हिमाचल में एक साल के लिए ब्लैक फंगस महामारी घोषित, अधिसूचना जारी – अमर उजाला – Amar Ujala

सार

प्रदेश के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज में बीते दिन ब्लैक फंगस का पहला मामला सामने आया था। इसके बाद सरकार ने ब्लैक फंगस को महामारी घोषित कर दिया है। 

ब्लैक फंगस(सांकेतिक)
– फोटो : अमर उजाला

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विस्तार

केंद्र के निर्देशों के बाद हिमाचल प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को  म्यूकोरमाइकोसिस(ब्लैक फंगस संक्रमण) को एक साल के लिए महामारी घोषित कर दिया। स्वास्थ्य विभाग के सचिव अमिताभ अवस्थी ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। केंद्र सरकार ने देश भर के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को ब्लैक फंगस को महामारी घोषित करने के निर्देश जारी किए हैं। अब आईसीएमआर और राज्य सरकार इस महामारी को लेकर जो स्क्रीनिंग और उपचार संबंधित दिशा-निर्देश जारी करेंगे, उनका निजी और सरकारी अस्पताल प्रबंधन को पालन करना होगा।

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नियमों की अवहेलना करने पर धारा 188 के तहत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इसमें चालान काटने का प्रावधान है। जिलों में सीएमओ की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया जाएगा। इसमें ईएनटी और अन्य मेडिकल विभागों के डॉक्टर शामिल किए जाएंगे। यह कमेटी जिलों में इस बीमारी संबंधी गतिविधियों पर नजर रखेगी। इसके अलावा सरकारी और निजी अस्पताल सहित अन्य किसी गांव व शहर में कोई इस बीमारी से संबंधित मरीज आता है तो इसकी सूचना जिला चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) को देनी होगी। नियमों के तहत चिकित्सा संस्थान इस बीमारी की जानकारी शेयर नहीं कर सकेंगे। 

ब्लैक फंगस से पीड़ित महिला का  होगा ऑपरेशन

वहीं, आईजीएमसी अस्पताल शिमला में उपचाराधीन ब्लैक फंगस से पीड़ित हमीरपुर की महिला का शनिवार को ऑपरेशन किया जा सकता है। हालांकि महिला का आरटीपीसीआर टेस्ट रिपोर्ट अभी आना बाकी है। रिपोर्ट आने के बाद ईएनटी विभाग के चिकित्सक महिला का ऑपरेशन करेंगे। आईजीएमसी के कॉलेज प्राचार्य डॉ. रजनीश पठानिया ने इसकी पुष्टि की। महिला के फंगल कल्चरल का सैंपल भी भेजा गया है, जिसकी रिपोर्ट आना अभी बाकी है। ब्लैक फंगस का प्रदेश में यह पहला मामला है। महिला की आरटीपीसीआर रिपोर्ट आ जाती है, तो ईएनटी विभाग के चिकित्सक ऑपरेशन करेंगे। उधर, ब्लैक फंगस को लेकर शिमला का डीडीयू अस्पताल प्रबंधन सजग हो गया है । शुक्रवार को डीडीयू अस्पताल ने एंटीफंगल दवा एम्फोटेरिसिन-बी के 100 इंजेक्शन मंगवा लिए हैं।

शरीर में कैसे पहुंचता है फंगस 

सांस के जरिये वातावरण में मौजूद फंगस हमारे शरीर में पहुंचते हैं। शरीर में कहीं घाव हो तो वहां से भी ये शरीर में फैल सकता है। इसकी शुरुआती दौर में पहचान नहीं की तो जानलेवा साबित भी हो सकती है। इससे आंखों की रोशनी जा सकती है। शरीर में अगर इन्फेक्शन हैं तो चेहरे का एक तरफ से सूजना, सिरदर्द, नाक बंद होना, उल्टी, बुखार, चेस्ट पेन, साइनस कंजेशन, मुंह के ऊपरी हिस्से या नाक में काले घाव होना इसके लक्षण हैं।

किन लोगों को होता है इंफेक्शन

जिन्हें मधुमेह, कैंसर या फिर जिनका ऑर्गन ट्रांसप्लांट हुआ हो, उन्हें यह हो सकता है। इसके अलावा जिन लोगों को कोरोना हो रहा है, उनका भी इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। अगर किसी हाई डायबिटिक मरीज को कोरोना होता है तो उसका इम्यून सिस्टम और ज्यादा कमजोर हो जाता है। ऐसे लोगों में ब्लैक फंगस इन्फेक्शन फैलने की आशंका ज्यादा होती है।

लक्षण होने पर क्या करें

शरीर में अगर ब्लैक फंगस के लक्षण दिखें तो सबसे पहले सिर्फ डॉक्टर के पास जाकर इसकी जांच कराएं और डॉक्टरों की सलाह से दवा लें। 

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