भवानीपुर से चुनाव लड़ सकती हैं ममता बनर्जी. (PTI)
बता दें कि भवानीपुर पहले भी ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के पारंपरिक सीट रही है. नियमों के मुताबिक छह महीने के अंदर ममता बनर्जी को किसी भी जगह से चुनाव जीत कर विधानसभा सदस्य बनना होगा.
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इससे पहले 2011 में सुब्रत बक्शी ने तृणमूल के टिकट पर चुनाव जीतकर भवानीपुर निर्वाचन क्षेत्र से इस्तीफा दे दिया था. बाद में यहां हुए उपचुनाव में ममता बनर्जी जीत मिली थी. उसके बाद 2016 में भी उन्होंने यहां जीत हासिल की. हालांकि इस बार ममता ने नंदीग्राम चुनाव लड़ा और वहां से उन्हें हार का सामना करना पड़ा.इसे भी पढ़ें :- नंदीग्राम की हार के बाद भी क्या CM बनी रहेंगी ममता? जानें क्या कहता है संविधान क्या कहता है नियम अनुच्छेद 164 कहता है, ‘एक मंत्री जो लगातार छह महीने तक किसी राज्य के विधानमंडल का सदस्य नहीं होता है, वह इस समयसीमा के खत्म होने के बाद मंत्री नहीं बन सकता. इसका मतलब है कि ममता बनर्जी के पास विधायक बनने के लिए 6 महीने का समय है. पश्चिम बंगाल में चूंकि विधान परिषद नहीं है ऐसे में ममता बनर्जी को 6 महीने के अंदर किसी खाली सीट से नामांकन दाखिल करना होगा और उपचुनाव जीतकर विधायक बनना होगा.