पीटीआई, नई दिल्ली
Published by: संजीव कुमार झा
Updated Fri, 21 May 2021 08:11 PM IST
सार
चक्रवाती तूफान यास इस महीने की 26 तारीख तक दस्तक दे सकता है। ओडिशा और पश्चिम बंगाल में तूफान का असर होने के अलावा अंडमान निकोबार द्वीपसमूह तथा पूर्वी तट के जिलों में तेज बारिश हो सकती है और बाढ़ के हालात भी पैदा हो सकते हैं।
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विस्तार
चक्रवाती तूफान यास इस महीने के आखिर में देश के पूर्वी तटीय क्षेत्र में दस्तक दे सकता है। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने गुरुवार को यास की जानकारी देते हुए कहा था कि 22 मई को उत्तरी अंडमान सागर और आसपास की पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है।
विभाग के चक्रवात चेतावनी प्रकोष्ठ ने जानकारी देते हुए बताया कि इसके अगले 72 घंटों में धीरे-धीरे चक्रवाती तूफान में बदलने की पूरी संभावना है। यह उत्तर पश्चिम दिशा की ओर बढ़ सकता है और 26 मई की शाम के आसपास पश्चिम बंगाल-ओडिशा के तटों तक पहुंच सकता है।
ओडिशा और पश्चिम बंगाल में तूफान का असर होने के अलावा अंडमान निकोबार द्वीपसमूह तथा पूर्वी तट के जिलों में तेज बारिश हो सकती है और बाढ़ के हालात भी पैदा हो सकते हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और अंडमान निकोबार द्वीपसमूह के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर कहा है कि कोरोना वायरस महामारी पहले से ही सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधी चुनौती है जो अस्थायी शिविरों में रहने वाले विस्थापित लोगों में पैदा हो सकने वाली जल, मच्छर और हवा जनित बीमारियों के स्वास्थ्य जोखिम के कारण और जटिल हो सकती हैं।
भूषण ने इन राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से कहा है कि स्वास्थ्य क्षेत्र से संबंधित घटनाक्रमों को नियंत्रित करने वाली प्रणाली और आपात परिचालन केंद्र/नियंत्रण कक्ष को सक्रिय करें तथा एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने के साथ ही उनका संपर्क ब्योरा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को भेजें। उन्होंने तूफान के रास्ते में पड़ने वाले सामुदायिक और स्वास्थ्य केंद्रों से लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों या बड़े अस्पतालों में पहुंचाने की योजना पहले ही बनाने पर जोर दिया।