सीएम साहब देखिए बिहार में विकास का हाल! बीमार पड़ने पर यहां ‘खाट एंबुलेंस’ ही एकमात्र सहारा – Navbharat Times

हाइलाइट्स:

  • कोरोना संकट के बीच औरंगाबाद से सामने आई चौंकाने वाली तस्वीर
  • मरीज को अस्पताल तक ले जाने के लिए ‘खाट एंबुलेंस’ का सहारा
  • इस गांव में न एंबुलेंस की सुविधा है, न ही मेडिकल टीम है
  • नीतीश कुमार जी देखिए क्या है बिहार के विकास की असल तस्वीर

आकाश कुमार, औरंगाबाद
अगर विकास इसी को कहते हैं तो जरूरत है इस विकास को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी आंखों से देखें। कैसे आज भी हर गांव तक एम्बुलेंस पहुंचाने का उनका दावा खोखला साबित हो रहा है। उनके ही गुड गवर्नेंस काल में मरीज को खाट पर लादकर अस्पताल ले जाने के लिए ग्रामीण विवश हैं। जलालत और परेशानियों का सामना कर खाट को एम्बुलेंस बनाकर मरीज को अस्पताल तक ले जाने की हकीकत औरंगाबाद के कुटुंबा प्रखंड की है।

औरंगाबाद के दुसाध बिगहा गांव का हाल देखिए
पूरा मामला खैरा हरनाथ टोले के दुसाध बिगहा गांव का है, जहां सड़क नहीं होने, मेडिकल टीम के अभाव में एक मरीज की तबीयत बिगड़ने के बाद अस्पताल ले जाने के लिए परिजनों को खाट का सहारा लेना पड़ा। बिहार सरकार भले ही सूबे में सड़क निर्माण समेत विकास के लाख दावे करे लेकिन असल सच्चाई इससे दूर ही नजर आ रही है। वक्त जरूर बदला है, हालात के साथ हुक्मरान भी बदल गए, अगर कुछ नहीं बदला तो वह है दुसाध बिगहा गांव की तस्वीर।

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न एंबुलेंस, न मेडिकल टीम, खाट पर मरीज को ले जाने को मजबूर परिजन
ग्रामीण बताते हैं कि कोरोना काल में गांव के एक ग्रामीण की तबीयत खराब हो गई, लेकिन बदहाली का आलम यह है कि यहां न तो एम्बुलेंस पहुंची और न ही कोई चिकित्सा विभाग की टीम। ऐसी स्थिति में ग्रामीण ही मरीज को खाट पर लाद कर कई किलोमीटर दूर सरकारी अस्पताल ले गए। यही नहीं स्थिति इतनी गंभीर है कि सड़क भी ठीक से नहीं है, जिससे मरीजों को लाने-ले जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।












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इस तस्वीर को देखकर क्या कहेंगे मुख्यमंत्री जी
कोरोना संकट में बिहार सरकार की ओर से लगातार मरीजों को हरसंभव मदद की बात कही जा रही है। एंबुलेंस की सुविधा बढ़ाने से लेकर ग्रामीण इलाकों में लोगों की मदद के लिए मेडिकल टीम की तैनाती समेत कई दावे किए गए। लेकिन धरातल पर इसका कितना असर है, ये इस तस्वीर से साफ हो जाता है। जहां ‘खाट एंबुलेंस’ के जरिए मरीजों को इलाज के लिए ले जाया जा रहा। आखिर इस तस्वीर को देखकर सूबे के सीएम नीतीश कुमार और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय क्या कहेंगे?












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सिवान में भी सामने आया था ऐसा मामला, जब एम्बुलेंस नहीं आई तो ठेले पर बीमार पिता को ले गया बेटा
ये कोई अकेला मामला नहीं है, बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था की हालात को बयां करता एक वीडियो भी हाल ही में वायरल हुआ था। ये वीडियो स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय (Bihar Health Minister Mangal Pandey) के गृह जनपद सिवान से था। जहां एक बेटे ने कई बार एंबुलेंस के लिए कॉल किया। लेकिन घंटे भर बाद भी जब एम्बुलेंस नहीं पहुंची तो ठेले पर बीमार पिता को लेकर अस्पताल पहुंचा। मामला मैरवा के सिसवा खुर्द का था, जहां रहने वाले एक बुजुर्ग की तबीयत खराब हो गई। परिजन एंबुलेंस के लिए 102 नम्बर पर लगातार कॉल करने लगे। लेकिन उन्हें एंबुलेंस सेवा नहीं मिली। इधर मरीज की स्थिति बिगड़ रही थी। जिसके बाद पुत्र ने एम्बुलेंस की परवाह किए बिना ठेले पर पिता को लिटाया और मैरवा अस्पताल के लिए निकल पड़ा। जिसने भी इस दृश्य को देखा दंग रह गया।



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