बंगाल में फिर CBI vs दीदी: मंत्रियों की गिरफ्तारी के बाद CBI दफ्तर पहुंचीं ममता; तृणमूल कार्यकर्ताओं ने भी … – Dainik Bhaskar

  • Hindi News
  • National
  • Mamata Banerjee: West Bengal Narda Scam Case Update | Mamata Banerjee TMC Party Firhad Hakim, Madan Mitra Arested By CBI

Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप

कोलकाता5 मिनट पहले

CBI की कार्रवाई के विरोध में तृणमूल कार्यकर्ता जांच एजेंसी के दफ्तर के बाहर जमा हो गए। पुलिस को उन्हें हटाने के लिए हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा।

बंगाल के नारदा केस में एक बार फिर CBI ने जांच तेज कर दी है। जांच एजेंसी ने सोमवार को कई जगह छापे मारे। इसके बाद ममता सरकार में मंत्री फिरहाद हाकिम, सुब्रत मुखर्जी, विधायक मदन मित्रा और पूर्व मेयर शोवन चटर्जी से पूछताछ शुरू की। पूछताछ के बाद सभी को अरेस्ट कर लिया गया। अब इन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा। CBI कोर्ट से इन चारों नेताओं की कस्टडी मांगेगी।

इस कार्रवाई के दौरान एक बार फिर केंद्रीय मंत्री और बंगाल सरकार के बीच तनातनी दिखी। अपने मंत्रियों से पूछताछ के दौरान ही बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी CBI के दफ्तर पहुंचीं। उन्होंने CBI से कहा कि आप मुझे भी गिरफ्तार करिए। सिर्फ TMC नेताओं पर ही कार्रवाई क्यों हो रही है? भाजपा में गए मुकुल रॉय और शुभेंदु अधिकारी पर कोई एक्शन क्यों नहीं लिया जा रहा?

उनके वकील ने भी कहा कि बिना नोटिस के मंत्रियों और विधायक को अरेस्ट नहीं किया जा सकता है। ममता के CBI दफ्तर जाने के बाद तृणमूल कार्यकर्ता भी वहां जमा हो गए। पथराव की भी खबर है। इसके बाद पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा।

छापेमारी के बाद CBI दफ्तर लाया गया
इससे पहले CBI की टीम सोमवार सुबह ही फिरहाद हकीम के घर पहुंची थी। थोड़ी देर की तलाशी के बाद सीबीआई उन्हें अपने साथ ले जाने लगी। इस दौरान उन्होंने कहा कि मुझे नारदा घोटाले में गिरफ्तार किया जा रहा है। इसके बाद CBI सुब्रत मुखर्जी और मदन मित्रा को भी लेकर CBI दफ्तर पहुंची।

इसके अलावा पूर्व भाजपा नेता सोवन चटर्जी के घर पर भी छापेमारी की गई। सोवन ने चुनाव से पहले तृणमूल छोड़कर भाजपा जॉइन की थी। हालांकि, विधानसभा चुनाव में टिकट न मिलने के बाद उन्होंने भाजपा भी छोड़ दी थी।

राज्यपाल से मांगी थी इजाजत
हाल ही में सीबीआई ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ से नारद स्टिंग मामले में इन चारों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए अनुमति मांगी थी। ये सभी उस समय मंत्री थे, जब कथित स्टिंग टेप सामने आया था। चुनाव के फौरन बाद ही राज्यपाल ने CBI को इजाजत दे दी थी।

नारदा स्टिंग के बाद CBI जांच शुरू हुई
2016 में बंगाल में असेंबली इलेक्शन से पहले नारदा न्यूज पोर्टल ने जुड़े टेप जारी किए गए थे। इस स्टिंग ऑपरेशन के बाद दावा किया गया कि टेप 2014 में रिकॉर्ड किए गए हैं। टेप के हवाले से तृणमूल के मंत्री, सांसद और विधायकों पर डमी कंपनियों से कैश लेने के आरोप लगाए गए थे। कलकत्ता हाईकोर्ट में ये मामला पहुंचा था। हाईकोर्ट ने 2017 में इसकी CBI जांच के आदेश दिए थे।

खबरें और भी हैं…

Related posts