दूसरे देशों को क्यों दिया गया कोरोना का टीका? अदार पूनावाला ने किया सरकार का बचाव, कहा- सबको 2-3 महीनों में नहीं लगा सकते वैक्सीन – Hindustan

भारत में उत्पादित कोरोना टीकों के विदेश निर्यात को लेकर मचे हंगामे के बीच सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने सरकार के कदम का बचाव किया है। उन्होंने यह भी कहा है कि भारत जितनी आबादी वाले देश में सबका टीकाकरण 2-3 महीनों में नहीं हो सकता है। पूनावाला ने मंगलवार को एक बयान जारी कर कहा कि पूरी दुनिया में सबको टीका लगाने में 2-3 साल का समय लगेगा और यह महामारी तभी दूर होगी जब सबको वैक्सीन उपलब्ध हो। टीकों के निर्यात को पूनावाला ने ऐसे समय पर जायज ठहराया है जब विपक्ष मोदी सरकार पर हमलावर है और पूछ रही है कि दूसरे देशों में इसका निर्यात क्यों किया गया। 

अदार पूनावाला ने कहा, ”जनवरी 2021 में हमारे पास टीकों का बड़ा भंडार था। हमारा टीकाकरण अभियान शुरू हो गया था, लेकिन कोरोना केस न्यूनतम स्तर पर थे। उस समय स्वास्थ्य विशेषज्ञों सहित अधिकतर लोगों ने मान लिया कि भारत में महामारी खत्म हो चुकी है। उस समय दुनिया के कई दूसरे देशों में संकट गंभीर था और उन्हें मदद की जरूरत थी। हमारी सरकार ने इस दौरान उनकी हर संभव मदद की। सहयोग की यही भावना 2020 की शुरुआत में देशों के बीच देखने को मिली थी। देशों के बीच यही सहयोग हमारे लिए भी टेक्नॉलजी और हेल्थकेयर मदद तक पहुंच का आधार है। भारत ने HCQ और वैक्सीन की आपूर्ति से दूसरे देशों की मदद की और इसी वजह से हमें भी दूसरे देशों से मदद मिली।”

पूनावाला ने आगे कहा, ”हमें समझना होगा कि यह महामारी किसी भौगोलिक या राजनीतिक सीमा में नहीं बंधी है। जब तक वैश्विक स्तर पर हर कोई इस वायरस को हराने में सक्षम नहीं होगा, हम सुरक्षित नहीं हो सकते हैं। ग्लोबल अलायंस के दौर पर हम कोवाक्स के प्रति प्रतिबद्ध हैं, ताकि वे महामारी को हराने के लिए वैक्सीन का दुनियाभर में वितरण कर सकें।” 

पूनावाला ने कहा, ”हम दो सबसे अधिक आबादी वाले देशों में शामिल हैं और इतनी बड़ी आबादी का 2-3 महीने में टीकाकरण नहीं हो सकता है, क्योंकि इसमें कई फैक्टर और चुनौतियां हैं। दुनिया की पूरी आबादी को टीका लगाने में 2-3 साल लग सकता है।” उन्होंने कहा कि एसआईआई ने अब तक 20 करोड़ डोज की आपूर्ति की है, जबकि दो महीने तक अमेरिकी फार्मा कंपनियों से ईयूए नहीं मिला। पूनावाला ने यह भी भरोसा दिया कि भारतीयों की कीमत पर वैक्सीन का निर्यात नहीं किया गया है। साथ ही देश में टीकाकरण अभियान को मजबूत करने के लिए हर संभव मदद पर प्रतिबद्धता जताई।

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