदा न्यूज पोर्टल के सीईओ मैथ्यू सैमुअल ने किया था। साल 2017 में कलकत्ता हाईकोर्ट ने इन टेप की जांच का आदेश सीबीआई को दिया था।